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प्रशांत भूषण और योंगेद्र यादव समेत 4 नेताओं को आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया है। कापसहेड़ा में हुई आम आदमी पार्टी की नैशनल काउंसिल की मीटिंग में इन दोनों नेताओं के साथ अजीत झा और प्रफेसर आनंद कुमार की भी छुट्टी कर दी गई है।
भारी हंगामे के बीच शुरू हुई मीटिंग में सबसे पहले आम आदमी पार्टी चीफ अरविंद केजरीवाल का भाषण हुआ। केजरीवाल के भाषण के बाद मीटिंग की अध्यक्षता गोपाल राय ने की और मनीष सिसोदिया ने प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, अजीत झा और प्रफेसर आनंद कुमार को बाहर निकालने का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव पास हो गया और इन चारों नेताओं को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया।
पार्टी के संजोयक अरविंद केजरीवाल करीब 40 मिनट के भाषण के बाद वह सचिवालय के लिए निकल गए। इसके तुरंत बाद प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव भी मीटिंग से बाहर आ गए। बाहर आते ही उन्होंने कहा कि आज लोकतंत्र की हत्या कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मीटिंग में बाउंसर्स की मदद से लोगों को पीटा गया और घटीसा गया।
योगेंद्र यादव ने कहा कि केजरीवाल के भाषण के दौरान गोपाल राय को बैठक की अध्यक्षता सौंपी गई। उन्होंने कहा, 'इसका विरोध हुआ, मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया। रमजान चौधरी ने आवाज उठाई, मगर बाउंसर्स की मदद से उन्हें घसीटकर बाहर निकाल दिया गया। उनकी हड्डी में चोट आई है।' यादव ने कहा कि कई लोगों को वोट देने का मौका नहीं मिला और बोगस वोटिंग भी हुई। जिन्होंने हमारे पक्ष में वोट किया, वे जख्मी हुए पड़े हैं।
प्रशांत भूषण ने कहा कि कल के टेप में जिस तरह से लात मारकर निकालने की बात सुनने में आई थी, उसी तरह से पूरा इंतजाम किया गया है। उन्होंने कहा कि अंदर बाउंसर्स हैं, गुंडे हैं और वे पूरी तैयारी के साथ आए थे कि क्या करना है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल के भाषण के बीच में ही गद्दारों को बार करो जैसे नारे लगने लगे हैं। उन्होंने कहा, 'पूरी स्क्रिप्ट पहले से तय थी। विधायक आज गुंडे बने हुए थे।'
मीटिंग शुरू होने से परहले योंगेंद्र यादव ने परिषद के कुछ सदस्यों को 'भीतर आने की अनुमति नहीं देने' का दावा किया और वह परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए। इस बीच बैठक परिसर के भीतर और आस पास बडी संख्या में एकत्र हुए पार्टी स्वयंसेवकों के एक बडे वर्ग ने यादव के खिलाफ लगातार नारेबाजी की।
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