भारतीय जनता पार्टी की 35वीं वर्षगांठ के मौके पर आज यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित समारोह के लिए वरिष्ठ नेता एवं संस्थापक लालकृष्ण आडवाणी को न्यौता नहीं मिला। श्री आडवाणी के निजी सचिव ने ‘यूनीवार्ता’ को बताया कि स्थापना दिवस के समारोह के लिए न तो कोई सर्कुलर मिला, न कोई निमंत्रण पत्र और न ही संदेश। सचिव ने कहा कि उन्हें पहले मीडिया का काम देखने के नाते वह एसएमएस मिला जो बाकी मीडियाकर्मियों को भेजा गया था।
यह पहला मौका था जब श्री आडवाणी दिल्ली में थे लेकिन न्यौता नहीं मिलने के कारण 11 अशोक रोड पर स्थित पार्टी मुख्यालय में आयोजित समारोह में शरीक नहीं हो पाए। इस समारोह में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू और थावरचंद गहलोत, पार्टी महासचिव राम लाल और दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय सहित कई नेता शामिल थे।
पार्टी की तमाम निर्णायक समितियों से मुक्त किए जाने के बाद श्री आडवाणी अब सिर्फ नवगठित मार्गदर्शक मंडल में हैं। बेंगलुरू में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी उनका नाम वक्ताओं की सूची में नहीं रखा गया था जिससे वह नाराज हो गए थे। ऐन वक्त पर श्री शाह ने उन्हें मनाने और कार्यकारिणी को मार्गदर्शन देने का आग्रह किया था जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था।

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