- दिल्ली के मुख्यमंत्री से इस मुद्दे के समाधान हेतु एक विशेष वर्किंग समूह गठित करने का आग्रह
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा 10 वर्ष से अधिक के डीजल वाहनों को दिल्ली में चलने के लिए प्रतिबंधित करने के अपने आदेश को आज दो सप्ताह तक स्थगित रखने के आदेश पर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने संतोष जताते हुए इसे सांस लेने लायक बताया है ! इसी बीच कैट ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल को एक पत्र भेज कर आग्रह किया है की दिल्ली में पर्यावरण प्रदूषण से जुड़े सभी कारणों और उनके सर्वमान्य समाधान हेतु तुरंत एक "विशेष वर्किंग समूह" गठित करे !
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खण्डेलवाल ने कहा की ट्रिब्यूनल के आदेश की तलवार अभी भी ट्रांसपोर्टर्स पर लटकी हुई है और इसकी गंभीरता को देखते हुए इस समस्या का स्थायी हल निकाला जाना बेहद जरूरी है और इसी दृष्टि से मुख्यमंत्री वरिष्ठ अधिकारीयों और पर्यावरण प्रदूषण से जुड़े सभी पक्षों सहित एक विशेष कार्य समूह गठित करे जो एक समयबध्द सीमा में इससे जुड़े हर पहलुओं का अध्यन करके सरकार को सर्वमान्य सुझाव दे और पर्यवरण सुरक्षा के लिए एक समग्र नीति सरकार द्वारा बने ! सरकार के इस कदम से ट्रिब्यूनल को भी भरोसा होगा की सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है !
कैट ने कहा की डीजल वाहनों पर प्रतिबन्ध लगाने के बजाय इंग्लैंड और अमरीका में पर्यावरण हेतु वाहनों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली आधुनिक तकनीकों सहित विकल्पों पर विचार किया जाना ज्यादा उचित है! उन्होंने कहा की वाहनों को बंद करने के बजाय उन्हें वैकल्पिक साफ़ ईंधन से चलाया जाए इस पर विचार करना चाहिए ! इंग्लैंड में पर्यावरण सुरक्षा के लिए अल्ट्रा लो सल्फर पेट्रोल बहुतायत में इस्तेमाल होता है वहीँ दूसरी ओर अमरकिा के कैलिफ़ोर्निया शहर में एयर रिसोर्स बोर्ड ने ट्रको के पुर्ज़ों को साफ़ रखने ओर कुछ वर्ष बाद उनमें और उपकरण लगाकर चलाने की नीति बनायीं है ! ऐसे विकल्प दिल्ली में भी इस्तेमाल किये जा सकते हैं!
एक अनुमान के अनुसार दिल्ली में लगभग 10 लाख डीजल गाड़ियां हैं जिसमें से लगभग 2 .5 लाख गाड़ियां 10 वर्ष से अधिक की हैं जबकि प्रतिदिन दिल्ली में लगभग 1 लाख डीजल गाड़ियां अन्य राज्यों से प्रवेश करती हैं जिनमें से लगभग 25 हजार गाड़ियां 10 वर्ष से अधिक की हैं ! दिल्ली नगर निगम (टोल टैक्स ) उपनियम 2007 के अनुसार दिल्ली में 122 टोल बैरियर, टोल प्लाजा, टोल चौकियां हैं जिनसे होकर अन्य राज्यों की गाड़ियां दिल्ली में आती हैं! दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 550 करोड़ रुपये का व्यापार होता है जिसमें से लगभग 250 करोड़ रुपये का सामान की आवाजाही 10 वर्ष से अधिक के ट्रकों व अन्य वाहनों से होती है ! क्या नगर निगम के पास इन 122 चौकियों की निगरानी रखने हेतु पर्याप्त कर्मचारी हैं -यह एक बड़ा सवाल है -कहा श्री खण्डेलवाल ने !

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