उत्तराखंड सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल तय !
देहरादून,13 अप्रैल। दिल्ली में आगामी 19 अप्रैल को होने वाली ‘‘किसान रैली‘‘ के बाद कांग्रेस आलाकमान सूबे की कांग्रेस सरकार में कई नये चेहरे शामिल कर पुराने नाकाबिल मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाने की कवायद में जुटा हुआ है। यह कदम सरकार को और गति देने के मकसद से उठाया जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले काफी समय से राज्य मंत्री मंडल में रद्दोबदल करने की मांग भी होती रही है और इसी मकसद से आलाकमान ने राज्य की प्रभारी महासचिव अंबिका सोनी के जरिये देहरादून और हल्द्वानी में मंथन बैठकें करवा कर विधायकों और कार्यकर्ताओं का ष् फीड बैक ष् मंगवाया था। अब इसी के आधार पर फेरबदल होगा। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि मई के आखिर में ए आई सी सी का महाधिवेशन तीर्थनगरी हरिद्वार में होना प्रस्तावित है उससे पहले ही यहां की सरकार जो मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में चल रही है को पूरी तरह से चुस्त दुरुस्त करने की मंशा आलाकमान की है। इसी के मद्देनजर सभी मंत्रियों के डोजियर दिल्ली मंगवाये गये हैं। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुये कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कैसे फेरबदल को अंजाम देती हैं क्योंकि पिछले काफी समय से वे एकाएक सड़़को पर उतर कर खुद नेतृत्व कर रही हैं उससे लगता तो यही है कि वे कड़ा संदेश इस फेरबदल के जरिये दे सकती हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य मंत्रीमंडल में अब परिणाम न देने वाले मंत्रियों सहित विवादों में रहने वाले मंत्रियों के पर कतरे जाने वाले है, वहीँ बाहर किये जाने वाले वालों में वे मंत्री भी शामिल बताये जा रहे हैं जीने कारण बीते विधानसभा सत्र में कांग्रेस की खासी किरकिरी हुई थी. उस समय मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित संसदीय कार्य मंत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश को मजबूरी में विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए मोर्चा संभालना पड़ा था. वहीँ विजय बहुगुणा गुट का भी कांग्रेस नेतृत्व सहित मुख्यमंत्री पर इस बात का दबाव है कि वे उनके खेमे के कम से कम दो विधायकों को मंत्री की कुर्सी मे बैठाये. हालाँकि सूत्रों का तो यह भी कहना है कि स्वयं मुख्यमंत्री हरीश रावत भी राज्य के अधिकांश मंत्रियों की कार्यप्रणाली से खुश नहीं है, क्योंकि गाहे-बगाहे राज्यमंत्रिमंडल के कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने की चर्चाएँ सरे आम हैं जिसके कारण मुख्यमंत्री द्वारा राज्य हित में कई फैसले लिए जाने के बावजूद प्रदेश सरकार द्वारा जनता में सकारात्मक छवि जन -जन तक नहीं पहुँच पा रही है।
नषीली दवाओं पर सख्त हो पुलिस व स्वास्थ्य विभाग: मुख्यमंत्री
देहरादून,13 अप्रैल। देहरादून में नशीली दवाओं पर प्रभावी रोक के लिए सघन अभियान चलाया जाए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, पुलिस व जिला प्रशासन के आला अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाकर रेंडम चैकिंग की जाए। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को बीजापुर में इस संबंध में आयोजित बैठक में छात्र छात्राओं में नशाखोरी की बढ़ती प्रवृŸिा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि स्कूल काॅलेजों के आसपास स्थित पान की दुकानों व मेडिकल स्टोरों पर विशेष नजर रखी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी दवाएं जिनका प्रयोग युवा नशा करने में कर रहे हैं, की सूची तैयार कर यह सुनिश्चित किया जाए कि केवल लाईसेंसी स्टाॅकिस्ट इन्हें डाक्टर के प्रेसक्रिप्सन होने पर ही बेच रहे हों। यह पाए जाने पर कि डाक्टर के पे्रसक्रिप्शन के बिना बेची जा रही हैं तो संबंधित का लाईसेंस निरस्त कर अन्य कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि शहर की शिक्षण संस्थानों के प्राचार्यों के साथ बैठक कर यह स्पष्ट कर दिया जाए कि एक सप्ताह में संस्थान सुनिश्चित कर लें कि उनके हाॅस्टलों व संस्थानों में छात्रों के पास नशे से संबंधित किसी प्रकार की सामग्री न हो। यदि कहीं से भी कोई सूचना मिलती है तो प्रशासन संस्थानों व हाॅस्टलों में जांच करवा सकता है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग, पुलिस व जिला प्रशासन के आला अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाकर मेडिकल स्टाॅरों के लाईसेंस, स्टाॅक व रजिस्टरों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए। यह चेतावनी जारी कर दी जाए कि शिक्षण संस्थानों के निकट पान आदि की दुकानो ंपर तम्बाकू या अन्य पदार्थ पाउच में बेचा जाता है तो वह भी शक के दायरे में होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों की भी जिम्मेवारी तय की जाए और यदि किसी स्तर पर संलिप्तता या लापरवाही पाई जाती है तो कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। नशे के आदी हो चुूके युवाओं से नशे की आदत छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति केंद्रों की सहायता ली जाए। पुलिस अपने खुफिया तंत्र को नशे के नेटवर्क का पता लगाने में जुटाए। जहां से नशे की आवक होने की सूचना मिल रही है वहां विशेष रूप से ध्यान दिया जाए। बैठक में मुख्य सचिव एन रविशंकर, डीजीपी बीएस सिद्धू, डीएम देहरादून रविनाथ रमन, एसएसपी पुष्पक ज्योति सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
भाजयुमो ने फूंका कांग्रेस सरकार का पुतला, बिजली समस्याओं को लेकर भड़का आक्रोश
- एक तरफ कटौती और दूसरी तरफ कीमत में बढ़ोतरी
देहरादून, 13 अप्रैल(निस)। भारतीय जनता युवा मोर्चा की नगर इकाई ने बिजली समस्याओं को लेकर कांग्रेस सरकार का पुतला फूंका। भाजयुमो महानगर अध्यक्ष विपिन राणा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने ग्लोब चैक पर राज्य सरकार का पुतला फूंका। वक्ताओं ने कहा कि सरकार कह रही है कि राजधानी को बिजली कटौती से पूरी तरह से मुक्त करने की बात कर रही है। लेकिन राजधानी में ही कटौती हो रही है। बिजली लाइनों के तार ढीले है। इससे रोजाना लोगों को बिजली की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। इसके बाद भी सरकार ने बिजली की दरें बढ़ा दी हैं। इस मौके पर नीलम सहगल, आनंद नौटियाल, हिमांशु पैन्युली, दीप गुप्ता, दीप गुप्ता, संजीव शर्मा, पवन माटा, कार्तिक जेटली, प्रदीप आनंद, विनोद महर, संजीव शर्मा, राहुल रावत समेत तमाम भाजयुमो कार्यकर्ता मौजूद रहे।
मल्टी यूनिट भवन का नक्शा आवासीय में नियम की खामी का फायदा उठा रहे एमडीडीए अफसर
- एमडीडीए को हो रहा राजस्व का नुकसान
देहरादून, 13 अप्रैल(निस)। एमडीडीए के अफसर नक्शा पारित करने के एक नियम का मल्टी यूनिट भवनों को नाजायज लाभ दे रहे हैं। मल्टी यूनिट भवनों को आवासीय बताकर नक्शे पारित किए जा रहे हैं। इससे एमडीडीए को राजस्व की हानि हो रही है है और मल्टी यूनिट वाले मोटी कमाई कर रहे हैं। एमडीडीए तीन तरह के भवनों के नक्शे पारित करता है। आवासीय भवनों के नक्शे पास करने के लिए सड़क की चैड़ाई की कोई बाध्यता नहीं है। इसके विपरीत मल्टी यूनिट और हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए सड़क की चैड़ाई तीस मीटर होना अनिवार्य है। इस मामले में हाउसिंग प्रोजेक्ट को एक छूट यह है कि अगर सड़क की चैड़ाई 30 मीटर से कम है तो प्रोजेक्ट अपनी आगे की जमीन सड़क के लिए छोड़ देता है। लेकिन मल्टी यूनिट के लिए यह छूट नहीं है, क्योंकि ये बनते ही बेहद कम जगह में। अब मिलीभगत करके मल्टी यूनिट भवनों को आवासीय में दिखाकर नक्शा पारित किया जा रहा है। शहर में इस तरह के मल्टी यूनिट भवनों की बाढ़ सी आ गई है। एमडीडीए के इस काम से एक तो अवैध मल्टी यूनिट भवन खड़े हो रहे हैं तो दूसरी तरफ एमडीडीए को राजस्व का नुकसान हो रहा है। नियमानुसार अगर मल्टी यूनिट भवन का ही नक्शा पारित होता है तो एमडीडीए को 50 हजार रुपये प्रति फ्लैट की दर से डेवलपमेंट चार्ज भी मिलता है। एक मल्टी यूनिट भवन में अधिकतम छह फ्लैट बनते हैं। ऐसे में एमडीडीए को एक भवन पर तीन लाख रुपये के राजस्व की क्षति हो रही है। अगर निष्पक्षता से जांच की जाएं तो शहर में बने अधिकांश मल्टी यूनिट भवन इसी तरह से अवैध पाए जाएंगे।
डाक्टरों की हड़ताल से मरीज हलकान, पीएमएस संघ ने स्वास्थ्य मंत्री को दिया मांग पत्र
- मांगें : डा.जोशी को तत्काल रिहा किया जाए, प्रकरण की विभागीय जांच की जाए
- साजिशकर्ता को सख्त सजा दी जाए, निजी प्रेक्टिस पर स्पष्ट निर्देश का आग्रह
देहरादून, 13 अप्रैल(निस)। उत्तराखं प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के आह्वान पर आज प्रदेशभर में सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों ने ओपीडी का बहिष्कार किया। इससे मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। अलबत्ता गंभीर मरीजों को उपचार जरूर किया गया। काशीपुर के सीएमएस डा.बीसी जोशी की विजिलेंस द्वारा की गई गलत गिरफ्तारी से पीएमएस संघ में उबाल आ गया। संघ ने इसके विरोध में ओपीडी के बहिष्कार का निर्णय लिया था। इसी क्रम में आज प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों ने ओपीडी का बहिष्कार किया। इससे मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। राहत की बात यह रही कि चिकित्सकों ने मानवीय आधार पर गंभीर मरीजों का उपचार किया। बाद में संघ की एक बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री को एक ज्ञापन दिया गया है। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि ऐसा करके साजिशन डाक्टरों और विभाग की छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। मंशा यह है कि नए आने वाले डाक्टर यहां अपनी सेवाएं न दे सकें। स्वास्थ्य मंत्री को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि डा. जोशी को तत्काल प्रभाव से रिहा करने के साथ ही पूरे प्रकरण की विभागीय जांच कराई जाए। ताकि साजिश करने वालों का पर्दाफाश करके उसे कठोर दंड दिया जा सके। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जस्टिस मारकंडेय काटजू और जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा की बेंच के आदेश को ध्यान में रखते हुए दो सप्ताह के अंदर यह तय किया जाए कि सरकारी डाक्टर की ड्यूटी टाइम के अलावा निजी प्रेक्टिस के तहत घर पर गंभीर मरीजों के साथ ही वीआईपी लोगों का इलाज या फिर चिकित्सकीय सलाह दी जा सकती है या नहीं। संघ ने विभागीय मंत्री से यह भी आग्रह किया है कि राजपत्रित अवकाश के दिनों में ओपीडी खोलने के औचित्य को भी बताया जाए। बैठक में संघ अध्यक्ष डा. वीरेंद्र सिंह जंगपांगी, महासचिव डा. एसके गोस्वामी, डा. केसी पंत, सीएमएस डा. असवाल, डा. मेघना असवाल,डा. एनएस खत्री, डा. एसडी जोशी, डा. जेपी देवशाली समेत अन्य चिकित्सक मौजूद रहे।

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