गिलानी और मसरत आलम नजरबंद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 16 अप्रैल 2015

गिलानी और मसरत आलम नजरबंद

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता सैयद अली शाह गिलानी को नजरबंद कर लिया गया है। जम्मू-कश्मीर सरकार के फैसले के बाद गिलानी को उनके ही घर में नजरबंद कर लिया गया है। गिलानी बुधवार को श्रीनगर में हुई उस रैली में शामिल हुए थे। जिसमें भारत विरोधी नारे लगाए गए थे। इस रैली में गिलानी का करीबी मसरत भी शामिल था।

बुधवार को श्रीनगर में भारत के खिलाफ जहर उगलने वाला मसरत आलम अभी भी आजाद घूम रहा है। केंद्र और राज्य सरकार के तमाम दावों और बयानों के बावजूद अब तक मसरत को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। बुधवार को संविधान के खिलाफ जाकर अलगाववादियों ने भारत विरोधी प्रदर्शन किए, पाकिस्तानी झंडे लहराए और भारत विरोधी नारे लगाए। इतना करने के बाद फौरन उसकी गिरफ्तारी होनी चाहिए थी। लेकिन मसरत अब तक आजाद है। हर कोई एक ही सवाल पूछ रहा है आखिर कब गिरफ्तार होगा मसरत गद्दार।

बीजेपी नेता अली मोहम्मद मीर ने कहा कि उसके चीखने चिल्लाने से कुछ नहीं होगा। देश भक्ति हमारे कुरान में लिखा हुआ है। उसने गलत किया। हम उसकी निंदा करते हैं और कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए, इसकी मांग करते हैं। वहीं रक्षा विशेषज्ञ एस.आर सिन्हा ने कहा कि जो रैली की है वो भारतीय संविधान के खिलाफ है। देश के लिए सबसे बड़ी गद्दारी है। इनको तुरंत जेल के अंदर बंद करना चाहिए। जिस शख्स की रिहाई को लेकर ही हायतौबा मची थी, घाटी में पत्थरबाजी का चेहरा बन चुका वो शख्स जब अवाम के बीच आया तो उसकी असलियत सामने आ गई। फिर तो हर तरफ से गद्दार मसरत की गिरफ्तारी की मांग तेज हो गई। राज्य में पीडीपी के नेता और मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को बयान देने के लिए मजबूर होना पड़ा।

मुख्यमंत्री के इस बयान से पहले ही केंद्र सरकार और राज्य में पीडीपी सरकार की सहयोगी बीजेपी का सख्त नजरिया सामने आ गया। इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय फौरन हरकत में आया। सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने फोन पर मुफ्ती मोहम्मद सईद से बात की। राजनाथ ने मुफ्ती से मसरत को फौरन गिरफ्तार करने को कहा। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार में सहयोगी शिवसेना ने तो राज्य सरकार को बर्खास्त करने तक की मांग कर दी। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि जब रिहाई का आदेश निकाला था तब हम सभी शिवसेना ने कहा मसरत आलम हिंदुस्तान का विरोधी है। जम्मू कश्मीर की सरकार बर्खास्त होनी चाहिए। हालांकि राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि मसरत की गिरफ्तारी को लेकर कोई दबाव नहीं है और सरकार कानून के मुताबिक काम करेगी। लेकिन सूत्रों का दावा है कि मसरत की गिरफ्तारी का दबाव बढ़ गया है। इसी दबाव का नतीजा है कि अली शाह गिलानी, मसरत आलम और बशीर अहमद भट जैसे अलगाववादियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। अब हर तरफ से मसरत को जवाब देने की मांग की जा रही है।

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