विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान जाहिर किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा सुधार पर ध्यान दिए जाने के कारण अगले कारोबारी साल में भारत की विकास दर 7.5-8 फीसदी रहेगी। ये अनुमान मंगलवार को दोनों संस्थानों ने अलग-अलग जारी की गई अपनी रपट में दिए है। विश्व बैंक ने दक्षिण एशिया आर्थिक फोकस और आईएमएफ ने विश्व आर्थिक परिदृश्य जारी किए। दोनों संस्थानों के मुताबिक निवेश केंद्रित विकास और तेल मूल्य में गिरावट का लाभ भारत को मिलेगा।
आईएमएफ ने कहा है कि चीन की विकास दर इस साल घटकर 6.8 फीसदी और अगले साल 6.3 फीसदी रहेगी। वहीं भारत की विकास दर गत वर्ष 7.2 फीसदी से बढ़कर इस साल 7.5 फीसदी रहेगी। विश्व बैंक के मुताबिक 2016-18 के दौरान निवेश वृद्धि दर 12 फीसदी रहेगी और इसके कारण देश की विकास दर 2015-16 में 7.5 फीसदी और 2017-18 में आठ फीसदी तक पहुंच सकती है।
गत सप्ताह वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने जहां भारतीय परिदृश्य को स्थिर से बेहतर कर 'सकारात्मक' कर दिया वहीं एक अन्य वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने स्थिर परिदृश्य को बरकरार रखा। इसी तरह समृद्ध देशों के थिंक टैंक ऑर्गनाइजेशन फॉर इकॉनॉमिक कॉपरेशन एंड डेवलपमेंट ने कहा कि भारत की विकास दर बढ़ेगी, वहीं एशियाई विकास बैंक ने भी कहा कि देश की विकास दर 2015-16 में 7.8 फीसदी तथा 2016-17 में 8.2 फीसदी रहेगी।
तेल मूल्य घटने के संदर्भ में विश्व बैंक ने भारत को सलाह दिया है कि यह प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए उत्पादकता बढ़ाने और टिकाऊ विकास के लिए ढांचागत सुधार करने का एक अवसर है। बैंक ने कहा है कि भारत में चुनाव बाद माहौल में आई सरगर्मी और तेल की कम कीमत संरचनागत सुधार करने का एक अवसर है। विश्व बैंक के दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए मुख्य अर्थशास्त्री मार्टिन रामा ने कहा है कि सस्ता तेल ऊर्जा कीमतें सुसंगत करने, सब्सिडी के वित्तीय बोझ को कम करने और पर्यावरणीय टिकाऊपन में योगदान करने का एक अवसर है।
निर्यात पर चिंता जताते हुए विश्व बैंक ने कहा है कि क्षेत्र का निर्यात प्रदर्शन चिंताजनक है। गत वर्ष शानदार प्रदर्शन करने के बाद निर्यात अब घट रहा है। 2014 के अंत तक क्षेत्र की निर्यात विकास दर लगभग शून्य हो गई। रुपये की मजबूती का उल्लेख करते हुए आईएमएफ ने कहा है कि अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं से अलग भारत की मुद्रा में वास्तविक प्रभाव के संदर्भ में करीब 10 फीसदी मजबूती आई है। दोनों ही संस्थानों ने कहा कि भारत में महंगाई नियंत्रण में रहेगी। आईएमएफ ने कहा है कि भारत में महंगाई दर 2015 में लक्ष्य के आसपास रहने की उम्मीद है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में आईएमएफ ने कहा कि अगले साल थोड़ी सुधार होगी। उसने कहा है कि समग्र तौर पर वैश्विक विकास दर 2015 में 3.5 फीसदी और 2016 में 3.8 फीसदी रह सकती है।
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