आज से पूरे सप्ताह नगर होगा श्रीमद भागवत कथा ज्ञान गंगा में सराबोर, नगर में निकलेगी भव्य शोभायात्रा
झाबुआ---श्री मद भागवत कथा ज्ञान गंगा समिति द्वारा पूराना हाउंसिंग बोर्ड कालोनी स्थित श्री तीर्थेन्द्रधाम पर कथा व्यास डा, स्वामी कृष्णषरण देवजी महाराज के श्रीमुख से ज्ञानगंगा प्रवाहित होनें का दुर्लभ अवसर आज से नगर की जनता को सात दिनों तक प्राप्त होगा । आज 12 अप्रेल को शहर में निकाली जाने वालीे शोभा यात्रा एवं कलश यात्रा के तयषुदा कर रूट के अनुसार शोभा यात्रा एवं कलश यात्रा प्रातः 9 बजे पैलेस गार्डन से शुरू होगी, जो राजवाड़ा चैक, आजाद चैक, बाबेल चैराहा, थांदला गेट, बस स्टेंड, उत्कृष्ट विद्यालय, विवेकानंद काॅलोनी, पुराना हाउसिंग बोर्ड होती हुई तीर्थेन्द्र नगर कार्यक्रम स्थल पर पहुुचेगी। इस दौरान विशेष बग्गी में डाॅ. कृष्ण शरण देवजी महाराज विराजित रहेंगे। कलश यात्रा में 101 कलश लेकर बालिकाएं चलेगी। पूरा नगर आज तीर्थवत बन जायेगा तथा शोभायात्रा का नगर के हर चैराहे पर पुष्पवर्षा कर अभिनंदन-स्वागत किया जावेगा ।
कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील
समिति के हर्ष भट्ट, नीरज राठौर एवं गोपालसिंह पंवार ने बताया कि 12 अप्रेल को आयोजित शोभायात्रा की समापन तीर्थेन्द्र नगर पर होगा । 13 अप्रेल से स्वामीजी के श्रीमुख से भागवत कथा दोपहर 3 बजे से प्रारंभ होगी । विषेष रूप से 15 अप्रेल को कृष्ण प्राकट्य एवं नंदोत्सव आकर्षण का केन्द्र रहेगा । परमात्मा की साक्षात अनुभूति कथा के दौरान हर श्रद्धालु को प्राप्त होगी । 16 अप्रेल को गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट महोत्सव का अभिनव आयोजन कथा के दौरान होगा । 17 अप्रेल को रूकमणी विवाह का आयोजन होगा एवं इस अवसर पर ब्रजधाम की तरह फुलो की होली खेली जावेगी । 18 अप्रेल का भक्त एवं भगवान का मार्मिक प्रसंग सुरदामा चरित्र एवं परिक्षित मोक्ष की कथा में श्रीमद भागवत कथा के सम्पूर्ण सार का निचोड साकारता प्रदान करेगा । 19 अप्रेल को पूर्णाहूति एवं महाप्रसादी का आयोजन प्रात5 9 बजे से होगा। श्रीमद् भावगत ज्ञान गंगा समिति के सदस्य राधेश्याम परमार, मोहन माहेश्वरी, अजय रामावत, कन्हैयालाल राठौर, नाना राठौर, किशन माहेश्वरी, शेष नारायण मालवी, अर्चना राठौर, हंसा झाला, नलिनी बैरागी, किर्ती देवल, लता देवल, किरण देवल, रजत भाटी, हर्ष भट्ट, राजेन्द्र सोनी, विक्की पंवार, राघवेन्द्रसिंह सिसौदिया, राधेश्याम पटेल, दीपक व्यास आदि ने सात दिवसीय भागवत कथा में बड़ी संख्या में शामिल होकर धर्मलाभ लेने अपील की है।
महात्मा ज्योतिबा फुले का जीवन ही हम सबके लिये सन्देष- शांतिलाल चैहान
- माली समाज ने ज्योतिबा फुले की जन्म जयंती मनाई ।
झाबुआ---महात्मा ज्योति बा फुले न सिर्फ माली समाज के वरन देष के आजादी के आन्दोलन में भी उनकी भूमिका का नकारा नही जासकता है । महात्मा जैसे कार्यो के कारण उन्हे यह गौरवषाली स्थान भारत के इतिहास में प्राप्त हुआ है । 11 अप्रेल 1827 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ था । उनका असली नाम ज्योतिराव गोविंदराव फुले था । 19 वी सदी के एक बडे समाज सुधारक के रूप मेुं उन्हे समरण किया जाता है । समाज सुधार के क्षेत्र में उन्होने अपने जीवनकाल में षिक्षा,कृषि जाति प्रथा और महिला सषक्तिकरण के कार्य में अनुकरणीय कार्य किया । देष में 1848 में पहली बार उन्होने लडकियों के लिये पुणे में पहली पाठषाला की स्थापना की थी । ष्षुद्रो पर हो रहे शोषण के खिलाफ आवाज उठाने का श्रेय भी उन्हे ही जाता है । ऐसे देष के महान सपूत को स्मरण कर हम सभी गौरवान्वित है। उक्त बात आज स्थानीय बाडी हनुमान मंदिर परिसर में महात्मा ज्योति बा फुले की जन्म जयंती के अवसर पर संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि शांतिलाल चैहान ने व्यक्त किये । महात्मा ज्योति बा फुले के जन्म दिवस पर स्थानीय बाडी हनुमान मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सेवा निवृत व्याख्याता शांतिलाल चैहान, अध्यक्षता महेन्द्रसिंह गेहलोत व विषेष अतिथि पूर्व नपा उपाध्यक्ष विजय चैहान, थे। ज्योतिबा फुले एवं सावित्री फुले के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर समाज जनों में उनका स्मरण किया तथा उनके बताया मार्गो पर चल कर समाजोत्थान का संकल्प लिया । इस अवसर पर महेन्द्रसिंह गेहलोत ने अपने प्रभावी उदबोधन में महात्मा ज्योति बा फुले को महान समाज सुधारक बताते है कहा कि उनके किसानों और नीचले वर्ग के लोगों के अधिकारों के लिये किये गये अथक परिश्रम की वजह से उन्हे महाराष्ट्र उस सदी के समाज सुधारकों की सूची में विषेष स्थान दिया गया । इस अवसर पर विजय चैहान ने कहा कि महात्मा ज्योति बा फुले ने मुस्लिक हिनदु,ईसाई सिक्ख सभी सम्प्रदायों की एकता के लिये कार्य किया । स्वयं संविधान निर्माता बाबा साहेब आम्बेडकर भी उन्हे अपना गुरू मानते थे । पण्डित जवाहर लाल नेहरू भी उनसे काफी प्रभावित थे । उन्होने 24 सितंबर 1973 के सत्यषोधक समाज की स्थापना की । वे ही इस संस्था के पहले कार्यकारी व्यवस्थापक तथा कोषाध्यक्ष रहे । वही सावित्री बाई फुले ने भी नारी मुक्ति आन्दोलन में अग्रणी भूमिका निभाई । सति प्रथा, बाल विवाह तथा विधवा विवाह को लेकर उन्होने समाज को बदलने के लिये सक्रियता से कार्य किया वे देष की पहली महिला अध्यापिका रही । महात्मा फुले एवं सावित्री फुले का जीवन ही हम सब के लिये अनुकरणीय है। उन्होंने समाज को संगठित व एकजुट होने का आव्हान किया तथा आगामी समय में जिले के अन्य क्षैत्रों में भी इस प्रकार के आयोजन के लिये बैठक कर समाज को गति देने की बात कही। करीब 2 घण्टे तक चले कार्यक्रम में सभी ने महात्मा ज्योति बा फुले के जीवन से षिक्षा प्राप्त कर सषक्त एवं एकता के सूत्र से बंधा भारत बनाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन मदनलाल अंडेरिया ने एवं आभार विनोद गेहलोत ने मान। इस अवसर पर चंदु भाई माली, सुखदेव गेहलोत, हेमेन्द्रसिंह चैहान, बाबुलाल अजमेरा, उच्छबलाल चैहान, सोहनभाई, प्रदीप माली, निलेष परखुन, प्रवीण चैहान, दीपक गेहलोत, बंटी माली के अलावा समाज के युवाजन एवं महिलायें उपस्थित थे।
युवतियों ने की साक्षरता की पहल
झाबुआ---जिले के ग्राम बिलिडोज में युवतियों ने अपने गाॅव को साक्षर बनाने हेतु मुहीम को प्रारम्भ किया है। जिसके अन्तर्गत शारदाविद्या किषोरी समुह द्वारा घर-घर जा कर निरक्षर लोंगों का साक्षर बनाने हेतु प्रयास किया जा रहा है। पिछले 45 दिनों में समुह द्वारा 40 ग्रामीणों का साक्षर किया है। तथा यह मुहीम के माध्यम से जल्द ही पूर्ण ग्राम को साक्षर बनाया जाएगा।
चोरी का प्रकरण पंजीबद्व
झाबुआ--फरियादी अब्दुल रहीम पिता अब्दुल मजीद मुसलमान, उम्र 52 वर्ष निवासी केसुर हतर मोहल्ला थाना सादलपुर जिला धार ने बताया कि वह कंपनी पीथमपुर से तुफान मैक्स क्र0एम0पी0-11 टी आरएस/8739 को डीलेवरी हेतु सुरत गुजरात जा रहा था, मेधनगर नाके पर एक व्यक्ति ने हाथ दे कर गाडी रोकी व बोला मुझे दाहोद तक छोड दो, उसने उसे बिठा लिया, रानापुर रोड पर पेशाब करने के लिये उतरा, तभी अज्ञात आरोपी वाहन चालू कर चोरी कर ले गया। प्र्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 251/2015 धारा 379 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
पत्नि के पीयर जाने की जिद पर पति ने कि पत्थर मार कर हत्या
झाबुआ--- फरियादी कैलाश पिता शैतान मेडा, उम्र 30 वर्ष निवासी बेहडदा ने बताया कि आरोपी गोविन्द्र पिता नाहरसिंह डामर, निवासी बेहडदा व उसकी पत्नि चिलुबाई गुजरात से मजदुरी करके घर जा रहे थे। पाडलघाटी से घर आते समय चिलुबाई पियर जाने की जिद करने लगी। आरोपी ने उसकी पत्नी चिलुबाई के सिर में पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी। प्र्रकरण में थाना मेघनगर में अपराध क्रमांक 129/15, धारा 302 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया
गो-वध का अपराध पंजीबद्ध
झाबुआ---आरोपी भीमसिंह पिता कन्नु भाबोर, उम्र 25 वर्ष निवासी जामनिया, वाहन क्र0 एमपी0-45-जी-0971 का मालीक अपने वहन में आठ केडे ठुस-ठुस कर भरे हुए ले जा रहा था, जिसे रंगे हाथों पकडा। थाना मेघनगर में अप0क्र0 72/15, धारा 4,6,6 म0प्र0गोवध प्रति0 अधिनियम 2004 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें