कांग्रेस ने मोदी सरकार को किसान और गरीब विरोधी करार देते हुए आज आरोप लगाया कि वह किसानों की जमीन छीनकर उद्योगपतियों को सौंपना चाहती है और इसीलिए भूमि अधिग्रहण कानून को कमजोर कर रही है । पार्टी ने इसका पुरजोर विरोध करने का संकल्प जताया और कहा कि वह किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देगी और उनकी आवाज बनेगी। कांग्रेस ने यहां रामलीला मैदान में एक बड़ी किसान खेत मजदूर रैली आयोजित कर मोदी सरकार द्वारा जारी भूमि अधिग्रहण अध्यादेश तथा उसकी कथित किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ संसद से सड़क तक संघर्ष जारी रखने का एलान किया। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और दो माह के अवकाश के बाद लौटे उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि उसकी कथनी और करनी में भारी फर्क है और वह किसानों की जमीन अधिग्रहीत कर इसे चंद उद्योगपतियों को सौंपना चाहती है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार ने 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून में निजी कंपनियों के हित में बदलाव किए हैं। भाजपा दावा करती है कि इससे विकास, सिंचाई और रोजगार मिलेगा लेकिन वह उनसे पूछना चाहती हैं कि क्या 2013 के कानून में ये प्रावधान नहीं थे। उन्होंने कहा कि किसान अपनी जमीन बेचना चाहते हैं या नहीं, यह देखे बिना सरकार निजी कंपनियों के लिए ही भूमि का अधिग्रहण करना चाहती है श्री राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि श्री मोदी उद्योगपतियों का कर्जा उतारने के लिए किसानों की जमीन छीनकर उन्हें दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि श्री मोदी ने चुनाव जीतने के लिए प्रचार के दौरान उद्योगपतियों से हजारों करोड़ रुपये का कर्जा लिया था, जो गुजरात माॅडल के प्रचार पर खर्च हुआ। उन्होंने उद्योगपतियों को विश्वास दिलाया था कि यदि वह प्रधानमंत्री बन गये तो जिस तरह गुजरात में किसानों से जमीन ले लेते हैें, उसी तरह देश भर में जमीन लेकर उद्योगपतियों को दे देंगे। उन्होंने कहा कि अब वह भूमि अधिग्रहण कानून और किसानों को कमजाेर कर उनकी जमीन उद्योगपति दोस्तों को देकर उनका कर्ज चुकाना चाहते हैं।
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