सरकारी अस्पताल नरकटियागगंज में जबासु मे छव माह से आवंटन नहीं
- फरवरी 2015 से जन्म प्रमाण पत्र का प्रपत्र नहीं परेशानी
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) नरकटियागंज प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के अन्तर्गत जननी बाल सुरक्षा योजना में राशि का आभाव है। उपर्युक्त जानकारी देते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डीएन ठाकुर ने बताया कि राशि की अनुपलब्धता अक्टूबर 2015 से है। श्री ठाकुर ने बताया कि 17 अक्टूबर 2014 को चेक बना था। उसके बाद से राशि के आभाव में उन माताआंे को सरकारी कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं दिया जा सका है। पूछे जाने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि जननी बाल सुरक्षा योजना मद में अभी आवंटन प्राप्त नहीं है। इसलिए इसके हकदारों को किसी प्रकार का चेक उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। सरकारी अस्पताल में अभी जन्म प्रमाण पत्र बनाया जाने वाला प्रपत्र क का आभाव भी है। जिसके कारण अस्पताल परिसर में जन्म लेने वाले नये भारतीय नौनिहालो का जन्म प्रमाणपत्र माह फरवरी 2015 से अब तक नहीं बन सका है।
ताल से ताल मिला, नियोजित शिक्षक बनाम नियमित शिक्षक, गौनाहा प्रखण्ड का मामला
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) राजकीय प्राथमिक विद्यालय पिपरा (उर्दू) में संचालित राजकीय प्राथमिक विद्यालय पचरूखिया में पदस्थापित नियमित शिक्षक जो प्रधान शिक्षक के प्रभार में है। हड़ताली नियोजित शिक्षकांे के ताल से ताल मिला रहे हैं। शुक्रवार को जब संवाददाताओं की टीम 10 बजकर 24 मिनट पर विद्यालय पहुँची तो पाया कि विद्यालय का ताला बन्द पाया गया। ग्रामीणों ने बताया कि पंचरूखिया स्कूलवा त काल्हे खुलल रहे आज काहे बन्द बा हमनी का नइखे मालूम। एह स्कूलवा में एतवार के छुटी रहेला आ उर्दू वाला में शुक के दिने। स्थानीय लोगांे व छात्रों का कहना है कि हड़ताली शिक्षकांे के साथ उन्हीं लोगों के हम कदम बनकर रह गये है। उर्दू स्कूल शुक्रवार को बन्द रहता है तो हिन्दी स्कूल रविवार को बन्द रहता है किन्तु यहाँ के हालात कुछ अलग अलग है।
मुस्ताक अहमद के भरोसा पर करीब साढे तीन सौ विद्यार्थी पिपरा मध्य विद्यालय
नरकटियागंज(पश्चिम चम्पारण) स्थानीय अनुमण्डल के गौनाहा प्रखण्ड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय पिपरा में हड़ताल के बावजूद उम्रदराज प्रधान शिक्षक मुस्ताक अहमद अपने कत्र्तव्य पर डटे रहे। उन्हांेने बताया कि नियोजित शिक्षकों के हड़ताल पर जाने के बावजूद विद्यालय में 330 नामांकित बच्चांे की शिक्षा का जिम्मा संभाल रहा हूँ। विद्यालय में बच्चांे को मिलने वाली पोशाक राशि और छात्रवृति राशि का वितरण किया जा चुका है। विद्यालय में चार नियोजित शिक्षक है जो हड़ताल पर है। करीब 70 प्रतिशत छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहते है जिनमें मध्यान्ह भोजन के उपरान्त 10 प्रतिशत छात्र वापस नहीं आते है। श्री अहमद ने बताया कि विद्यालय की चाहरदिवारी नहीं होने के कारण बच्चे भोजन के बाद भाग जाते है। इतना ही नहीं विद्यालय में एक शिक्षक के भरोसे करीब साढे तीन सौ विद्यार्थी है तो उसमें कुछ तो भाग ही जाते है। फिर भी हड़ताली शिक्षकों के विद्यालय नहीं आने के बावजूद विद्यालय अच्छे ढंग से संचालित हैं।

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