देवर सुबोध ही विधायक भाभी ममता की राह में बन रहा रोड़ा !
देहरादून,17 अप्रैल। भगवानपुर सीट से उपचुनाव जीतने के बाद जहां ममता राकेश की असल राजनैतिक समझ की परीक्षा होनी है वहां उसके अपने सगे ही उसकी डगर को मुश्किल बनाने पर आमदा हैं। ममता राकेश के देवर सुबोध राकेश जो इस सीट से उपचुनाव लडने के खासे मूड में थे अब ममता की जीत के बाद अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। सुबोध की बाहुबली वाली छवि से जहां आमजन उनसे खासे नाराज हैं वहीं उनके तीखे तेवरों को लेकर कांग्रेस के भीतर अंर्तविरोध शुरू हो चुका है। हालात यहां तक आ पहुंचे है कि यदि सुबोध ने कांग्रेस के प्रति अपना रवैया न बदला तो ममता राकेश के राजनैतिक भविष्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र राकेश के निधन के बाद उनकी पत्नी ममता राकेश को कांग्रेस पार्टी ने भगवानपुर उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी बनाया था। वहीं ममता के देवर सुबोध राकेश इसे अपने राजनैतिक कैरियर में एक बडे मौके के रुप में देख रहे थे। सुबोध इस मौके को भूना विधानसभा में अपनी एंट्री पुख्ता करना चाह रहे थे। क्योंकि सुरेन्द्र राकेश के समय वह इस विधान सभा क्षेत्र में काफी सक्रिय थे और सुरेन्द्र राकेश के निधन के बाद वे उनकी सीट से चुनाव लड़ने के लिए अपनी दावेदारी के बारे में आश्वस्त भी थे। लेकिन कांग्रेस ने उनकी बाहुबली वाली छवि को देखते हुए उनको उतारने से परहेज किया और भगवानपुर सीट से सुरेन्द्र राकेश की पत्नी ममता को चुनाव मैदान में उतार दिया। जिसके बाद से स्वर्गीय सुरेन्द्र राकेश के भाई सुबोध राकेश कांग्रेस से नाराज हो गये थे। चर्चा तो यहाँ तक है कि चुनाव प्रचार के दौरान भी वह कांग्रेसी नेताओं की खिलाफत करते नजर आए। बताया जा रहा है कि एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता से तो उन्होंने चुनावी सभा के दौरान खुलेआम अभद्रता भी की थी। कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि सुबोध चाहते ही नहीं थे ममता यह उपचुनाव जीते क्योंकि इस स्थिति में आने वाले चुनाव में यह सीट हमेशा के लिये उनके हाथ से निकल जाने वाली थी। लेकिन कांग्रेस की मेहनत व जोडतोड के चलते ममता यह सीट भारी अन्तर से जीत गयी। शायद इसने सुबोध के राजनैतिक कैरियर पर एक विराम लगा दिया है। यह बात सुबोध शायद हजम नहीं कर पा रहे हैं और वह अब अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। अब स्थिति यह हो गयी है कि सुबोध का बडबोलापन कहीं ममता राकेश के राजनैतिक कैरियर पर भारी न पड जाये। वहीं दूसरी ओर इस सबसे बेखबर ममता राकेश बीरवार को मुख्यमंत्री से मिलने पहुंची थी । वहीँ ममता के चुनाव जीतने के बाद अचानक मंत्री पद पाने वाले बयान के पीछे मदन कौशिक से लेकर स्वर्गीय सुरेन्द्र राकेश तक के खेमे में पैठ बना चुके किसी शरद नाम के व्यक्ति का नाम की भी खासी चर्चा है कि उसी के कहने पर ममता राकेश ने चुनाव जीतते ही अपने पति की जगह मंत्री की कुर्सी पर बयान देकर दांव खेला.
पुलों में हो रहा खेल , जनता करोड़ों खर्च होने के बाद भी काट रही काला पानी की सजा
- डोबरा चांठी पुल पर बिना बने खर्च हुए 200 करोड़, आठ जान लेने के बाद भी श्रीनगर का चैरास पुल नहीं हो पाया तैयार
- उत्तरकाशी जिले में बनते ही टूटे चार पुल
देहरादून,17 अप्रैल। उत्तराखण्ड में भ्रष्टाचार घपले घोटाले व कमीशनखोरी लोगों की जिंदगी लील रही है यह किसी से छिपा नहीं है कि लोक निर्माण महकमे में कमीशनखोरी एक खुला खेल है यह एक ऐसा गोरख धंधा है जिसमे इंजिनियर से लेकर नौकरशाहों और राज नेता तक शामिल हैं हर साल अरबों की लागत से बनने वाले सड़कों और पुलों से छनकर कमीशन की मोटी रकम इंजिनियर से लेकर राज नेताओं तक की झोली में बेरोकटोक पहुँच रही है । कमीशन खोरी का आलम यह है की सड़कों से लेकर पुलों तक की गुणवत्ता को अनदेखा कर अपनी जेबें भरी जाती है और हादसों में आम लोगों की जाने जाती हैं । इसके बावजूद न तो नेताओं के कान में जूं रेंगती है और न लोक निर्माण विभाग के शासन में बैठे धंधे बाज नौकरशाहों की सेहत पर ही कोई फर्क नहीं पड़ता। डोबरा-चांठी पुल के निर्माण को लेकर जिस तरह नेताओं और इंजीनियरों का भ्रष्ट गठजोड़ मिलकर चूना लगा रहा है वह इसकी वानगी भर है। 2006 में एन डी तिवाड़ी सरकार ने राज्य में दो बड़ेे मोटर पुलों की मंजूरी दी थी लेकिन यह दोनों ही पुल भ्रष्ट नेताओं और इंजीनियरों की काले कारनामे की भेंट चढ़कर भ्रष्टाचार की एक ऐसी कलंक कथा बन गयी है जो उत्तराखंड में हो रहे नंगे नाच की तस्वीर पेश करने के लिए काफी है. टिहरी बाँध के निर्माण के बाद से ही काला पानी की सजा भुगत रहे प्रताप नगर की डेढ़ लाख से ज्यादा की आबादी टिहरी मुख्यालय से जोड़ने की मांग को देखते हुए तत्कालीन एन डी तिवाडी सरकार ने डोबरा चांठी पुल को मंजूरी दी थी यह पुल टिहरी बाँध पुनर्वास निदेशालय की मद से बनाया जाना था । ठीक ऐंसे ही गढ़वाल विश्व विद्यालय के चैरास परिसर को श्रीनगर शहर से जोड़ने के लिए अलकनंदा नदी पर मोटर पुल की स्वीकृति दी गयी थी। चैरास पुल भ्रष्टों के काले कारनामो की वजह से आठ मजदूरों की जान लेने के बावजूद भी आज तक तक नहीं बन सका है और भ्रष्ट इंजीनियरों-ठेकेदारों के गठजोड़ के कारनामो का खुलासा कर चुका है । चैरास पुल की तर्ज पर डोबरा चांठी पुल भी राज्य में भष्टाचारियों के काले कारनामो की कथा का ज्वलंत उदहारण है। वर्ष 2007 में लोक निर्माण विभाग ने इस बहुप्रतिक्षित 396 मीटर पुल के निर्माण के लिए चंडीगढ़ की एक कंपनी गुप्ता एसोसिएट को करीबन 80 करोड़ का में ठेका दिया। इस कंपनी को तब ठेका दिया गया जबकि इस कम्पनी को इस तरह के बड़े मोटर पुल बनाने का कोई अनुभव नहीं था ।लेकिन नेताओं और इंजीनियरों ने कमीशन खोरी के लिए गुप्ता एसोसिएट को इस पुल निर्माण का ठेका दे दिया। नतीजा यह निकाला कि आज तक यह पुल बनकर तैयार नहीं हो सका भष्टाचार की भेंट चढे इस पुल के निर्माण में कैसा खेल खेला गया इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुल का डिजायन फाइनल होने से पहले ही लोक निर्माण विभाग और पुनर्वास के अधिकारियों ने कंपनी के साथ मिली भगत कर अब तक करीब 132 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान कंपनी को कर दिया. वहीँ करोड़ों रुपये फूंकने के बाद लोक निर्माण विभाग ने कुछ माह पहले अब दक्षिण कोरिया की एक कंपनी को इस पुल निर्माण के लिए कंसलटेंट नियुक्त किया है। इसके लिए कोरिया कंपनी को 12 करोड़ रुपये का भुगतान किया जायेगा. भ्रष्ट इंजीनियरों व नेताओं की वजह से अब तक बिना बने ही इस पुल की लागत अब करीब 200 करोड़ के आस-पास पहुँच चुकी है। अब यह पुल कब तक बनकर तैयार होगा कोई समय सीमा तय नहीं है। लोक निर्माण महकमे के शासन में बैठे धंधेबाज नौकरशाहों और भृष्ट इंजीनियरों के मुंह पर कमीशनखोरी का खून इस कदर लग गया है की उन पर कोई फर्क नही पड़ रहा है। भ्रष्ट नीति-नियंताओं की वजह से आम जनता के लिए बनने वाले पुल और सड़कों के लिए मिलने वाली धनराशि इन भ्रष्टों के पेट में समा जाती है लेकिन चूं तक नहीं होती. हाल में ही मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चैरास पुल के कुछ अधिकारियों का निलंबित किया है लेकिन डोबरा चांटी पुल के भृष्ट अधिकारियों पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी इतना ही नहीं उत्तरकाशी में बनने वाले असी गंगा के पुल सहित नौ और पुलों की कहानी भी अजीब सी लगती है जिनमें से चार पुल तो बिना आवाजाही के निर्माण के दौरान ही ध्वस्त हो चुके हैं. इन्ही पुलों में घटिया निर्माण सामग्री व गलत डिजाईन पर निर्माण कंपनियों को कठघरे में खड़ा करने की कारवाही पर उत्तरकाशी के तत्कालीन जिलाधिकारी श्रीधर अदांकी स्थानंतरण की सजा भुगत रहे हैं।
रेलवे प्लास्टिक से डीजल बनाने के संयत्रों को स्थापित करेगा
- डाॅ0 हर्ष वर्धन: भारत वैकल्पिक ईंधनों के अनुसंधान एवं विकास में अग्रणी
देहरादून,17 अप्रैल(निस) । भारतीय रेलवे बहुत जल्द यांत्रिक कर्षण के लिए डीजल के उत्पादन हेतु संयत्रों की स्थापना करने वाला है जो सीएसआइआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (सीएसआइआर-आइआइपी) के वैज्ञानिकों द्वारा पेटेंट की गई प्रौद्योगिकी पर आधारित होंगे। इस बात की घोषणा करते हुए डाॅ. हर्ष वर्धन, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री तथा उपाध्यक्ष, सीएसआइआर ने वैकल्पिक ईंधन स्रोतों में अवसरों के और अधिक दोहन के लिए एक खाका प्रस्तुत किया। हाइड्रोकार्बनों के क्षेत्र में देष के अग्रणी अनुसंधान संस्थान ने जीवाष्म ईंधनों पर राष्ट्र के अवलंबन को कम करने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। उन्होने कहा कि ‘‘मैंने प्रदूषण और प्लास्टिक के अत्यधिक इस्तेमाल के विरोध में दिल्ली की सड़कों पर स्वयं अभियान चलाया है। आज, मैं यह घोषणा करते हुए प्रसन्न हूँ कि सीएसआइआर-आइआइपी और ‘गेल’ (गैस अथाॅरिटी आॅव इंडिया लिमिटेड) की मेहनत और कौषल के कारण ‘यूरो-5’ विनिर्देषों की अनुरूपता के अनुसार गंधक अंष वाला डीजल आज एक सच्चाई बन चुका है,’’ उन्होंने कहा विश्व के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क अर्थात भारतीय रेल के द्वारा इस प्रौद्योगिकी को अंगीकार करना नरेन्द्र मोदी सरकार के इस संकल्प का भरपूर प्रमाण है कि लीक से हटकर चलने वाले अभिनव विचारों को लागू कर भारत के हिस्से के कार्बन दुष्प्रभाव को कम किया जाए। मंत्री महोदय का कहना था, ‘‘संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने श्री नरेन्द्र मोदी को भारत का ‘सुधारक सेनानी’ बताया है। इसमें कोई आष्चर्य नहीं है।’’ उन्होने कहा ‘‘1 टन टूटी बाल्टियों, मगों, टूथपेस्ट की ट्यूबों, शीषियों के ढक्कनों और अन्य पाॅलीआॅलेफिन उत्पादों को 850 लिटर डीजल कीे स्वच्छतम श्रेणी में बदलने में हम ही सर्वप्रथम रहे हैं। यह इस ग्रह के लिए आज तक का सर्वोत्तम समाचार है क्योंकि आज के बाद से प्लास्टिक का कचरा हमारी आँखों में चुभने की बजाय एक संसाधन के रूप में देखा जाएगा।’’
जैट्रोफा से जेट ईंधन
सीएसआइआर-आइआइपी की उपलब्धियों में एक अन्य उपलब्धि है, अखाद्य, सूखा-प्रतिरोधी जैट्रोफा के पौधे से निम्न कार्बन वाले जेट ईंधन के निर्माण की सफल परियोजना। इसने पहले ही विष्व-भर में कई सरकारों का ध्यान भी खींच लिया है। डाॅ0 हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘जेट ईंधन के वैकल्पिक स्रोतों के विकास में हमने कई सीढि़याँ पार कर ली हैं। जैट्रोफा के अतिरिक्त सीएसआइआर-आइआइपी के पास किसी भी अखाद्य तेल से जेट ईंधन बनाने का ज्ञान उपलब्ध है, यहाँ तक कि हमारी रसोइयों में बचने वाला अपषिष्ट खाना पकाने का तेल भी बाजार में बहुत जल्द एक बहुमूल्य सामग्री बनने वाला है।’’
सीएम ने वीडि़यों कान्फ्रेसिंग के जरिये लिया नुकसान का जायजा
देहरादून,17 अप्रैल(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरूवार देर रात्रि तक वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों से प्रदेश में बेमौसमी बरसात व हिमपात से कृषि व औद्यानिकी को हुए नुकसान की जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सभी जिलाधिकारी व्यक्तिगत ध्यान देते हुए किसानों को हुए नुकसान का आंकलन तैयार करे। आंकलन तैयार करते समय यह ध्यान रखा जाय कि प्रभावित व्यक्ति छूटे न। इसके साथ ही सभी जिलाधिकारी ब्लाॅकवार खेती व बागवानी करने वाले परिवारों की सूची तैयार कर मुख्य सचिव को तत्काल भेजे। इसमें केवल उन्ही लोगो को शामिल किया जाय, जो खेती या बागवानी कर रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि व औद्यानिकी से हुए नुकसान के लिए मुआवजा राशि देने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से धनराशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि सभी प्रभावितों को तत्काल चैक वितरित कर दिये जाय। यदि कहीं पर आकाशीय बिजजी के कारण भी नुकसान होता है, तो उसकी भी रिपोर्ट तत्काल तैयार कर शासन को भेजी जाय। साथ ही आकाशीय बिजली अथवा बादल फटने की घटना से होने वाले नुकसान का मुआवजा तत्काल प्रभावितों को आपदा प्रबंधन मद से दी जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने जिलाधिकारियों से चारधाम यात्रा के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि यात्रा शुरू होने में कम समय रह गया है, इसलिए सभी व्यवस्थाएं समय पर पूरी कर ली जाय। बद्रीनाथ धाम पर विशेष फोकस किया जाय, ग्लेशियर आदि के कारण अवरूद्ध मार्ग को जल्द से जल्द खोला जाय। इसके लिए स्थानीय स्तर पर मैन पावर को बढ़ाया जाय। इस कार्य में लगे मजदूरों को केदारनाथ की तर्ज पर मानदेय दिया जाय। बर्फ को हटाने के लिए वैज्ञानिक तकनीक भी अपनायी जाय। मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि जिलाधिकारी चमोली को एक हैलीकाप्टर उपलब्ध कराया जाय। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिये कि बद्रीनाथ धाम पर सभी आवश्यक सामग्री हैलीकाप्टर से पहुंचायी जाय। बिजली, पानी, स्वास्थ्य से संबंधित सभी व्यवस्थाएं समय पर पूरी कर ली जाय। बिजली आपूर्ति सुचारू होने तक अलास्का लाईट का उपयोग किया जाय। राज्य सरकार द्वारा एम.आई.जी.17 हैलीकाप्टर की मांग की गई है, जिसके प्राप्त होते हुए उसका उपयोग भी बद्रीनाथ में जरूरी सामग्री पहुंचाने में किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिये कि बीआरओ के अधिकारियों से समन्वय कर अवरूद्ध सड़क मार्ग को शीघ्र खोला जाय। मुख्यमंत्री ने गंगोत्री-यमुनोत्री धाम व केदारनाथ धाम की व्यवस्थाओं के संबंध में भी जिलाधिकारी उत्तरकाशी व चमोली से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवस्थाओं के आयोजन में यदि किसी प्रकार की कोई समस्या हो, तो तत्काल शासन को अवगत कराया जाय। जिलाधिकारी चमोली की मांग पर यात्रा व्यवस्था के आयोजन के लिए 2.5 करोड़ रुपये की मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। साफ-सफाई व्यवस्था के लिए जिला पंचायत रूद्रप्रयाग को 25 लाख रुपये भी स्वीकृत किये गये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना को प्रभावी बनाया जाय। आगामी चारधाम यात्रा में प्रत्येक जिले से अधिक से अधिक बुजुर्ग यात्रा पर आये, इसके लिए अभियान चलाये। सभी जिलाधिकारियों को इसमें उपयोग लायी जाने वाली बसें अच्छी क्वालिटी की हो। किसी भी बुजुर्ग को कोई असुविधा नही होनी चाहिए। योजना को और प्रभावी बनाने के लिए जी.एम.वी.एन., के.एम.वी.एन. व परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ भी बैठक आयोजित की जाय।
इस अवसर पर वन मंत्री दिनेश अग्रवाल, मुख्य सचिव एन.रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव ओमप्रकाश, एस रामास्वामी, डा0 रणवीर सिंह सहित अन्य अधिकारी व सभी जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित थे।
गांव की समस्याओं को सांसद ने सीएम को लिखा पत्र
देहरादून,17 अप्रैल(निस) । । मेजर जनरल भुवन चन्द्र खण्डूड़ी एवीएसएम (से0नि0),सांसद गढ़वाल ने हरीश रावत, मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विधान सभा रामनगर के अन्तर्गत वन ग्राम, खत्तों औीर टोगियां ग्रामों को मूलभूत सुविधाएंे देने के सम्बन्ध में अवगत कराया। गढ़वाल सासद ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड को यह लिखा कि यह ग्राम कई वर्षों से बसे हुए हैं यहां की जनता जो कि सभी राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेती है, को अभी तक मूलभूत सुविधाऐं बिजली, पानी सड़क, शिक्षा, संचार आदि की सुविधाऐं प्राप्त नहीं है।
इन गांवों में कुछ कार्य विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत प्रस्तावित किए गये हैं परन्तु राजस्व ग्राम की स्वीकृति न होने और वन क्षेत्र होने के कारण वे विकास कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहे हैं। फलस्वरूप इन गाॅवों की स्थानीय जनता अन्य क्षेत्रों से बहुत पिछड़े हुए हैं। मेरा आपसे आग्रह है कि इन गाॅवों को राजस्व ग्रामों की श्रेणी में लाने की प्रक्रिया शीघ्र प्रारम्भ कर इस क्षेत्र की जनता को सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाऐं प्रदान की जाए।
चारधाम का जायजा लेने को भाजपा की टीमें रवाना
देहरादून,17 अप्रैल(निस)। भारतीय जनता पार्टी की टीमें चारधाम यात्रा की व्यवस्था का जायजा लेने के लिए प्रदेश मुख्यालय से चारधाम के लिए रवाना हुईं। इन टीमों का गठन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत द्वारा किया गया है। गंगोत्री धाम के लिए 15 अप्रैल को ही टीम नेता प्रतिपक्ष उत्तराखंड विधानसभा अजय भट्ट के नेतृत्व में रवाना हो गई थी। शुक्रवार को भाजपा की तीन टीमें पूर्वाह्न 11 बजे भाजपा के बलवीर रोड स्थित प्रदेश मुख्यालय से केदारनाथ, बद्रीनाथ और यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुईं। केदारनाथ धाम के लिए टीम प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व में रवाना हुई, इस टीम में विधायक संजय गुप्ता, यतीश्वरानंद, प्रदेश महामंत्री ज्ञान सिंह नेगी, प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी, बलराज पासी, पूर्व विधायक आशा नौटियाल शामिल हैं। बद्रीनाथ धाम के लिए टीम विधायक हरबंश कपूर के नेतृत्व में रवाना हुई, इस टीम में विधायक विजया बड़थ्वाल, प्रेमचंद अग्रवाल, प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल शामिल हैं। यमुनोत्री धाम के लिए टीम विधायक मदन कौशिक के नेतृत्व में रवाना हुई, इस टीम में विधायक महावीर सिंह रांगड़, आदेश चैहान, मालचंद, प्रदेश महामंत्री प्रकाश पंत शामिल हैं। गंगोत्री धाम के लिए 15 अप्रैल को ही टीम नेता प्रतिपक्ष उत्तराखंड विधानसभा अजय भट्ट के नेतृत्व में रवाना हो गई थी।
छात्र नेताओं ने की स्कूल में तोड़फोड़
देहरादून,17 अप्रैल(निस)। पब्लिक स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावकों व छात्र नेताओं का चल रहा आन्दोलन शुक्रवार को हिंसक हो गया। शुक्रवार की सुबह चकराता रोड स्थित एक स्कूल में प्रदर्शन करने पहंुचे कुछ छात्र नेताओं ने अपने उग्र तेवर दिखाते हुए तोड़फोड की। बताया जा रहा है कि स्कूल प्रदर्शन ने तोड़फोड करने वालों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह छात्र संघ नेता पारस गोयल के नेतृत्व में दो दर्जन से अधिक छात्र पब्लिक स्कूलों की मनमानी फीस वसूली के विरोध मे ंचकराता रोड स्थित चिल्ड्रन्स एकेडमी पहुंचे। इस दौरान वह गेट में ड्यूटी पर तैनात चैकीदार हरिशंकर से धक्का- मुक्की करते हुए अन्दर जा धमके और स्कूल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आफिस में घुसकर तोड़फोड़ करने लगे। बताया जा रहा है कि छात्र पब्लिक स्कूलों की मनमानी व फीस बढ़ोत्तरी के मामले को लेकर इतने उग्र थे कि उन्होने वहंा रखें आधा दर्जन से अधिक गमले तोड़कर खिड़कियों के कांच भी तोड़ डाले। इस बीच सोफा, कुर्सी व कम्पयूटर आदि चीजें पलटने के दौरान जब आफिस स्टाफ ने जब बीच बचाव करने की कोशिक की तो छात्रों ने आफिस स्टाफ सीमा डोगरा व प्रीति मदान के साथ भी अभद्र व्यवहार कर मारपीट की घटना को अंजाम दिया। सूचना मिलने पर पुलिस जब मौके पर पहुंची तो तब तक छात्र स्कूल से जा चुके थे। बताया जा रहा है कि इस घटना के विरोध में स्कूल प्रशासन की ओर से छात्रों के खिलाफ मारपीट, तोड़फोड व अभद्र व्यवहार का मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।
गढ़वाल रेंज के दरोगाओं के तबादले
देहरादून,17 अप्रैल(निस) । । शुक्रवार को पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने कई दरोगाओं का तबादला गढ़वाल रेंज में इधर से उधर कर दिया है। कई दरोगाओं को पहाड़ी तो पहाड़ों में जमे कई दरोगाओं में मैदानी क्षेत्रों में भेजा गया है। शुक्रवार को जारी तबादला सूची के अनुसार मैदानी जनपदों से पहाड़ी जनपदों में जाने वाले दारोगाओं में धीरज मणी बलूनी को देहरादून से टिहरी गढ़वाल,अनिल कुमार शर्मा को देहरादून से टिहरी गढ़वाल, आशूतोष सिंह को देहरादून से चमोली, राजेन्द्र सिंह असवाल को देहरादून से टिहरी गढ़वाल, रणवीर सिंह को देहरादून से टिहरी गढ़वाल, राम सिंह गुंसाई को देहरादून से उत्तरकाशी, मनोहर लाल जखमोला को देहरादून से उत्तरकाशी,संजीव कुमार थपलियाल को देहरादून से रूद्रप्रयाग, पवन भारद्वाज को देहरादून से रूद्रप्रयाग, कृष्ण कुमार को देहरादून से टिहरी गढ़वाल, राकेश चन्द्र को देहरादून से उत्तरकाशी,ऋषिराम रतूड़ी को देहरादून से उत्तरकाशी, जयप्रकाश कोहली को देहरादून से चमोली, शिवमोहन शाह को देहरादून से रूद्रप्रयाग, बलबीर सिंह नेगी को देहरादून से रूद्रप्रयाग, रफत अली को देहरादून से रूद्रप्रयाग, आशीष कुमार को देहरादून से चमोली, नरेन्द्र ठाकुर को देहरादून से चमोली, प्रवीण सिंह को देहरादून से रूद्रप्रयाग, संतोष सिंह कुंवर को देहरादून से उत्तरकाशी, नागेन्द्र प्रताप सिंह को हरिद्वार से रूद्रप्रयाग, दरबान सिंह पंवार को हरिद्वार से रूद्रप्रयाग,नन्दन सिंह चैहान को हरिद्वार से रूद्रप्रयाग,जवाहर सिंह राठोैर को हरिद्वार से रूद्रप्रयाग,प्रदीप सिंह रावत को हरिद्वार से चमोली,संजय रावत को हरिद्वार से उत्तरकाशी,दीप कुमार को हरिद्वार से उत्तरकाशी,वीरेन्द्र सिंह नेगी को हरिद्वार से रूद्रप्रयाग, राजेन्द्र सिंह को हरिद्वार से टिहरी गढ़वाल, संजय चैहान को हरिद्वार से रूद्रप्रयाग, राकेश चन्द्र शाहको हरिद्वार से उत्तरकाशी, कुन्दन सिंहराणा को हरिद्वार से रूद्रप्रयाग, व प्रदीप कुमार को हरिद्वार जनपद से रूद्रप्रयाग भेजा गया है।
रूबी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत बढ़ी
देहरादून,17 अप्रैल(निस)। बहुचर्चित फर्जी आईएएस मामले में आरोपी रूबी चैधरी को शुक्रवार को सीजेएम अदालत में पेश किया गया। अदालत ने रूबी चैधरी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत और बढ़ा दी। वहीं रूबी चैधरी के वकील का कहना है कि वे शनिवार को जमानत के लिये अर्जी देंगे। बीते दो दिन पूर्व रूबी चैधरी कोर्ट में मजिस्टेªट के सामने164 के तहत बयान दर्ज किये गये थे। जिसके बाद इस मामले रूबी की हिरासत अवधि 14 दिन बढाई गयी। जांच कर रही एसआईटी की टीम ने बीते रोज एलबीएस अकादमी के अधिकारियों व अन्य कई कर्मचारियों से गहन पूछताछ की गयी थी। इस हाई प्रोफाइल मामले में निलम्बित सुरक्षा गार्ड देवी सिंह के समर्थन में अधिवक्ता, राज्य आंदोलारी व कई सामाजिक संगठन खडे हो गये हैं जो देवी सिंह पर अकादमी द्वारा की गयी कार्यवाही कोे गलत ठहराते हुए उसकी लड़ाई लड़ने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है देवी सिंह जो एक सुरक्षा गार्ड है भला कैसे किसी को अकादमी में रख सकता है। लोेग अब उनके निलम्बन को रद्द करने व सेवा बहाली की मांग करते हुए इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। इस समर्थन से पीडि़त देवी सिंह के परिवार का हौसला भी बढ़ा है।

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