राहुल ने भट्टा परसौल से लेकर आस्ट्रेलिया तक भूमि अधिग्रहण पर हकीकत बांचा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 19 अप्रैल 2015

राहुल ने भट्टा परसौल से लेकर आस्ट्रेलिया तक भूमि अधिग्रहण पर हकीकत बांचा

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करीब दो महीने के अज्ञातवास के बाद लौटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज पार्टी की की किसान खेत मजदूर रैली में नरेन्द्र मोदी सरकार को निशाना बनाते हुए भट्टा परसौल से लेकर आस्ट्रेलिया तक के किस्से सुनाये। ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित इस रैली में करीब 20 मिनट के अपने संबोधन में श्री गांधी ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को किसान विरोधी बताया और इसके संदर्भ में अपने कई संस्मरण सुनाये। श्री गांधी ने आस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी हीरा खान का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ साल पहले उन्हें वहां जाने का मौका मिला था। हजारों एकड में फैली इस खान का भ्रमण कराया गया और बताया गया कि यहां से विश्व का 25 प्रतिशत हीरा निकलता है और यह दुनियां की सबसे बड़ी हीरा खान है।

उन्होंने कहा कि दो दिन वहां रहने के दौरान उन्हाेंने जब अधिकारियों से पूछा कि इस खान की जमीन किसकी थी तो उन्हें बताया कि इस पर तीन सौ परिवार रहते थे। उन्होंने उन परिवारों से मिलने की इच्छा जताई । उन्होंने सोचा कि इस विशाल खान के लिए जिनसे जमीन ली गई है वे बडे अमीर होंगे और उनसे मिलने के लिए सूटबूट तथा मर्सीडीज जैसी बड़ी कारों में मिलने आयेंगे लेकिन उनके सामने पांच मजदूरों को लाकर खड़ा कर दिया गया और बताया गया कि इनको हमने प्रशिक्षण देकर नौकरी दी है। इनमें कोई खान में मजदूरी करता है, कोई भंडारण गृह में है, कोई कंप्यूटर का काम करता है।

श्री गांधी ने अपने भाषण में भट्टा परसौल में एक महिला की जमीन बिना उसे बताये ले लिये जाने, नियामगिरि के आदिवासियों की जमीन लेने का प्रयास और विदर्भ में एक किसान की आत्महत्या का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि जब वह ओडिशा मे नियामगिरि में आदिवासियों से मिलने गये थे उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी जमीन वेदांता कंपनी के लिए नहीं ली जायेगी । अब वे आदिवासी उनसे मिलने आये और उनमें भारी गुस्सा था और उन्होंने चेतावनी दी है कि अब यदि उनकी जमीन वेदांता कंपनी को दी गई तो 400 युवक नक्सली बन जायेंगे।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि किसानों की जमीन अगले पांच से बीस साल में सोने से भी महंगी हो जायेगी। मोदी सरकार किसानों की जमीन इसलिए लेना चाहती है कि चुनाव के समय उन्होंने उद्योगपतियों से अपनी मार्केटिंग और ब्रांडिंग के लिए हजारों करोड़ रूपये का कर्जा लिया और अब वह इस कर्ज को उतारने के लिए किसानों की जमीन उन्हें देना चाहती है।

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