‘मम्मी पापा हमे पढ़ाओ, स्कूल में चलकर नाम लिखाओ’ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 1 अप्रैल 2015

‘मम्मी पापा हमे पढ़ाओ, स्कूल में चलकर नाम लिखाओ’

सर्व शिक्षा अभियान के तहत शहर से लेकर देहात तक में नन्हें-मुन्ने बच्चों संग अध्यापक-अध्यापिकओं ने निकाली जागश्रकता रेली 

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दुद्धी-सोनभद्र। जन-जन का यह नारा है, सर्व शिक्षा अभियान हमारा है, अशिक्षा दूर करो, सब पढ़ो, सब बढ़ो, आओ स्कूल चलें, के संदेश के साथ शहर से लेकर देहात तक के स्कूलों से जनचेतना रैली निकाली गई। रैली में छात्राओं के अलावा अध्यापक व अध्यापिकाएं भी शामिल रही। सर्व शिक्षा अभियान की शुरूआत एक मार्च से की गई है। इस दौरान रैली समापन बाद बच्चों को वार्षिक परीक्षाफल भी वितरीत किया गया। 

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प्राथमिक विद्यालय कलकली बहरा प्रथम, दुद्धी-सोनभद्र के रैली में शामिल बच्चे हाथ में ‘मम्मी पापा हमे पढ़ाओ, स्कूल में चलकर नाम लिखाओ’, ‘कोई न छूटे अबकी बार, शिक्षा का है सबका अधिकार’, ‘हम बच्चों का नारा है, शिक्षा का अधिकार हमारा है’ आदि की तख्तियां लेकर गांव में घूमे और अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया। इस अभियान के तहत जागरूकता रैली निकाल बाल अधिकार के प्रति लोगों को जागरूक करने में शिक्षकों को लगाया गया है। सरकार द्वारा दी जा रही लाभकारी योजनाओं के बारे में लोगों को बता कर, बच्चों को विद्यालय जरुर भेजने की अपील की गई। इस दौरान 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों की निःशुल्क शिक्षा, कक्षा 1 से 8 के सभी बच्चों को निःशल्क पाठ्य पुस्तकें, प्राथमिक विद्यालय के सभी बच्चों की पूर्व निर्धारित मीनू के अनुसार गर्म पका-पकाया माध्यांह भोजन, ड्रेस, 1 से 5 कक्षा के बच्चों को 300 व 6 से 8 कक्षा के बच्चों को 480 रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति के बारे में लोगों को बता जागरूक करने का प्रयास किया गया। अध्यापिका वर्षा जायसवाल ने कहा कि समाज को 14 वर्ष तक के बच्चों को स्कूल भेजने की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वर्तमान परिवेश में बच्चों की शिक्षा जरुरी है। इसकी जिम्मेदारी शिक्षकों के साथ मां-बाप की भी है। स्कूल नहीं आ पा रहे बच्चों को लाने के लिए सभी को आगे आना होगा। रैली में नुक्कड़ नाटक भी पेश किए गए। इन नाटकों में विकलांगता उन्मूलन छुआछूत व सर्वशिक्षा अभियान जैसे मुद्दों को उठाया गया। इसमें बच्चों ने गांवों में जाकर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों को प्रेरित किया।

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