बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से चटपटी खबरों से बचकर समाज में परिवर्तन लाने वाली सफलता की कहानियों को प्रमुखता देने का आह्वान करते हुए कहा कि समय आ गया है कि उन्हें समाज के विकास में महत्वपूर्ण निभानी चाहिए। श्री कुमार ने आज यहां आद्री और पोपुलेशन फांउडेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में स्वास्थ्य .महिला और विकास .मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया को चटपटी ख़बरों की जगह समाज को शिक्षित और परिवर्तन लाने वाली कहानियों को प्रमुखता देनी चाहिए। उन्हाेंने कहा कि सामाजिक परिवर्तन में मीडिया की अहम भूमिका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता शिक्षा रही है क्योंकि शिक्षा के बिना विकास की बात बेमानी है। इसमें भी ख़ास कर महिला शिक्षा क्योंकि महिलाओं के साक्षर होने से उनके बीच एक क्रांति की शुरूआत हो रही है। उन्होंने कहा कि महिला शिक्षा को ब़ढावा देने के लिए उनके कार्यकाल के दौरान पहले पोशाक योजना . इसके बाद साईकिल योजना और फिर छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति दिए जाने की शुरूआत की गयी है।
श्री कुमार ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लड़कियों के प्रवेश को प्रोत्साहन देने के लिए छात्राओं को मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना के तहत पोशाक की राशि दी जा रही है। इसके अलावा बालिकाओं के लिए साईकिल योजना आरंभ की गयी जिससे उनमें एक नया आत्मविश्वास आया कि वे भी सामाजिक परिवर्तन का कारक बन रही हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को अमल में लाए जाने के पहले लड़कियां छठी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया करती थीं पर इन योजनाओं ने अब हालात बदल दिए हैं। बालिका शिक्षा के क्षेत्र में यह कदम मील का पत्थर साबित हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा .. साईकिल योजना सामाजिक क्रांति लेकर आई और विशेषकर ग्रामीण इलाकों में साईकिल पर स्कूल जाती हुई छात्राओं को बदलते बिहार की कहानी को बयां करती है। उन्होंने कहा कि इस योजना की सफलता का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि योजना की शुरूआत से पूर्व जहां 12़ 5 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर थे वहीं योजना के बाद यह आकड़ा महज दो प्रतिशत पर सिमट गया है..। श्री कुमार ने कहा कि लड़कियों के लिए आरंभ की गयी योजना के सकरात्मक परिणाम से उत्साहित होकर सरकार ने बाद में इस योजना को लड़कों के लिए भी लागू कर दिया। उन्होंने कहा कि जहांतक महिला सशक्तिकरण का सवाल है साईकिल योजना ने बिहार के आंतरिक भागों में एक क्रांति का सूत्रपात किया है। इसने बालिका में विश्वास की भावना जगायी है। उन्होंने कहा कि यह एक किस्म की सामाजिक क्रांति है जिसने बिहार की बालिकाओं की शिक्षा में ऐतिहासिक परिवर्तन लाया है।
श्री कुमार ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लड़कियों के प्रवेश को प्रोत्साहन देने के लिए छात्राओं को मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना के तहत पोशाक की राशि दी जा रही है। इसके अलावा बालिकाओं के लिए साईकिल योजना आरंभ की गयी जिससे उनमें एक नया आत्मविश्वास आया कि वे भी सामाजिक परिवर्तन का कारक बन रही हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को अमल में लाए जाने के पहले लड़कियां छठी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया करती थीं पर इन योजनाओं ने अब हालात बदल दिए हैं। बालिका शिक्षा के क्षेत्र में यह कदम मील का पत्थर साबित हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा .. साईकिल योजना सामाजिक क्रांति लेकर आई और विशेषकर ग्रामीण इलाकों में साईकिल पर स्कूल जाती हुई छात्राओं को बदलते बिहार की कहानी को बयां करती है। उन्होंने कहा कि इस योजना की सफलता का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि योजना की शुरूआत से पूर्व जहां 12़ 5 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर थे वहीं योजना के बाद यह आकड़ा महज दो प्रतिशत पर सिमट गया है..। श्री कुमार ने कहा कि लड़कियों के लिए आरंभ की गयी योजना के सकरात्मक परिणाम से उत्साहित होकर सरकार ने बाद में इस योजना को लड़कों के लिए भी लागू कर दिया। उन्होंने कहा कि जहांतक महिला सशक्तिकरण का सवाल है साईकिल योजना ने बिहार के आंतरिक भागों में एक क्रांति का सूत्रपात किया है। इसने बालिका में विश्वास की भावना जगायी है। उन्होंने कहा कि यह एक किस्म की सामाजिक क्रांति है जिसने बिहार की बालिकाओं की शिक्षा में ऐतिहासिक परिवर्तन लाया है।

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