प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने मध्यप्रदेश के 6 निजी मेडीकल कालेजों द्वारा सरकारी कोटे की सीटें मेनेजमेंट कोटे से भर दिये जाने और उन कालेजों को पहुंचायी गई राहत में प्रदेश के प्रभावशाली नेता तथा परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा-2012 में हुए कथित भ्रष्टाचार, बिना किसी सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति लिये बगैर स्वीकृत 198 परिवहन आरक्षकों की सीधी भर्ती के विरूद्व 332 परिवहन आरक्षकों के अवैधानिक तरीके से चयन में एक वरिष्ठ अधिकारी पर आरोप लगाते हुए प्रामाणिक दस्तावेज आज एसआईटी प्रमुख चंद्रेश भूषण को सौंपकर उनसे इस विषय में संज्ञान लेकर उचित व पारदर्शी कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार अपने सभी आरोपों को दस्तावेजी प्रमाणों के साथ एसआईटी प्रमुख को सौंपे दस्तावेजों में मिश्रा ने कहा कि पीएमटी घोटाले से संबद्ध प्रदेश के 6 निजी मेडीकल कॉलेजों द्वारा सरकारी कोटे की सीटें मेनेजमेंट कोटे से भर दिये जाने और उसमें हुए करोड़ों रूपयों के भ्रष्टाचार के खुलासे और मध्यप्रदेश शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग, मंत्रालय की जांच रिपोर्ट 7 अक्टूबर, 2014 में भी अनियमितता/ भ्रष्टाचार स्वीकारे जाने के बावजूद भी एसटीएफ ने अब तक कौन सी दिखाई देने वाली कार्यवाही की है।
उन्होंने कहा कि यही नहीं इस गड़बड़ी के खिलाफ प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा ने भी इन निजी मेडीकल कॉलेजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिये थे, किंतु प्रदेश के प्रभावशाली नेता ने 6 सितम्बर, 2014 को जारी अपनी नोटशीट पर एफआईआर दर्ज करने के बजाय कठोर कार्यवाही करने के निर्देश जारी कर इस घोटाले पर सरकार की नीयत पर सवालिया निशान लगा दिया है।

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