राज्यसभा में विपक्षी दलों विशेषकर कांग्रेस के विरोध की वजह से अप्रत्यक्ष कर में आजादी के बाद के सबसे बडे़ सुधार और पूरे देश को एक बाजार बनाने के उद्देश्य से एक समान कर प्रणाली वाला वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने से जुडे संविधान संशोधन विधेयक के लटकने का खतरा मंडरा रहा है। लोकसभा में यह विधेयक पारित हो चुका है और अब इसे सोमवार को राज्यसभा में पेश किया जाना है। लेकिन, केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी के इस्तीफे की माँग कर रही कांग्रेस के विरोध की वजह से इसे सदन में पेश किये जाने की संभावना काफी कम दिख रही है। संसद का बजट सत्र अब समाप्त होने वाला है और राज्यसभा बुधवार तक ही चल सकेगी।
राज्यसभा की सोमवार की कार्यसूची में जीएसटी से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक शामिल है। लेकिन, श्री गडकरी के इस्तीफे पर अड़ी कांग्रेस के विरोध की वजह से शुक्रवार को सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका था और सोमवार को भी विपक्ष इस मुद्दे का उठायेगा। विधेयक को लोकसभा में पारित कराने के दौरान भी कांग्रेस ने विरोध किया था, लेकिन बहुमत होने की वजह से सरकार इसे पारित कराने में सफल रही थी। कांग्रेस सदस्य लोकसभा से इसे पारित कराने के दौरान विरोध करते हुये विधेयक को स्थायी समिति को भेजे जाने की माँग करते हुये वाकआउट कर गये थे।
राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस इस विधेयक का समर्थन करने का ऐलान पहले ही कर चुकी है। इसे पारित कराने के दौरान राज्यसभा में कम से कम आधे सदस्यों की उपस्थिति आवश्यक है और यदि कांग्रेस सदस्य वाकआऊट कर गये तो यह विधेयक पारित नहीं हो सकेगा।

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