'पूर्ति समूह' में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर उठे बवाल के बीच केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को समूह या उनकी ओर से किसी तरह की गड़बड़ी से इंकार किया। पूर्ति समूह में गडकरी की हिस्सेदारी है। कांग्रेस सांसदों ने इस मुद्दे पर सदन में बार-बार हंगामा व नारेबाजी की और गडकरी के इस्तीफे की मांग की। इस बीच गडकरी ने राज्यसभा में कहा, "कोई घोटाला या अनियमितता नहीं हुई.. पूर्ति ने सारे ऋण चुकता किए हैं। मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं है।"
उनकी यह प्रतिक्रिया कांग्रेस की ओर से उनके इस्तीफे की मांग पर आई है। विपक्षी दल कांग्रेस ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट को लेकर गडकरी के इस्तीफे की मांग की। सीएजी की रपट में गडकरी की हिस्सेदारी वाले पूर्ति समूह में वित्तीय अनियमितताओं की बात कही गई है। रपट में गडकरी का उल्लेख पूर्ति साखर कारखाना लिमिटेड के प्रमोटर/निदेशक के रूप में किया गया है। इस कंपनी को भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) ने दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए 84.12 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया था।
गडकरी ने जैसे ही अपनी बात खत्म की, कांग्रेस सांसद विरोध-प्रदर्शन करने लगे। इस वजह से उपसभापति पी.जे. कुरियन ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह गडकरी के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। आजाद ने कहा कि ऋण अलग-अलग उद्देश्यों के लिए लिया गया, लेकिन उसका इस्तेमाल ताप विद्युत पैदा करने के लिए हुआ।
इस पर केंद्रीय संसदीय मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "हम सिर्फ आपको संतुष्ट करने के लिए उनसे इस्तीफा नहीं ले सकते। भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है।" प्रश्नकाल के दौरान भी सदन में कमोबेश यही दृश्य देखने को मिला, जिसके चलते सदन की कार्यवाही दो बार 15-15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन के सभापति एम. हामिद अंसारी ने कार्यवाही अपराह्न् एक बजे तक के लिए स्थगित की। अपराह्न् एक बजे लंच के लिए कार्यवाही स्थगित होने से पूर्व सदन में भूमि सीमा समझौता विधेयक का संशोधित रूप पारित किया गया।

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