उत्तराखंड की विस्तृत खबर (08 मई) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


शुक्रवार, 8 मई 2015

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (08 मई)

विश्व रेडक्रास दिवस पर राज्यपाल द्वारा कई रेडक्रास स्वयंसेवी सम्मानित

uttrakhand news
उत्तराखण्ड के राज्यपाल/भारतीय रेडक्रास सोसाइटी उत्तराखण्ड के पदेन अध्यक्ष डा0 कृष्ण कांत पाल की विशेष पहल पर पहली बार विश्व रेडक्रास दिवस के अवसर पर आज राजभवन में एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। समारोह में, वर्ष 2013 में राज्य में घटित दैवीय आपदा के दौरान बचाव एवं राहत कार्यों में विशिष्ट भूमिका निभाने वाले 26 सी..एफ.एम.आर(सर्टिफाइड फस्र्ट मेडिकल रिस्पांडर), 63 ट्रेनर्स आॅफ ट्रेनी आॅफ फस्र्ट मेडिकल रिस्पांडर तथा 46 रेडक्रास स्वयंसेवकों को प्रमाण पत्र और ‘बैज आॅफ आॅनर’ देकर राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने भारतीय रेडक्रास सोसाइटी के विभिन्न स्तर के इन सभी वाॅलैन्टियर्स के कार्यों की भरपूर सराहना करके उन्हें प्रोत्साहित किया और कहा कि पीडि़त मानवता की सेवा के लिए रेडक्रास जैसी महान संस्था के सिद्धान्तों का निस्वार्थ व समर्पण भाव से अनुपालन कर आपने समाज के सामने एक मिसाल कायम की है। इस अवसर पर राज्यपाल ने 8 मई, 1828 के दिन जन्मे रेडक्रास के जनक ‘हेनरी ड्यूनेंट’ तथा नर्सिंग सेवा से विश्वभर में पहचान बनाने वाली फ्लोरेंस नाइटिंगेल का श्रद्धा पूर्वक स्मरण करते हुए 1850 के आसपास हुई दो बड़ी ऐतिहासिक घटनाओं के बाद मानवीय मूल्यों पर आधारित रेडक्रास की उत्पत्ति का उल्लेख किया। इन घटनाओं से प्रभावित हुए हजारों लोगों की पीड़ा को दूर करने में सहायक बने हेनरी ड्यूनेंट और फ्लोरेंस नाइटिंगेल द्वारा पूरे विश्व को मानव सेवा का संदेश दिया गया। रेडक्रास की भूमिका के परिप्रेक्ष्य में राज्यपाल ने कहा कि आपदा के बाद पैदा हुई स्थितियों में राहत/सहायता पहुँचाने का कार्य जितना जरूरी है उससे ज्यादा जरूरी है संभावित आपदा से होने वाले नुकसान को कम से कम करने की पुख्ता व्यवस्थायें बनाना। इसके लिए सबसे अहम काम है जन सहभागिता और जनजागरूकता। कार्यक्रम में उपस्थित वाॅलेन्टियर्स को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में लोगों के बीच जाकर उनसे सीधा सम्पर्क करके विपरीत परिस्थिति में बचाव व राहत के प्रति उन्हें सचेत करना, सभी सरकारी और गैरसरकारी संस्थाओं-संगठनों के साथ समन्वय करके जगह-जगह पर जागरूकता शिविरों, स्वास्थ्य परीक्षण तथा स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का आयोजन, जन स्वास्थ्य, प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण सम्बन्धी कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार का काम लगातार करते रहना भी आवश्यक है। इसके साथ ही, जन कल्याण के लिए स्वेच्छा से सेवा का भाव रखने वाले अधिक से अधिक लोगों को अपने साथ जोड़कर रखना भी बहुत महत्वपूर्ण कार्य है। राज्यपाल ने सम्भावित आपदा से निबटने के लिए की गई तैयारियों के परीक्षण के लिए समय-समय पर माॅक टेस्ट को आवश्यक बताया। सम्मान समारोह राज्यपाल ने बताया कि उत्तराखण्ड रेडक्रास सोसाइटी की ओर से नेपाल के भूकम्प प्रभावितों की सहायतार्थ एक लाख रूपये दिये जा रहे हैं। कार्यक्रम में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने वाॅलेन्टियर्स को सम्मानित किए जाने की पहल के लिए राज्यपाल का आभार जताया तथा सम्मानित वाॅलेन्टियर्स को बधाई दी और कहा कि मानव सेवा की यह भावना दिल में सदैव जीवित रखें। मुख्य सचिव श्री एन.रविशंकर ने वाॅलेन्टियर्स की सराहना करते हुए कहा मानव सेवा माधव सेवा के समान हैं। आज के कार्यक्रम में रेडक्रास सोसाइटी पिथौरागढ़, रूद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, देहरादून, हरिद्वार, चंपावत जिलों सहित राहत शाखा के सदस्य भी सम्मानित किए गए। कार्यक्रम में रेडक्रास सोसाइटी उत्तराखण्ड के मैनेजिंग कमेटी के चेयरमैन रणजीत वर्मा, जिलाधिकारी देहरादून, जिलाधिकारी उत्तरकाशी तथा रेडक्रास के महासचिव डा0 आई.एस.पाल सहित रेडक्रास तथा स्वास्थ्य सेवाओं से जुडे़ अनेक पदाधिकारी मौजूद थे।

कोई टिप्पणी नहीं: