विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से बचने के लिए आम आदमी पार्टी सरकार ने नया तोड़ निकाल लिया है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक केजरीवाल सरकार ने सरकार की उपलब्धियां जनता तक पहुंचाने के लिए विज्ञापन पर 526 करोड़ रुपए खर्च करेगी। केजरीवाल सरकार ने सरकारी विज्ञापन पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बचने के लिए एफएम रेडियो पर ये विज्ञापन चलाएगी।
केजरीवाल सरकार ने जनता के बीच अपनी उपलब्धियां पहुंचाने के लिए रेडियो पर विज्ञापन बुक कर रखे हैं । जो कहा सो किया के नाम से ये विज्ञापन अलग-अलग रेडियो स्टेशन पर कई बार चलेगा। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों में मुख्यमंत्री की फोटो के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है।
राजधानी में रिश्वत बंद करने और बिजली पानी का बिल कम करने को लेकर अरविंद केजरीवाल का ये गुणगान का खर्चा कोई और नहीं बल्कि दिल्ली का आम आदमी ही अपनी जेब से दे रहा है। ऐसे विज्ञापनों में अरविंद केजरीवाल का चेहरा भले ही न दिख रहा हो लेकिन पूरे विज्ञापन में अरविंद केजरीवाल का नाम लेकर गुणगाण जरूर हुआ है।
आने वाले दिनों में रेडियो, अखबारों और टीवी पर ऐसे ही विज्ञापनों की भरमार होने वाली है। सरकारी विज्ञापनों में व्यक्ति विशेष या नेताओं का चेहरा न छापे जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से केस जीतकर आए केजरीवाल के ही पुराने सहयोगी प्रशांत भूषण इन विज्ञापनों को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन बता रहे हैं। प्रशांत भूषण के मुताबिक इस मामले में केजरीवाल सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना का केस दायर करने जा रहे हैं।
वहीं भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई कार्रवाई के तहत सरकारी अधिकारियों की गिरफ्तारियों को लेकर विज्ञापनों के जरिए ढिंढोरा पीटने के चक्कर में सरकार पर गंभीर आरोप लग गए हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ पकड़े गए अधिकारियों और दर्ज की गई एफआईआर को लोगों तक पहुंचाने के लिए दिल्ली में जगह-जगह पर विज्ञापन लगाए हैं। आरटीआई से जवाब मांगने पर कहा गया कि इस पर हुए खर्च की जानकारी नहीं है।
आरटीआई में जब दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय से इन होर्डिंग्स पर हुए खर्चे के बारे में पूछा गया तो मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि उनके पास इस मामले में कोई रिकॉर्ड नहीं है। आरटीआई लगाने वाले बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना के मुताबिक उन्होंने इस मामले में विजिलेंस विभाग में भी आरटीआई लगाई और जानना चाहा कि विज्ञापनों और होर्डिंग्स पर सरकार ने कितने खर्च किये हैं।
खुराना के मुताबिक विजिलेंस विभाग ने भी उत्तर दिया कि उनके पास इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। हरीश खुराना ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार तीन विज्ञापन कंपनियों को फायदा पहुंचा रही है और इसी वजह से वो विज्ञापनों पर हुए खर्चे की जानकारी देने से बच रही है। खुराना के मुताबिक ये वही तीनों कंपनियां हैं जो चुनाव के समय आम आदमी पार्टी के चुनाव कैंपेन का विज्ञापन का काम देख रही थीं।

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