अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने मध्य प्रदेश पुलिस से मृत पत्रकार अक्षय सिंह का विसरा केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) भेजने का आग्रह किया है। अस्पताल ने कहा है कि उसके पास विसरा जांच करने का अधिकार नहीं है। पहचान जाहिर न करने की शर्त पर फॉरेंसिक विभाग के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने आईएएनएस से कहा, "मंगलवार शाम को पुलिस को लिखे एक पत्र में एम्स ने विसरा नमूने को सीएफएसएल ले जाने का आग्रह किया है, क्योंकि अस्पताल के पास विसरा जांच करने का अधिकार नहीं है।" उन्होंने कहा, "एम्स केवल पोस्टमॉर्टम करता है। किसी भी विसरा की जांच के लिए उसे सीएफएसएल के पास भेजा जाता है।"
मध्य प्रदेश में व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की रिपोर्टिग करते समय झाबुआ में समाचार चैनल आज तक के पत्रकार अक्षय सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में शनिवार को मौत हो गई थी। मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा मंगलवार को उनका विसरा एम्स लाया गया था। अक्षय की मौत उस लड़की के माता-पिता के साक्षात्कार के तुरंत बाद हो गई थी, जिसका नाम व्यापमं घोटाले में उछलने के बाद साल 2012 में मौत हो गई थी। साल 2013 से लेकर अब तक व्यापमं घोटाले से जुड़े 40 से अधिक लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है या उन्होंने खुदकुशी कर ली है।

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