बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर (06 जुलाई) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 6 जुलाई 2015

बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर (06 जुलाई)

वाणिज्यिक कर आयुक्त ने लिया स्कूल चले हम अभियान का जायजा, बेहरई एवं बिरसोला में किया शालाओं का निरीक्षण
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स्कूल चले हम अभियान को सफल बनाने के लिए प्रदेश शासन द्वारा राज्य स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को 15 जून से 15 जुलाई के दौरान किसी भी दिवस में शालाओं के भ्रमण के लिए जिलें आबंटित किए गए है। बालाघाट जिला श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह, आयुक्त वाणिज्यिक कर इंदौर को आबंटित किया गया है। श्री सिंह ने आज 06 जुलाई को बालाघाट जिले की शालाओं का भ्रमण कर स्कूल चले हम अभियान के अंतर्गत किये गये कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान उनके साथ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दत्ता एवं सर्व शिक्षा अभियान के जिला परियोजना समन्वयक श्री विनय रहांगडाले भी मौजूद थे। आयुक्त श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह ने लालबर्रा विकासखंड के ग्राम बेहरई एवं बिरसोला की शालाओं का निरीक्षण किया। ग्राम बेहरई की प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के निरीक्षण के दौरान उन्होंने कक्षा में जाकर बच्चों की उपस्थिति एवं उन्हें पढ़ाये जो विषयों की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने बच्चों से सवाल जवाब कर उनके ज्ञान का स्तर भी परखा। बच्चों से सवालों का सही जवाब पाकर वे खुश हुए। शालाओं के निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्वच्छता, बच्चों को गणवेश, नि:शुल्क पाठय पुस्तक, साईकिल वितरण के बारे में जानकारी ली। इस दौरान बताया गया कि शाला के बच्चों के खाते में गणवेश की राशि जमा करा दी गई है। पुस्तकों का भी बच्चों को वितरण कर दिया गया है। साईकिल के लिए पात्र बच्चों का चिन्हांकन किया जा रहा है।  आयुक्त श्री सिंह ने ग्राम बेहरई में शाला की ग्राम शिक्षा पंजी, आंगनवाड़ी केन्द्रों से शाला में प्रवेश के लिए प्राप्त पात्र बच्चों की सूची की जानकारी ली। उन्होंने शाला प्रबंधन समिति की बैठक पंजी का भी निरीक्षण किया तथा शाला में पढ़ने वाले बच्चों के पालकों से चर्चा कर गणवेश, पुस्तकों की जानकारी ली। बेहरई की प्राथमिक शाला में बच्चों को पुस्तकालय में उपलब्ध कराई गई पुस्तकों को भी उन्होंने देखा और प्रधान पाठक से कहा कि वे बच्चों को पुस्तकें बारी-बारी से पढ़ने के लिए नियमित रूप से आबंटित करें। उन्होंने माध्यमिक शाला के प्रधाना पाठक से गणित किट दिखाने को कहा। गणित किट पर धूल जमी होने पर उन्होंनें कहा कि किट देखकर लगता है कि बच्चों ने इसे कभी देखा ही नहीं होगा। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे बच्चों को गणित की किट दिखाने के साथ ही उसके उपयोग के बारे में भी बतायें। 

आयुक्त ने शिक्षक बनकर बच्चों से किये सवाल
आयुक्त राघवेन्द्र कुमार सिंह जब माध्यमिक शाला बेहरई की कक्षा 8 वीं में पहुंचे तो वहां पर शिक्षक डी.आर. सोनगढ़े द्वारा बच्चों को गणित पढ़ाया जा रहा था। ब्लेक बोर्ड पर गणित के सवालों को देखकर वे भी शिक्षक की भूमिका में आ गये और बच्चों से वर्गमूल के सवाल हल करवाने लगे। उनके द्वारा दिये गये वर्गमूल के सवाल बच्चों ने सही हल किये तो वे प्रसन्न हुए और उन्होंने गणित पढ़ाने वाले शिक्षक सोनगढ़े की बच्चों में गणित के प्रति रूचि जगाने के लिए प्रशंसा भी की। आयुक्त श्री राघवेन्द्र सिंह स्वयं विज्ञान के छात्र रहें हैं और जब उन्होंने बिरसोला के हायर सेकेंडरी स्कूल में बच्चों को कक्षा 10 एवं 12 वीं में गणित एवं रसायन पढ़ते देखा तो वे स्वयं को बच्चों से सवाल करने से नहीं रोक पाये। कक्षा 10 वीं में शिक्षक एस.के. नंदा द्वारा युगपत समीकरण के सवाल हल कराये जा रहे थे। श्री सिंह ने स्वयं चाक हाथ में लेकर ब्लेक बोर्ड पर युगपत समीकरण का एक सवाल लिखा और शिक्षक से कहा कि वे उन्हें इस सवाल को वैदिक(परावर्तय) विधि से हल करना समझायें। इसके बाद शिक्षक श्री नंदा ने इस विधि को समझाया। श्री सिंह शिक्षक की पढ़ाने की शैली से खुश हुए । शिक्षक श्री नंदा ने बताया कि उनकी शाला की एक बालिका ने इस वर्ष कक्षा 10 वीं में जिले में प्रथम स्थान हासिल किया है और गणित में 100 में 100 अंक प्राप्त किया है। इस पर आयुक्त ने उन्हें बधाई दी। आयुक्त श्री सिंह जब कक्षा 12 वीं में पहुंचे तो वहां पर शिक्षिका द्वारा रसायन पढ़ाया जा रहा था। इस पर उन्होंने बच्चों का ज्ञान परखने के लिए ब्लेक बोर्ड पर पानी एवं नमक का सूत्र लिखकर उसमें शामिल तत्वों की संयोजकता बताने कहा। इसके बाद उन्होंने बच्चों से आर्वत सारणी में अलग-अलग समूहों में तत्वों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। कक्षा की बालिकाओं ने प्राय: सही जवाब दिये। जबकि बालक थोड़ा पीछे रह गये। आयुक्त श्री सिंह ने बच्चों से कहा कि वे खूब मना लगाकर पढ़ें और बोर्ड परीक्षा में अधिक अंक लाकर सफलता अर्जित करें। 

वाणिज्यिक कर आयुक्त ने की स्कूल चले हम अभियान की समीक्षा
वाणिज्यिक कर आयुक्त श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह ने आज बालाघाट में अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में स्कूल चले हम अभियान के अंतर्गत किये गये कार्यों एवं गतिविधियों की समीक्षा और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। बैठक में कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दत्ता भी मौजूद थे। आयुक्त श्री सिंह ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि वे शालाओं में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के लिए सतत प्रयास करें। बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले और वे निरंतर सफलता के साथ आगे बढ़ें यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। शालाओं में शिक्षक और बच्चों के निर्धारित अनुपात का अनिवार्यत: पालन किया जाये। हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में  प्राचार्य को भी अपने प्रशासनिक कार्यों के साथ कक्षा में बच्चों को पढ़ाना है। शासन द्वारा स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए शालाओं में टायलेट भी बनाये गये है। सभी बी.आर.सी., जनशिक्षक, प्रधान पाठक एवं प्राचार्य यह सुनिश्चित करें कि बच्चे टायलेट का उपयोग करें और उसमें स्वच्छता बनाये रखी जाये। किसी भी शाला के टायलेट में ताला लगा नहीं होना चाहिए और वहां पर पानी की समुचित व्यवस्था होना चाहिए। उन्होंने मध्यान्ह भोजन की चर्चा करते हुए कहा कि शाला में बच्चों को भरपेट भोजन दिया जाना चाहिए। संभव हो तो इसके लिए जनसहयोग भी लिया जाये। आयुक्त श्री सिंह ने बैठक में कहा कि शाला के बच्चों को गणवेश की राशि मिलने के साथ ही शिक्षक यह भी देखें कि बच्चे के लिए नई गणवेश तैयार की गई है या नहीं। यदि नहीं तो बच्चे के पालक को नई गणवेश के बनाने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चों को नि:शुल्क पाठय पुस्तके मिल जायें। विशेषकर कक्षा 9 से 12 वीं तक के बच्चों को पुस्तक वितरण में विशेष ध्यान दिया जाये। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रायवेट शालाओं में 25 प्रतिशत कमजोर वर्ग के बच्चों का प्रवेश समय पर पूर्ण हो जाना चाहिए। आयुक्त श्री सिंह ने बालाघाट जिले में शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शुरू किये गये मास्टर्स कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के नवाचार किये जाने चाहिए। कलेक्टर श्री किरण गोपाल ने बैठक में बताया कि जिले में शाला दर्पण के नाम से एक मोबाईल एप बनाया गया है। इस एप की सहायता से जिले की प्रत्येक शाला में बच्चों एवं शिक्षकों की उपस्थिति, शिक्षा की स्थिति पर निगरानी रखी जायेगी। बैठक में बताया गया कि सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत जिले में 160 शौचालय एवं राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत 143 शौचालय बना लिये गये है। जिले की प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में 1700 हेंडवाश यूनिट तैयार कर बच्चों द्वारा उनका उपयोग किया जा रहा है। इस वर्ष जिले की शालाओं के लिए 2687 मोटीवेटर नियुक्त किये गये है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत जिले की 418 प्रायवेट शालाओं में 2937 कमजोर व गरीब वर्ग के बच्चों को प्रवेश दिलाया गया है। 

बाल विवाह की सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखने के निर्देश
कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल ने जिले के सभी एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारियों एवं विकासखंड महिला सशक्तिकरण अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे लाडो अभियान के अंतर्गत बाल विवाह की सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम पूरी तरह से गोपनीय रखें। जिससे कोई भी व्यक्ति निर्भीकता से बाल विवाह की सूचना दे सके। जनसामान्य में जागरूकता के कारण ही जिले में बाल विवाह को रोकने में सफलता हासिल हुई है। लेकिन कभी-कभी बाल विवाह की सूचना देने वाले की पहचान उजागर कर दी जाती है। जिससे उस व्यक्ति को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। ऐसा कभी नहीं होना चाहिए और बाल विवाह की सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाये। 

कम्पोजिट नर्सरी से होगा एस.आर.आई. का क्षेत्र विस्तार, धन उत्पादक किसानों की कार्यशाला में दी गई जानकारी
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बालाघाट के धान उत्पादक किसानों के लिये किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा गत दिवस जिला स्तरीय कार्यशाला कमला नेहरू सभागृह में आयोजित की गई थी। जिसका मुख्य उद्देश्य धान उत्पादक कृषकों के लिये राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत कम्पोजिट नर्सरी तैयार कर एस.आर.आई. पध्दति से रोपा तैयार करवाना एवं नर्सरी लगाने कृषकों को प्रोत्साहित करना है। जिससे धान का उत्पादन व उत्पादकता बढ़ सकें। कार्यशाला में उप संचालक कृषि श्री राजेश त्रिपाठी एवं समस्त अनुविभागीय कृषि अधिकारी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी व ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारी गण उपस्थित थे। कार्यशाला में उप संचालक श्री त्रिपाठी ने बताया कि जिले को कुल 290 हेक्टर क्षेत्र में एस.आर.आई. पध्दति के अंतर्गत कम्पोजिट नर्सरी लगाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। कम्पोजिट नर्सरी तैयार करने के उद्देश्य से सभी विकासखंडों में लक्ष्यों का निर्धारण किया गया है। जिसके लिये संकर धान बीज यू.एस. 382 (199 क्विं) एवं आर.एच. 1531(370 क्विं) तथा 27 पी.-31 (200 क्विं) विकासखंड स्तर पर उपलब्ध कराई गई है। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति लघु एवं सीमांत कृषकों को धान बीज एवं खाद तथा वर्मी कम्पोसट एवं पौध संरक्षण दवा भी आदान सामग्री के रूप में उपलब्ध कराई जावेगी । कार्यशाला में उपस्थित किसानों से कहा गया कि वे अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी से संपर्क कर नर्सरी के लिए बीज प्राप्त करें तथा उनके मार्गदर्शन में कम्पोजिट नर्सरी तैयार कर अन्य कृषकों को भी अच्छी किस्म के पौध तैयार कर वितरण करें । कम्पोजिट नर्सरी में 8 से 12 दिन की 25 गुणा 25 सेंटीमीटर पौध से पौध की दूरी एवं कतार से कतार की दूरी 25 सेंटीमीटर रखी जावेगी।  किसानों को बताया गया कि नर्सरी का आकार चौड़ाई 1 मीटर तथा लम्बाई 10 मीटर अधिकतम आवश्यकतानुसार रखी जानी चाहिए । 0.1 हेक्टेयर रोपणी से 0.4 हेक्टेयर रोपणी में विकसित की जा सकती है। प्रत्येक रोपणी से अधिकतम 2 हेक्टयर क्षेत्र के लिये रोपे प्रदाय किये जा सकेंगे । जिले के प्रगतिशील एवं उन्नत तकनीक अपनाने वाले धान उत्पादक कृषक इस योजना का लाभ वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी/ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों से संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैं ।

बिरसा जनपद की शालाओं में 6 शिक्षक पाये गये अनुपस्थित वेतन काटने की कार्यवाही प्रस्ताववित
बिरसा बिकासखंड की शालाओं की समीक्षा के दौरान जनशिक्षकों एवं प्रधानपाठकों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 6 शिक्षक बिना किसी सूचना के शाला से अनुपस्थित है। बी.आर.सी. हेमंत राणा द्वारा इन शिक्षकों की अनुपस्थित अवधि का वेतन काटने एवं उनके विरूध्द अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भेजा गया है।  प्रथमिक शाला सुदीनटोला के सहायक अध्यापक विनोद गिरी गोस्वामी 16 दिसम्बर 2014 से 30 जून 2015 तक लगभग 7 माह से अनुपस्थित है। इसी प्रकार प्राथमिक शाला कैंडाटोला की सहायक अध्यापक कुमारी शमिमा खान 16 से 22 जून तक 7 दिन, प्राथमिक शाला गर्राटोला के सहायक अध्यापक कुणालगुप्त उपवंशी 18 से 23 जून तक 6 दिन, प्राथमिक शाला सेरपार की संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 सरिता ब्रम्हे व रेखा चौहान 23 जून को तथा प्राथमिक शाला सलघट के सहायक अध्यापक कमल किशोर बनगड़े 29 व 30 जून को शाला से बिना किसी सूचना के अनुपस्थित थे। इन सभी शिक्षकों का अनुपस्थित अवधि का वेतन काटने एवं उनके विरूध्द अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भेज दिया गया है। 

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