भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वर्ष 1999 में हुए कंधार विमान अपहरण कांड को लेकर तत्कालीन राजग सरकार की कांग्रेस द्वारा की जा रही आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि आतंकवादियों की रिहाई का फैसला उच्चस्तरीय विचार-विमर्श के बाद किया गया था। भाजपा के प्रवक्ता एम.जे.अकबर ने संवाददाताओं से कहा, "कंधार मसले पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के वरिष्ठ नेताओं ने उच्च स्तरीय विचार-विमर्श किया था।" रिसर्च एवं एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख ए.एस. दुलत ने गुरुवार को कहा कि 24 दिसंबर, 1999 को विमान के अमृतसर में उतरने के दौरान कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिया गया था, इसी वजह से आतंकवादी विमान को उड़ाकर अफगानिस्तान के कंधार ले गए।
कांग्रेस ने दुलत के खुलासे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार ने प्रतिक्रिया देने गड़बड़ी कर दी और साथ ही मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसको लेकर माफी मांगें। इधर, कांग्रेस की मांग पर अकबर ने कहा, "यह राष्ट्रीय संकट था और यह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार साहस के कारण विचार-विमर्श किया गया। हर किसी से संपर्क किया गया था।" हालांकि, कांग्रेस ने दुलत के बयान को परेशान करने वाला तथ्य करार दिया।
कांग्रेस प्रवक्ता अजय कुमार ने कहा, "भाजपा जब भी सत्ता में रही, इसने देश के हित के साथ समझौता किया है। इस फैसले के पीछे कौन था? प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए।" लेकिन अकबर ने कांग्रेस पार्टी को चुनौती देते हुए कहा, "क्या उन 400 से अधिक लोगों को मरने के लिए छोड़ देना चाहिए था?"
उन्होंने कहा, "कंधार को लेकर कांग्रेस की याददाश्त बेहद कमजोर है। यह बेहद अफसोसजनक है। वे अक्सर अपनी याददाश्त खो बैठते हैं।" दुलत ने अपनी पुस्तक 'कश्मीर : द वाजपेयी ईयर्स' में कंधार विमान अपहरण के बारे में खुलासा किया है। पुस्तक का लोकार्पण जल्द होगा। भाजपा नेता ने गुजरात दंगे का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं को मोदी की ईमानदारी पर सवाल उठाने के लिए माफी मांगनी चाहिए।

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