शिवराज के इस्तीफे से कम कुछ मंजूर नहीं : मोहन प्रकाश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 10 जुलाई 2015

शिवराज के इस्तीफे से कम कुछ मंजूर नहीं : मोहन प्रकाश


मोहन प्रकाश
मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे जाने के बाद कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और मध्य प्रदेश के प्रभारी मोहन प्रकाश ने कहा है कि व्यापमं की अब तक जांच कर रही जांच एजेंसियों की जांच भी सीबीआई करे और कांग्रेस तब तक चैन से नहीं बैठेगी, जब तक शिवराज का इस्तीफा नहीं हो जाता है। राजधानी भोपाल में पार्टी दफ्तर में संवाददाता सम्मेलन में शुक्रवार को मोहन प्रकाश ने कहा, "सीबीआई को व्यापमं और मौतों की जांच सौंपी गई है, सर्वोच्च न्यायालय को अब तक व्यापमं की जांच और निगरानी कर रही एजेंसियों की जांच को भी संज्ञान में लेना चाहिए, क्योंकि राज्य की एसटीएफ तो 'एक्सटोर्शन फोर्स' बन गया था। इस तरह की शिकायतें आती रही हैं कि एसटीएफ ने कई लोगों को प्रताड़ित किया है।" 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ने सर्वोच्च न्यायालय की भी अवमानना की है। मोहन ने कहा कि चौहान ने कहा था, "जांच अग्नि परीक्षा की तरह है मैं चाहता तो जांच नहीं होती"। यह बयान सर्वोच्च न्यायालय की सीधे तौर पर अवमानना है।  मोहन प्रकाश ने कहा कि कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित 16 जुलाई को बंद का आयोजन यथावत रहेगा, इस बंद के लिए संगठनों से सहयोग मांगा जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान द्वारा प्रदेश की छवि धूमिल करने का आरोप कांग्रेस पर लगाए जाने के सवाल पर मोहन प्रकाश ने कहा, "प्रदेश में 12 वर्ष से भाजपा का शासन है, लूट और हत्या का दौर चल रहा है, नौजवानों के सपनों से खिलवाड़ हुआ है। अच्छा काम हो तो श्रेय आपको और बुरा काम हो तो आरोप कांग्रेस पर, शिवराज यही करते आए हैं।"

व्यापमं घोटाले की जांच के चलते हुई मौतों पर कानून मंत्री सदानंद गौडा के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मोहन प्रकाश ने कहा, "जो व्यक्ति (नरेंद्र मोदी) मुख्यमंत्री रहते हुए हजारों मौतें देख चुका हो, उसे पचास मौतों पर बोलने की क्या जरूरत है। मालूम हो कि कांग्रेस ने मोदी द्वारा व्यापमं पर कोई बयान न देने पर सवाल उठाए थे, जिस पर गौड़ा ने मोदी का बचाव करते हुए विवादित बयान दिया था।" 

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