बिहार विधान परिषद चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल-जनता दल (युनाइटेड) को कड़ी टक्कर देते हुए भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने 24 सीटों में से आधी से अधिक सीटों पर अपना कब्जा जमाया है। हालांकि दो सीटों के परिणाम की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है। राजग को जहां 13 सीटें मिली हैं, वहीं जद (यू)-राजद गठबंधन ने 10 सीटों पर कब्जा जमाया है। राजग की जीत में कटिहार से जीते निर्दलीय उम्मीदवार अशोक अग्रवाल भी शामिल हैं, जिन्हें भाजपा का समर्थन प्राप्त था। इस चुनाव में 152 प्रत्याशियों का राजनीतिक भविष्य दांव पर है। भाजपा ने जहां 11 सीटों पर कब्जा जमाया है, वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को एक सीट मिली है। इधर, जद (यू) को पांच जबकि राजद को चार और कांग्रेस को एक सीट मिली है। दो निर्दलीय उम्मीदवार ने भी जीत दर्ज की है, जिसमें एक निर्दलीय भाजपा समर्थित उम्मीदवार है।
भाजपा ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की है। भाजपा के सच्चिदानंद राय जहां सारण सीट से विजयी घोषित हुए, वहीं औरंगाबाद से राजन सिंह, गोपालगंज से आदित्य पांडेय ने जीत दर्ज की है। भाजपा के हरिनारायण चौधरी समस्तीपुर से, सुनील सिंह दरभंगा से, दिलीप जायसवाल पूर्णिया से, संतोष सिंह सासाराम से तथा सुमन महासेठ मधुबनी से विजयी हुए। इसके अलावा भाजपा प्रत्याशी टुन्ना जी पांडेय सीवान से विजयी हुए हैं, बेगूसराय से रजनीश कुमार और पूर्वी चंपारण से बबलू गुप्ता विजयी घोषित किए गए हैं। लोजपा की नूतन सिंह सहरसा सीट पर विजयी हुई हैं। जदयू ने पांच सीटों पर कब्जा जमाया है। इसमें मुजफ्फरपुर से दिनेश सिंह, गया से मनोरमा देवी, नालंदा से रीना देवी, नवादा से सलमान रागिब तथा भागलपुर-बांका से मनोज यादव ने जीत दर्ज की है।
राजद ने चार सीटें हासिल की हैं। राजद के सुबोध राय जहां वैशाली से विजयी हुए वहीं राधा चरण शाह भोजपुर से, दिलीप कुमार सीतामढ़ी से तथा संजय प्रसाद मुंगेर से विजयी घोषित किए गए। कांग्रेस के राजेश राम ने बेतिया सीट जीतकर पार्टी का खाता खोला है। पटना सीट से निर्दलीय रीतलाल यादव ने जीत दर्ज की है, जबकि कटिहार से निर्दलीय जीते अशोक अग्रवाल को भाजपा का समर्थन प्राप्त था। उल्लेखनीय है कि विधान परिषद की स्थानीय निकाय कोटे की 24 सीटों के लिए सात जुलाई को मतदान हुआ था। इस चुनाव में 152 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में राजद, जद (यू), कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गठबंधन तथा राजग के बीच सीधा मुकाबला था।
राजद व जद (यू) जहां 10-10 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, वहीं कांग्रेस तीन और राकांपा एक सीट पर भाग्य आजमा रही थी। दूसरी ओर भाजपा 18, लोजपा चार और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) दो सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इधर, इस परिणाम से उत्साहित भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा, "यह तो ट्रेलर मात्र है अभी तो पूरी फिल्म बाकी है। हम सत्ता का सेमीफाइनल जीते हैं, फाइनल भी जीतेंगे।" उन्होंने कहा कि यह चुनाव परिणाम आगे के विधानसभा चुनाव के लिए संदेश है कि अब बिहार की जनता किसी हाल में 'जंगलराज' की वापसी नहीं चाहती। वहीं, भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद कितना भी बड़ा गठबंधन बना लें, जनता उन्हें नकार चुकी है। जद (यू) के महासचिव क़े सी़ त्यागी ने इस चुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह नतीजे 'आई ओपनिंग' है। गठबंधन में शामिल सभी दलों को समीक्षा करनी चाहिए कि आखिर हमसे कहां चूक हो गई।" जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा, "हम जिस सीट पर उम्मीद करते थे उस पर भी हम हार गए, यह विचारणीय सवाल है।"

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