दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने के लिए आमआदमीपार्टी का दिल्ली में जनमत सर्वेक्षण करवाना उचित नहीं है । विश्व में शायद किसी भी देश की राजधानी को राज्य के रूप में पूर्णदर्जा नहीं प्राप्त है , अर्थात राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था राज्य सरकार के पास नहीं है । आज यही आमआदमीपार्टी यदि केंद्र की सत्ता पर आरूढ़ हो जाय , तो यह पार्टी भी यही कहेगी की दिल्ली की क़ानून व्यवस्था केंद्र के ही हाथ हो । हाँ , क़ानून व्यवस्था तथा राजधानी होने के नाते डीडीए तो केंद्र सरकार के ही पास रहना उचित होगा , लेकिन अन्य विभाग को दिल्ली की सरकार के मर्जी से ही सुचार रूप से चलने देने चाहिए, तथा अन्य विभाग के अधिकारी इत्यादि की नियुक्ति का जिम्मा भी दिल्ली सरकार के पास ही होने चाहिए , जिसमें अभी केंद्र सरकार बाधक बनी हुई है , जो आने वाले समय में आमआदमीपार्टी को अवश्य ही राजनितिक लाभ पहुंचाएगा ।
यदि दिल्ली सरकार के किसी भी विभाग में कोई भी अकर्तव्यपरायणता की बात आती है , तो दिल्ली के एलजी या होममिनिस्टर उसको सुनियंत्रित करें , लेकिन अभी एक अव्यवहारिक दृष्टिकोण के कारण आमआदमीपार्टी तथा केंद्रसरकार इन दोनों के द्वारा ही दिल्ली में एक अजीबोगरीब हालात उत्पन्न करवा दी गई है , और आगे भी करवाने की कोशिश लगातार की जा रही है ,जिससे आगे आने वाले चुनाव में आमआदमीपार्टी को केंद्र तथा राज्य इन दोनों ही स्तर पर फायदा मिलेगा , लेकिन देश की राजधानी के महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण कार्यों को केंद्रसरकार तथा दिल्ली सरकार की कुमति का खामियाजा उठाना पडेगा ।
आमोद शास्त्री , दिल्ली ।
मोब= 9818974495 & 9312017281 ।

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