नदियों में जमा होती जा रही सिल्ट बर्बादी का कारण: उमाभारती
- मानव सभ्यता बचाने के लिए नदियों को बचाना जरूरीःप्रकाश जावड़ेकर
- गंगा की कहानी भारतीय सभ्यता की कहानी:श्रीपद नायक
- गंगा मिशन की शुरूआत गंगा के उद्गम स्थल उत्तराखंड से प्रारम्भ करना होगाः हरीश रावत
देहरादून, 2 जुलाई (निस)। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि नमामि गंगा अभियान के तहत उत्तराखंड में नदी के किनारे औषधीय पौधों के प्रोसेसिंग हब विकसित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रकृति व पर्यावरण के बचने पर ही विकास सम्भव है। नदियों में जमा होती जा रही सिल्ट बर्बादी का कारण बन गई है। उत्तराखंड के साथ ही बिहार व झारखण्ड में यह समस्या गम्भीरता के साथ देखने को मिल रही है। सुश्री उमा भारती ने कहा कि दिल्ली में बैठकर योजनाएं बनाने वाले अधिकारियों की मंशा व दूरदराज के गांवों में रह रहे लोगों की जिंदगी में मेल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नमामि गंगा के तहत स्थानीय युवाओं को औषधीय पौधे लगाने का काम मिलेगा। इसके लिए इनके स्किल डेवलपमेंट की आवश्यकता है। इको टास्क फोर्स भी बनाए जाएंगे। नमामि गंगा अभियान के क्रियान्वयन व मोनिटरिंग के लिए तीन स्तरीय योजना बनाई गई है। जिला स्तर पर डीएम, राज्य स्तर पर मुख्य सचिव व केंद्र स्तर पर केंबिनेट सेक्रेटरी समन्वय करेंगे। नमामि गंगा को रोटी व रोजगार से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि तीन वर्षों में योजना का परिणाम दिखना प्रारम्भ हो जाएगा। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मानव सभ्यता नदियों के किनारे विकसित हुई है। मानव सभ्यता बचाने के लिए नदियों को बचाना जरूरी है। सोलिड वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, ई वेस्ट व बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। नदियो को बचाने के लिए सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। गंगा के लिए जंगलों का रहना जरूरी है। अब पांच हजार से अधिक आबादी वाली पंचायतों को भी सोलिड वेस्ट का निस्तारण सुनिश्चित करना होगा। गंगा संरक्षण हम सभी का मिशन है। इसके लिए इकोलोजी को भी मजबूत करना हेागा। केंद्रीय मंत्री आयुष श्रीपद नायक ने कहा कि गंगा की कहानी भारतीय सभ्यता की कहानी है। नमामि गंगा में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश में 16 करोड़ 17 लाख रूपए, उŸाराखण्ड के लिए 9 करोड़ 97 लाख रूपए व पश्चिम बंगाल के लिए 3 करोड़ 50 लाख रूपए का प्राविधान किया गया है। केंद्रीय मंत्री खेल व युवा कल्याण सर्बानंद सोनोवाल ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को युवा कल्याण मंत्रालय की ओर से पूरे सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।
उत्तराखंड के वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। बताया गया कि स्वच्छ गंगा मिशन के तहत पांच राज्यों के 118 शहरों को शामिल किया गया है। इसमें 14 एग्रो-क्लाईमेट, 45 फोरेस्ट डिविजन व 26 जिले हैं। दूसरे चरण में गंगा बेसिन के 11 राज्य शामिल किये जाऐंगे। गंगा इको टास्क फोर्स गठित की जाएंगी। 6 से आठ माह में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर दी जाएगी। इसके तहत बायो फिल्टर्स के विकास पर बल दिया जाएगा। इसमें स्थानीय लोगों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। इको टूरिज्म, औषधीय पौधों के रोपण सहित आय सृजन की गतिविधियां विकसित की जाएंगी। गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाने के लिए गंगा मिशन की शुरूआत गंगा के उद्गम स्थल उत्तराखंड से प्रारम्भ करना होगा। परंतु यह तभी सम्भव है जब कि यहां के जलस्त्रोत, जैव विविधता व खेती का संरक्षण हो। एफआरआई में गंगा के लिए वानिकी प्रयासों की डीपीआर तैयार करने के लिए स्टेकहाल्डर्स की राष्ट्रस्तरीय बैठक में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चीड़, जंगली सूअर व नदियों के तल में जमा होती जा रही सिल्ट को उŸाराखण्ड में जैव विविधता, खेती व प्राकृतिक जल स्त्रोतों के तीन दुश्मन बताया। गंगा मिशन में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि गंगा हिमालय की बेटी है। हम उत्तराखण्डवासियों का दायित्व है कि गंगा को उसके पूर्ण गुणों के साथ उसके कर्मक्षेत्र में विदा करें। गंगा मिशन के तहत राज्य सरकार केंद्र सरकार का पूरा सहयोग करेगी। अपने संसाधनों से हम जितना कर सकते थे उतना कर रहे हैं। गंगा का पुनरूद्धार तभी सम्भव है जबकि हिमालय क्षेत्र के वनों, वृक्षों, जलस्त्रोतों व खेती का पुनरूद्धार किया जाए। उत्तराखंड पहला राज्य है जिसने अपने स्तर से इसकी शुरूआत भी कर दी है। हमने पेड़ लगाने पर 300 रूपए बोनस दिए जाने की योजना प्रारम्भ की है। इसी प्रकार जलाशयों के संरक्षण पर भी वाटर बोनस दे रहे हैं। पर्वतीय खेती को बचाने के लिए किसान पेंशन भी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी से बड़ा सफाईकर्ता कोई नहीं है। हमने 10 लाख चाल-खाल बनाने का लक्ष्य रखा है। अगले तीन साल में सभी मृतप्रायः जलस्त्रोतों को पुनर्जीवित किया जाएगा। राज्य सरकार 350 करोड़ रूपए ऐसे बोनस व प्रोत्साहन राशियों पर खर्च कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा के पुनरूद्धार में उŸाराखण्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। परंतु राज्य के सीमित संसाधनों को देखते हुए केंद्र सरकार को भी पर्याप्त वित्तीय सहायता देनी होगी। चीड़, जंगली सूअर व नदियों में जमा होती जा रही सिल्ट जैव विविधता के दुश्मन हैं। चीड़ के पेड़ वनाग्नि को बढ़ाते हैं । रिजर्व फोरेस्ट में स्थानीय प्रजाति के चैड़ी पत्ती के पेड़ों से चीड़ के पेड़ों को प्रतिस्थापित किया जाए। वनों के संरक्षण में वन पंचायतों की भूमिका बढ़ाई जानी चाहिए। जंगली सूअर न केवल पर्वतीय खेती को नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि उनकी बीमारियों से जंगली खरगोश, हिरन व अन्य छोटे जानवरों के लिए भी खतरा हो रहा है। नदियों में निरंतर जमा होती जा रही सिल्ट से नदियों का तल ऊंचा होता जा रहा है। इससे बाढ़ का पानी आसपास के क्षेत्रों में भी फैलता है। इससे वनों को भी नुकसान होता है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वन व आयुष के साथ ही चारागाह विकास को भी कार्यक्रम का अभिन्न हिस्सा बनाया जाना चाहिए। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट के लिए राज्य सरकार द्वारा केंद्र में भेजे गए प्रस्तावों को स्वीकृत करवाया जाए। स्वच्छ भारत के तहत दो जिलों को पूर्ण निर्मल बनाने का राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है। अगले चार वर्षों में पूरे राज्य को निर्मल बनाने का लक्ष्य रखा गया है। परंतु स्वच्छ भारत अभियान में केंद्रीय सहायता कम कर दी गई है। कार्यक्रम में जलसंसाधन मंत्रालय में अपर सचिव डा. अमरजीत सिंह, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अपर महानिदेशक डा.एसएस नेगी, संयुक्त सचिव टीवीएसएन प्रसाद, डीजी आईसीएफआरई डा. अश्विनी कुमार, एफआईआई की निदेशक डा.सविता, सहित तमाम स्टेकहाल्डर्स मौजूद थे।
उत्तरप्रदेश निर्माण निगम कमा रहा उत्तराखण्ड के रूपयों का ब्याज, सचिवालय प्रशासन की संपत्ति पर सूचना विभाग करोड़ों रुपये खर्च करने की तैयारी में
- मीडिया सेंटर के रिनोवेशन पर खर्च होना है छह करोड़, सचिवालय प्रशासन ने अब तक नहीं दी रिनोवेशन की मंजूरी
- विभाग से कई माह पहले ही रिलीज कर दिया करोड़ों रुपया, अब तक काम शुरू होने की नहीं दिख रही कोई भी संभावना
- यूपीआरएनएल पर सरकार की मेहरबानी का सिलसिला जारी
देहरादून,2 जुलाई। उत्तर प्रदेश की निर्माण एजेंसी यूपीआरएनएल (उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लि.) पर सरकार की मेहरबानियों का सिलसिला थमता नहीं दिखा रहा है। लगातार सुर्खियों में रहने वाली इस संस्था को सचिवालय परिसर स्थित मीडिया सेंटर के रिनोवेशन के लिए छह करोड़ रुपये महीनों पहले दिया जा चुका है। संस्था अब तक काम शुरू नहीं कर सकी है और खातों में पड़े छह करोड़ रुपये का ब्याज उसके हिस्से में जा रहा है। अहम बात यह भी है कि महज सवा करोड़ रुपये की लागत से बने इस मीडिया के रिनोवेशन के नाम पर छह करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। खंडूड़ी सरकार के समय में सचिवालय परिसर में ही एक मीडिया सेंटर का निर्माण कराया गया था। भूकंपरोधी तकनीक के नाम पर सवा करोड़ रुपये में खड़े किए इस सेंटर के ढांचे पर पहले से ही सवाल उठते रहे हैं। अब इस सेंटर के रिनोवेशन के नाम पर छह करोड़ रुपये मंजूर करके कार्यदायी संस्था यूपीआरएनएल को महीनों पहले दिए जा चुके हैं। लेकिन काम अब तक शुरू नहीं किया जा सका है। बताया जा रहा है कि मीडिया सेंटर वाली संपत्ति सचिवालय प्रशासन की है। रिनोवेशन की मंजूरी देते वक्त या फिर पैसा रिलीज करते वक्त सचिवालय प्रशासन की कोई मंजूरी नहीं ली गई। नतीजा यह है कि यूपीआरएनएल छह करोड़ रुपये पर बैंक से ब्याज खा रहा है और काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है। सूत्रों ने बताया कि सचिवालय प्रशासन ने इस मीडिया सेंटर के रिनोवेशन की मंजूरी देने से साफ इंकार कर दिया है। सचिवालय प्रशासन के सचिव पीएस जंगपांगी ने इस बारे में भेजी गई पत्रावली पर साफ लिख दिया है यह संपत्ति सूचना विभाग की नहीं है। ऐसे में इसे रिनोवेट करने की मंजूरी दिया जाना संभव नहीं है। यही वजह है कि इस दिशा में कोई काम आगे नहीं बढ़ सका है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे यूपीआरएनएल पर सरकार की मेहरबानियां ही अहम हैं। तमाम बार आरोपों के घेरे में आ चुकी इस संस्था को सरकारों ने समय-समय पर काली सूची में भी डाला है। लेकिन कुछ समय बाद ही इस संस्था को अरबों रुपये के काम दिए जाते रहे हैं। इस समय भी राज्य में बन रहे मेडिकल कालेजों का जिम्मा भी इसी संस्था के पास है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि बगैर कागजी कार्रवाई पूरे किए ही संस्था के खाते में छह करोड़ रुपये क्यों ट्रांसफर किए गए। जाहिर है कि सरकार के अहम लोग इस संस्था पर पूरी तरह से मेहरबान हैं।
मूल लागत सवा करोड़ और रिनोवेशन को छह करोड़
इस मामले में एक अहम सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि सवा करोड़ रुपये की लागत में तैयार होने वाले इस मीडिया सेंटर के रिनोवेशन पर छह करोड़ रुपये खर्च करने का क्या औचित्य है। सूत्रों का कहना है कि इस मीडिया सेंटर के मूल रूप से बने लोहे के स्ट्रक्चर में कोई फेरबदल नहीं होना है। इसके बाद भी छह करोड़ का एस्टीमेट तमाम सवालात खड़े करने को काफी है। सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर छह करोड़ रुपये की लागत से इस लोहे के स्ट्रक्चर वाले मीडिया सेंटर में क्या चार चांद लगा दिए जाएंगे। जाहिर है कि कहीं न कहीं कोई गड़बड़ी जरूर है। सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर किस अफसर के आदेश पर रिनोवेशन की यह पत्रावली तैयार की गई और किस अफसर ने सवा करोड़ की मूल लागत वाले इस मीडिया सेंटर के रिनोवेशन के लिए छह करोड़ रुपये के एस्टीमेट को मंजूरी दी।
क्या यूपीआरएनएन से होगी ब्याज की वसूली
इस मामले में एक अहम सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि क्या महीनों से छह करोड़ रुपये का ब्याज खाने वाले यूपीआरएनएन से ब्याज के इस पैसे की कोई रिकवरी होगी। सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि बगैर जरूरी औपचारिकताएं पूरी किए बगैर ही छह करोड़ रुपये की राशि यूपीआरएनएल के खाते में जारी करने वाले अफसरों के खिलाफ भी कोई एक्शन होगा।
इस मामले में संस्था का कोई दोष नहीं है। पैसा खाते में आ गया है। लेकिन बताया जा रहा है कि सचिवालय प्रशासन ने रिनोवेशन की मंजूरी देने से इंकार कर दिया है। पता चला है कि इस मामले की पत्रावली मुख्य सचिव के पास भेजी गई है। अनुमति मिलते ही यूपीआरएनएल अपना काम शुरू कर देगा।---परियोजना प्रबंधक, यूपीआरएनएल, देहरादून
30.65 लाख की लागत से लगी काशीपुर की ट्रेफिक लाइटें बनीं मात्र शो पीस
देहरादून, 2 जुलाई (निस)।काशीपुर नगर निगम द्वारा काशीपुर नगर के दो चैराहो तथा एक तिराहे पर लगी ट्रेफिक लाइटें लगने के बाद से ही कार्य नहीं कर रही है ओर यह शो पीस बनकर रह गयी है। इन ट्रेफिक लाइटों पर निगम ने 13वें वित्त आयोग से विकास कार्यों हेतु मिले धन में से 30.65 लाख रूपये खर्च किये है। राष्ट्रीय स्तरीय सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने सूचना अधिकार के अन्तर्गत नगर निगम काशीपुर से ट्रेफिक लाइटोें से सम्बन्धित 5 बिन्दुओं पर सूचना मांगी। इसके उत्तर में लोक सूचना अधिकारी व सहायक नगर अधिकारी द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से यह तथ्य प्रकाश में आया है। श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार नगर सीमान्तर्गत मुख्य चैराहा, चीमा चैैराहा, टांडा तिराहा तीन स्थानों पर ट्रेफिक लाइट लगवाई गई हैै जिस पर खर्च रू. 30.65 लाख हुआ है। ट्रेफिक लाइटों की वर्तमान स्थिति के सम्बन्ध मेें अवगत कराया गया है कि वर्तमान में मुख्य चैराहे की ट्रेफिक लाईट अण्डर ग्राउंड तार क्षति ग्रस्त होने के कारण कार्यशील नहीं है इसके अतिरिक्त टांडा तिराहा की लाईटों को अज्ञात द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार ट्रेफिक लाइटों को लगवाये जाने पर 13वें वित्त आयोग से 30.65 लाख व्यय हुआ है। श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार जिन तिथियों तथा अवधि में इन ट्रेफिक लाइटों ने सही रूप से कार्य किया तथा जिन तिथियों तथा अवधि में सही रूप से कार्य नहीं किया उसका विवरण सम्बन्धी कोई अभिलेखीय साक्ष्य निगम में उपलब्ध नहीं है जिसका अर्थ यह हुआ है कि निगम लाईटोें पर 30.65 लाख खर्च करने के बाद इसकी देखरेख व मानीटरिंग करने में भी निगम अधिकारी पूर्णतः असफल रहे है। श्री नदीम ने ट्रेफिक लाइटों पर अनावश्यक रूप से विकास कार्योंं के धन को खर्च करके पद के दुरूपयोग तथा कुप्रशासन की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। यहां यह भी विचार योग्य है कि इन सभी स्थानों को वर्तमान में तिराहा बना दिया गया है और ट्रेफिक लाइटों के मापदंडों के अनुसार इन स्थानों पर इतना स्थान नहीं है कि ट्रेफिक लाइटें लगायी जा सके। साथ ही एक किमी. से भी कम दूरी के अंतर से तीन ट्रेफिक लाइटें लगाने से यातायात व्यवस्था सुधरने के स्थान पर और बिगड़ेगी तथा जाम की स्थिति औैर अधिक विकट होगी।
टापू में फंसे सात लोगों को बाहर निकाला
देहरादून, 2 जुलाई (निस)। रायवाला थाना क्षेत्र के हरिपुरकलां में गुरुवार सुबह गंगा के बीच बने टापू में सात लोगों के फंस जाने से अफरातफरी मच गयी। सूचना पर मौके पहंुची पुलिस ने जल पुलिस के साथ मिलकर रेस्क्यू आपरेशन चला सभी को सुरक्षित निकाल लिया।मिली जानकारी के अनुसार बीरवार सुबह 8 बजे रायवाला पुलिस को सूचना मिली कि तीन बाबाओं के साथ चार युवक हरिपुरकलां में गंगा के बीच बने टापू पर पानी बढने के चलते फंस गये हैं। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची तो पाया कि पानी का स्तर लगातार बढ रहा था। पुलिस ने बचाव अभियान चलाया व स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हरिद्वार से जल पुलिस व राफ्ट मंगाये। 5 घंटे की कडी मशक्कत के बाद पुलिस ने इन सातों लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। बताया जा रहा है कि सभी युवक 16-17 साल के थे व हरिद्वार के इन तीन बाबाओं के साथ घूमने के लिये यहां आये थे।
चीला जल विद्युत गृह का उत्पादन ठप
देहरादून, 2 जुलाई (निस)। गंगा में सिल्ट की मात्रा बढ़ने के कारण चीला जल विद्युत गृह में बुधवार रात से उत्पादन ठप रहा। पहाड़ों में हो रही बारिश के चलते में गंगा में सिल्ट की मात्रा बढ़ गई है। इस कारण ऋषिकेश स्थित चीला जल विद्युत गृह में बुधवार रात करीब दस बजे से उत्पादन ठप हो गया। ऋषिकेश में गंगा 338.00 मीटर के जल स्तर पर बह रही है। नदी का पानी श्यामपुर के लक्कड़ घाट क्षेत्र में घुस गया है।
पुलिस ने किया सहसपुर क्षेत्र के पेट्रोल पंप लूट का खुलासा, चार बदमाश लूट के माल सहित गिरफ्तार, पुलिस को अन्य बदमाशों की तलाश
देहरादून, 2 जुलाई (निस)। सहसपुर ब्लाक के भाऊवाला में हुई पेट्रोल पम्प लूट का खुलासा करते हुए पुलिस ने चार बदमाशों को लूटे गए रूपयों व मोटरसाईकिल सहित गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए बदमाश यूपी और हरियाणा के बताए जा रहे है। पुलिस पूछताछ में बदमाशों ने बड़ोवाला क्षेत्र में पेट्रोल पंप की लूट में शामिल होना भी कबूल किया है। गुरुवार को अपने कार्यालय मंे पत्रकारों से बातचीत करते हुए पुलिस कप्तान पुष्पक ज्योति ने बताया कि बीते माह 15 जूून को चार बदमाशों द्वारा सहसपुर क्षेत्र के भाऊवाला में एक पेट्रोल पम्प पर पिस्टल दिखाकर 4 लाख 50 हजार की लूट की गयी थी। बदमाशों ने लूट के दौरान मारपीट करते हुए मैनेजर व कर्मचारियों से मोबाइल, अपाचे मोटरसाईकल व ए.टी.एम भी छीन लिया था। पेट्रोल पम्प मंे हुई इस सनसनीखेज लूूट की वारदात का खुलासा करने के लिए पुलिस कप्तान पुष्पक ज्योति के आदेश पर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के निर्देशन में एक पुलिस टीम का गठन किया गया। लूट की वारदात का खुलासा करने मंे लगी पुलिस टीम ने घटना के तुरन्त बाद पास ही कम्बिंग के दौरान एक बैग बरामद किया। लूट के खुलासे मंे लगी पुलिस टीम के लिए यह बैग ही वरदान साबित हुआ। बैग से मिले सामान के आधार पर पुलिस को मालूम हुआ कि घटना को अंजाम देने वाले बदमाश शामली, उत्तर प्रदेश के है। इस पर पुलिस टीम शामली पहुंच कर डेरा डाल दिया। बीते रोज पुलिस को सूचना मिली कि उक्त लूट में अंजाम देने वाले बदमाश लूटी गयी मोटर साईकल व एक अन्य मोटरसाईकल से कैराना क्षेत्र में घूम रहे है। इस पर पुलिस ने घेराबन्दी करते हुए बताये गये स्थान से चारों बदमाशों को दो मोटर साईकल सहित दबोच लिया। तलाशी के दौरान पुलिस ने उनके पास से लूटे गये रूपयों में से 1 लाख पच्चीस हजार रूपये बरामद किये। पुलिस द्वारा की गयी पूछताछ में उन्होंने अपना नाम भूरा पुत्र यामीन निवासी कैराना शामली, पिंकू पुत्र सतपाल निवासी कैराना, वकील पुत्र लीमू निवासी कांधला, शामली व मोबीन पुत्र लियाकत निवासी पानीपत, हरियाणा बताया। बदमाशों द्वारा पुलिस को यह भी बताया गया कि उन्हांेने एक बाइक उसी दिन झाझरा क्षेत्र से भी चोरी की थी। बदमाशों का कहना था कि उनका साथी शहीद पुत्र ताहिर उर्फ टीटू झाझरा स्थित एक इन्स्टीटयूट मंे बी. फार्मा का कोर्स कर रहा है। बदमाशों ने पुलिस को बताया कि शहीद ही वह व्यक्ति है जिसने उन्हंे बताया था कि वह पेट्रोल पम्प एकान्त में है, उसमें आसानी से लूट की जा सकती है। बदमाशों ने बताया कि उन्हांेने ही 30 मार्च को शहीद के कहने पर बडोवाला पेट्रोल पम्प पर भी 55 हजार की लूट को अंजाम दिया था। पुलिस लूट के इस मामले में फरार चल रहे बदमाशों राशिद, अमजद व शहीद की तलाश में छापेमारी कर रही है। लूट का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को पुलिस कप्तान पुष्पक ज्योति की ओर से ढाई हजार रूपये के ईनाम देने की घोषणा की है।
स्थाई राजधानी व मलेथा स्टोन क्रशरों को बंद करने की मांग को लेकर धरना
देहरादून, 2 जुलाई (निस)। उत्तराखण्ड महिला मंच ने स्थायी राजधानी और मलेथा में स्टोन क्रशरों को बंद कराने की मांग को लेकर गुरूवार को गांधी पार्क में धरना दिया। गुरुवार की सुबह महिला मंच की कार्यकर्ता यहां गांधी पार्क के सामने एकत्रित हुई और प्रदेश सरकार की कार्यशैली के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गयी। धरने में आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि गैरसैंण को स्थायी राजधानी न बनाने एवं मलेथा में स्टोन क्रशरों को बंद न कराकर के सरकार ने यह साबित कर दिया है कि सरकार को जनभावनाओं की बिल्कुल भी परवाह नहीं है। मुख्यमंत्री व कांग्रेस पार्टी जनभावनाओं को वोट बैंक में तब्दील करने का काम कर रही है। जो उत्तराखण्ड की जनता का अपमान है। उन्होंने कहा कि एक ओर तो सरकार गैरसैंण में कैबिनेट बैठक, विधानसभा सत्र चलाने और विधानसभा भवन बनाने का ड्रामा कर रही है वहीं दूसरी ओर देहरादून में भी विधानसभा भवन व राजधानी की अन्य व्यवस्थाओं को बढ़ाने का कार्य कर रही है। वक्ताओं ने कहा कि यह तो सिर्फ शासक दलों के विधायकों, नेताओं व सरकारी अधिकारियों को ग्रीष्मकाल में पहाड़ों की ठण्डी वादियों में सरकारी खर्च पर सैर कराने की एक कवायद भर है। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि देहरादून को स्थाई राजधानी बनाना चाहती है या गैरसैंण को। सरकार को इस तरह से जनता को भरमाने का प्रयास तत्काल बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में जनता की हितैषी है तो गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करना चाहिए।। उनका कहना था कि मलेथा में स्टोन क्रशरों को बंद कराने की मांग भी की जा रही है। मलेथा का जन आंदोलन उत्तराखण्ड में किसान व किसानी के मुद्दों, यहां के पर्यावरण संरक्षण एवं आपदा त्रासदी लाने वाले कथित विकास पर प्रश्न उठाता एक आदर्श आंदोलन है। इस जन आंदोलन को हल्के में न लिया जाये और यहां पर स्टोन क्रशरों को बंद कराने के आदेश किये जायें। धरने पर कमला पंत, निर्मला बिष्ट, शकंुतला आर्य, यशवीर आर्य, शांति नेगी, कौशल्या चैहान, राजीव कुमार, एमएम लखेड़ा, महावीर सिंह, पदमा गुप्ता तथा जानकी रावत आदि बैठे थे।
उपचार के दौरान दरोगा की मौत
देहरादून, 2 जुलाई (निस)। सड़क हादसे में घायल दरोगा दर्शन लाल थपलियाल की गुरुवार को एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई है। दरोगा थपलियाल सीएम आवास की सुरक्षा में तैनात थे। बुधवार को अस्पताल पहुंचकर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनका हालचाल जाना था। मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को दरोगा दर्शन लाल थपलियाल की बाइक को आराघर के समीप एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी। हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए दरोगा को पटेल नगर स्थित श्री महंत इंद्रेश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उपचार के दौरान गुरुवार को उनकी मौत हो गई है। यहां से शव उनके अजबपुर स्थित घर ले जाया गया। इसके बाद पुलिस लाइन में उन्हें अंतिम सलामी दी गई।
जनवादी महिला समिति की बैठक संपन्न
देहरादून, 2 जुलाई (निस)। जनवादी महिला समिति की जिला कार्यकारणी की बैठक घंटाघर स्थित कार्यालय में चन्दा ममगाई कि अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, बैठक को संबोधित करते हुए संगठन कि प्रांतीय अध्यक्ष इंदु नौडियाल ने कहा कि उत्तराखंड में लगातार महिला हिंसा का ग्राफ बढ रहा है। किन्तु स्वागत योग्य यह है कि राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति हो गयी है पर महिला आयोग को और अधिक सशक्त और सक्रिय होने की जरूरत है। इंदु नौडि़याल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं से सम्बन्धित बजट में भारी कटौती ने मोदी सरकार कि बेटी पढाओ-बेटी बचाओ कार्यक्रम कि पोल खोल दी है। समेकित बाल विकास योजना के बजट में भारी कटौती करते हुए पिछले वर्ष से रूपये 10734 करोड़ से घटाकर मात्र 7502 करोड़ पर सीमित कर दिया है। इन भारी कटौतियों से महिलाओं का जीवन दूर्भर हो गया है, अच्छे दिन आयेंगे, यह मात्र एक सपना भर बन कर रह गया है। उन्हांेने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारो के लिए स्वयं लड़ना होगा।
आयोजित बैठक में वक्ताओं ने बढती महंगाई पर चिंता जताते हुए कहा कि यदि सबको सस्ता राशन मिले तो महंगाई पर रोक लग सकती है। साथ ही देहरादून को स्मार्टसिटी बनाने कि होड़ में बस्तियों को उजाड़ने कि कार्यवाही की भी निंदा की गयी। बैठक में रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे में व्याप्त गंदगी व बाढ़ के खतरे पर भी चिंता व्यक्त की गयी। इन तमाम सवालों को लेकर महिला समिति द्वारा मोहल्लों में जनसंपर्क व बैठके करके जनजागरण अभियान चलने का निर्णय लिया गया। इस दौरान केंद्र सरकार के भू-अध्यादेश के विरोध में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जायेगा 7, 9 व 13 अगस्त को महिलाओं की विभिन्न समस्याओं को लेकर अन्य संगठनो के साथ मिलकर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया।बैठक का संचालन नुरेशा अंसारी ने किया।
अवैध खनन मे तहसील व पुलिस प्रशासन की मिलीभगत
देहरादून, 2 जुलाई (निस)। सरकारी गाईड लाईन व हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी पूरे प्रदेश मे खनन पर रोक लगाने की बजाय प्रशासन के द्वारा मिलीभगत कर खनन माफियाओं को लाभ पहुॅचाने का काम किया जा रहा है। बरसात के मौसम में नदियों से खनन पर पूरी तहर से रोक होने के बाद भी खनन माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है कि वह रात तो क्या दिन के उजाले मंे भी खनन करने से नहीं कतरा रहे है। पछवादून की तहसील विकासनगर पिछले काफी लम्बे समय से खनन को सुर्खियों में रही है। यहाॅ पर तहसील प्रशासन व पुलिस प्रशासन पर लगातार खनन कारोबारियों से मिलीभगत कर खनन कराने के आरोप लगते रहे है। सूत्रों की माने तो खनन माफियाओं के द्वारा इस काम को अंजाम देने के लिए अधिकारियों को एक मोटी रकम अदा की जाती है। अधिकारियों की इसी कमजोरी का फायदा उठाकर खनन माफियां के द्वारा दिन हो या रात खनन के काम का बखूबी अंजाम दिया जाता रहा है। पुलिस महकमे की यदि बात करे तो आम वाहनों के चालान तो खूब किये जाते हैं पर खनन मंे लिप्त ट्रैक्टर ट्राली जो कि रिहायशी इलाकों से होकर दिन रात चलती रहती हंै उसका चालान करना पुलिस के लिए टेढी खीर साबित हो रहा है। सूत्र यह भी बताते हैं कि खनन माफियाओं के द्वारा टैªक्टर ट्राली से जो खनन किया जा रहा है। उसे एक प्लाॅट मंे एकत्र कर रात के समय ट्रकों में भर कर देहरादून जिले के विभिन्न स्थानों पर सप्लाई करने का काम किया जा रहा है।


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