षांति एवं सदभाव की आषा यात्रा का नगर में हुआ ऐतिहासिक मंगल प्रवेष
- नगर में हर जगह हुआ संत श्रीएम का आत्मीय स्वागत
- सदभाव,समानता के सन्देष को लेकर निकली आषा यात्रा
झाबुआ---षांति और सदभावना के सन्देष को लेकर कन्या कुमारी से कष्मीर तक 7500 किलोमीटर की लंबी पद यात्रा ने बुधवार को नगर प्रवेष किया । मानव एकता मिषन की आषा यात्रा संत श्री एम मानव के नेतृत्व में निकाली गई है । 18 माहों में देष के 11 राज्यों से होती हुई यह यात्रा कष्मीर में समाप्त होगी ।यात्रा का मुख्य उद्देष्य भारत के विविध भौगोलिक परिदृष्यों को पार करते हुए भिन्न भिन्न समुदायों और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को जोडने में अपनी भूमिका का निर्वाह करेगी । अर्थपूर्ण रूप से राश्ट्र को भावी पीढियों को सौपने के योग्य बनाने उद्देष्य से किया जारहा है । विभिन्न धर्मो के बीच पारस्परिक सहिश्णुता और सदभाव के अग्रदूत स्वामी विवेकानंद की जन्म षताब्दी के अवसर पर 12 जनवरी 2015 से कन्याकुमारी से आषा यात्रा गांधी मंडप से प्रारंभ हुई है और इसका समापन 2016 में श्रीनगर कष्मीर में होगा । संत श्रीएम के अनुसार इसका मुख्य उद्देष्य आपसी सदभाव, सबकी समानता,धारणीय जीवन पद्धति,नारी सषक्तिकरण, सामुदायिक स्वास्थ्य एवं षिक्षा एवं युवा विकास है । संत श्री एम एक अत्यन्त साधारण जीवन जीते है पर मानवता के उच्च लक्ष्य को समर्पित है । वे मानव एकता मिषन के संस्थापक है । इनके मिषन की मूल अवधारणा है कि रचना, निश्पादन,और क्रियात्मक नेतृव से सही समाज के निर्माण, आषापूर्ण परिवर्तन और संगठित संसार का निर्माण किया जासकता हे । मिषन हर इंसान की जन्मजात अच्छाई का पोशण करता है । इस मिषन का ध्येय वाक्य ही जनम से मानव,चलन से मानव हर कदम मानवता के लिये है । पिटोल- गेहलर,मिण्डल हाते हुए पर सडक मार्ग से आषा यात्रा के झाबुआ पहूंचने पर उदयपुरिया में काली कल्याण धाम के प्रमुख पर्वतसिंह मकवाना, अभिशेक बिलवाल सहित बडी संख्या में रहवासियों ने संत श्री का पुश्पमालाओं से स्वागत किया । मेघनगर नाके पर महाकांल ग्रुप एवं दिलीपगेट मित्र मंडल द्वारा संत श्री का आत्मीय स्वागत किया तथा पुश्पवर्शा कर अगवानी की । दिलीप क्लब पर जन अभियान परिशद की ओर से तथा काथोलिक मिषन चर्च गेट पर फादर स्टीफन एवं स्कूली छात्रों एवं चर्च परिवार की ओर से माल्यार्पण कर स्वागत किया गया । संत श्री की पैदल यात्रा बसस्टेंड पर पहूंची जहां स्थापित टांटियाभील की प्रतिमा पर संतश्री ने माल्यार्पण किया वही चालक परिचालक संघ एवं बसस्टेंड के व्यापारियों की ओर से उनका माल्यार्पण करके स्वागत किया गया । फव्वारा चैक पर जनअभियान परिशद के कार्यकर्ताओं ने तथा चन्द्रषेखर आजाद मार्ग स्थित चिंतामन गणेष मंदिर परउनका आत्मीय स्वागत हुआ । थांदला गेट पर जिला कांग्रेस की ओर से स्वागत किया गया तो एकलव्य भवन पर साजरंग संस्था की ओर उनका अभिनंदन हुआ । मेन रोड से होते हुए यात्रा चन्द्रषेखर आजाद की प्रतिमा पर पहूंची जहंा संत श्रीएम ने आजाद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया । आजाद चैक में नीमा समाज, परहित संस्था ने तथा गोवर्धननाथ मंदिर पर भक्तजनों से संतश्रीएम का पुश्पमालाओं से स्वागत किया । नेहरूमार्ग पर सकल व्यापारी संघ एवं राम मंदिर सेवा समिति की ओर से उनका नगरआगमन पर आत्मीय स्वागत सकल व्यापारी संघ के अध्यक्ष नीरजसिंह राठौर, राजेन्द्र यादव,ओम सोनी, निर्मल अग्रवाल, कमलेष पटेल आदि ने किया । राजवाडा चैक पर आसरा पारमार्थिक ट्रस्ट के पदाधिकारियों एवं सत्यसाई सेवा समिति की ओर स्वागत किया गया । राजमहल में युवराज कमलेन्द्रसिंह एवं नानालाल कोठारी आदि ने संतश्री की अनुवानी कर उनका भव्य स्वागत किया गया । षांति सदभाव की इस आषा यात्रा का नगर में एतिहासिक प्रवेष एवं चलो सब साथ चले, हाथ में हाथ थामें, कदम से कदम मिला कर के उद्देष्य को पूरे नगर ने दृढ संकल्प के साथ अगंीकार कर नगर की गंगा जमुनी तहजिब का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया । यात्रा के आगमन पर विधायक षांतिलाल बिलवाल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया, आषीश भूरिया, सहित बडी संख्या में जन नेताओं एवं गणमान्यजनों ने पैदल यात्रा की अगुवाई कर उनके साथ सहभागिता की ।राजगढ नाके पर मजदूर संघ के बहादूर सिंह मेडा षंभू भाबर आदि ने भी उनका स्वागत किया ।
बच्चे ही विष्व में षांति एवं सदभावना की सुगंध को महकावेगें ।
- जन्म से मरण तक पूरा जीवन ड्रामे बाजी में जाता है- संत श्री एम
झाबुआ---कन्याकुमारी से कष्मीर तक 7500 किलो मीटर की मानव एकता आषा पद यात्रा का मुख्य उद्देष्य मानव को मानव के प्रति जोडना, सदभावना पेदा करना तथा पूरे देष में षांति एवं सदभावना की स्थापना करना है । करीब 70-80 लोगों की टीम ने कन्याकुमारी से इसी संकल्प को लेकर पदयात्रा प्रारंभ की है । अभी तक जहां जहां से यात्रा गुजरी ने लोगों का सकारात्मक सहयोग प्राप्त हुआ है । अब तक की गई करीब 3700 किलो मीटर की पद यात्रा से यह समझ मे आया है कि मानव एकता की बात कोई नई बात नही है यह तो भारतीय संस्कृति का एक अनुकरणीय स्वरूप ही है । उक्त सारगर्भित उद्बाद आषा यात्रा के प्रण्ेाता संत श्री एम ने मंगलवार की रात्री को स्थानीय पैलेस गार्डन में स्कूली छात्रों एवं बुद्धिजीवियों की सभा में व्यक्त करते हुए कही । उन्होने आगे कहा कि जब हम भुल जाते है तभी हिंसा होती है । हमारा सन्देष समग्र अहिंसा को स्थापित करना है । यो तो मानव एकता के बारे में सभी जानते है किन्तु इसे भुलना नही चाहिये । हमारे देष मे अलग अलग जातिया,धर्म एवं आयडियलाजी हो सकती है किन्तु चिज को याद रखा जावे कि हम सभी मानव है । सभी ने मां के उदर से ही जन्म लिया है ।जन्म से मरण तक पूरा जीवन ड्रामे बाजी में जाता है । ऐसे में हमे हिंसा की क्या जरूरत है । इसके मूेल में ही अहिंसा है । संत श्री एम ने आगे कहा की प्रसाद का मतलाब षांति होता है, मुसिल्म जब आपस मे मिलते है तो सलाम कहते है, इसका अर्थ भी षांति है, जैन धर्म काफी पूराना है और अहिंसा परमोधर्म इसकी निंव है । बौद्ध धर्म भी षांति की ओर ले जाता है । महात्मा गांधी ने षांति पूर्ण आन्दोलन करके ही अंग्रेजी सरकार को देष के बाहर निकाला । इस तरह षांति ही सबसे बडा आयुध होता है । उन्होने कहा कि जो व्यक्ति बलषाली होता है,सत्य का आदर करता हे, वही षांति से जीता है । बल वाला भी यदि बल का प्रयोग नही करें तो वह भी षांति का ही एक स्वरूप है । संतश्री ने झाबुआ की जनता की ओर से किये गये स्वागत की प्रसंषा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेष में उनकी 74 दिन की आषा पद यात्रा होगी । प्रतिदिन 18 से 20 किलोमीटर पैदल यात्रा होती है । अब तक की गई यात्रा के असर का प्रभाव दिखाई देने लगा है । अनुभव यह सामने आया है कि छोटे से छोटे गा्रम के लोग भी अब षांति की बात सोचते है । संत श्री एम ने आगे कहा कि षांति सदभावना मानव एकता के बीजों का रोपण विद्याार्थियों में करना चाहते है । मुझे इन पर अधिक भरोसा है । ये ही लोग षांति,सदभावना,एवं मानव एकता के पौधे से एक विषाल वृक्ष के रूप में स्थापित होगें और हमारा बिज बोने का श्रम सार्थक होगा । उन्होने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा नाम जो भी किन्तु हम सब एक ही है । वृक्ष बडा होगा तो इसी छांव में हजारों लोग बैठेगें और षांति अनुभव करेगें । बच्चे ही विष्व में षांति एवं सदभावना की सुगंध को महकावेगें । संत श्री ने आगेआव्हान किया कि आप कही पर भी काम करते हो, आफीस, व्यापार,घर,स्कूल सभी दूर मानव एकता एदभावना का सन्देष पहूंचाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभावें ।इसे पहले घर से पिफर पडौस, मोहल्ले, नगर,जिले,प्रदेष,देष से लेकर विष्वस्तर तक पहूंचोया जासकता है । यह जितना अधिक फैलेगे उतना ही सुखद संसार बन जायेगा । इससे सुख एवं षांति भी विष्व मे प्रवाहित होगी । हमारे देष भारत को मजबुत बनाने के लिये हम सभी को मिल कर काम करने का संकल्प लेना होगा । अपने नाम संत ’एम’ का अर्थ बताते हुए कहा कि हिन्दी में इसका अर्थ ’म’ होता है मनुश्य के प्रथम अक्षर म है। वे केरेल के मुस्लिम परिवार में पैदेा हुआ और उनका नाम मुमताज अलीखान भी म से ही है । हिमालय में उनके गुरू जो नाथ संप्रदाय के है ने उनका नाम मधुकरनाथ दिया, ओर सबसे अधिक मानव जाति के लिये काम करने के कारण ही उनका नाम ’संत एम’ हो गया है । उन्होने कहा कि हम सभी सर्वव्यापी ईष्वर के अंष है । चाहे बाह्य रूप से अलग अलग हो किन्तु अन्दर से सभी एक समान है । मै अपने आप को मानव समझता है इसलिये ही श्री एम बना हूं । उन्होने इस अवसर पर उपस्थित बच्चों के प्रष्नों के उत्तर देकर भी उन्हे संतुश्ट किया ।
बाल कल्याण समिति झाबुआ ने गुमषुदा बच्चें को सौपा
झाबुआ---गत 21 सितंबर को कोकावद का 8 वर्शीय बालक अखिलेष उर्फ नूरा बस में बैठकर झाबुआ आ गया था। बच्चे के गुम होने को लेकर उसके पिता टिहिया एवं माता नर्मदा काफी परेषान थी खोजबीन करने पर भी उसका पता नही लगा था। बच्चा जब झाबुआ आया तो उसे भटकता देख लोगों ने उसे पुलिस थाने पर सुपुर्द किया और पुलिस थाने ने चाईल्ड हेल्प लाईन झाबुआ को बच्चे के परिजनों की खोज के लिये सुपुर्द किया। हेल्प लाईन वालों ने बच्चे से पूरी जानकारी एकत्रित की व उसके गांव आदि का पता लगाया तथा इसकी सूचना बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष षैलेश दुबे को दी। गुमषुदा बच्चे के पिता का पता लगाकर उसे झाबुआ बुलवाया गया और बुधवार को सायंकाल 4 बजे बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष षैलेश दुबे, भारती परमाार, श्री त्रिवेदी, संजय मिश्रा, बबलू सकलेचा, बाल संरक्षण समिति के अरविंद सिंह, विधि सह परिविक्षा अधिकारी व सामाजिक कार्यकर्ता सुरेन्द्र मुवेल आदि की उपस्थिति में अखिलेष के पिता टिहिया व माता नर्मदा को सौंपा गया। बच्चे के मिलने पर कोकावद के लोगों सहित पूरे परिवार में खुषी की लहर व्याप्त है।
दिवान के इलाज के लिए एक लाख 60 हजार स्वीकृत
झाबुआ ---राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत श्री दिवान पिता मुनसिंह निवासी ग्राम पिलियाखदान तहसील झाबुआ को एक वाल्व रिपलेसमेंट (बायोप्रोस्टोटिक वाल्व) का इलाज करवाने के लिए 1 लाख 60 हजार रूपये संचालक सिनर्जी हास्पिटल सेक्टर बी 74 सी मेघदूत गार्डन के सामने इंन्दौर को स्वीकृत किये गये है।
मोटरयान चालक परिचालक कल्याण योजना 2015 लागू
झाबुआ---मंत्री परिषद में लिए गए निर्णय के अनुपालन में परिवहन विभाग द्वारा मोटरयान चालक परिचालक कल्याण योजना 2015 लागू की गई है। जिसके अंतर्गत वैध व्यावसायिक परिवहन यान लाइसेंसधारी चालकों तथा परिचालकों जो कि समग्र में पंजीकृत है उन्हें समग्र कल्याण एवं पुनर्वास के उद्देश्य से स्वास्थ्य सुविधाएॅ, कौशल उन्नयन, जीवन बीमा, स्वरोजगार हेतु स्वयं का वाहन खरीदने में मदद करना, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ प्रदान करना तथा राज्य के श्रेष्ठ चालकों को पुरस्कृत करना आदि योजनाओं का लाभ दिलाना उद्देश्य है। इसमें इच्छुक आवेदक अपना पंजीयन समग्र पोर्टल पर करवाने के पश्चात जिला परिवहन कार्यालय में योजना से संबंधित विवरण प्राप्त कर चाही गई योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन प्रस्तुत करे। कार्यालय से विभिन्न विभागों से समन्वय कर पात्र हितग्राही के प्रस्ताव संबंधित विभागों को भेजकर योजना का लाभ दिलाया जाएगा। योजना की जानकारी परिवहन कार्यालय पटल पर भी चस्पा की गई है। योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक दिशानिर्देश आयुक्त परिवहन द्वारा भी जारी किये जायेगे।
शासकिय भुमि पर शमाशान को लेकर दो पक्षो विवाद
झाबुआ--- जोगडिया पिता बाबू सिंगाड, उम्र 40 वर्ष, निवासी मकोडिया ने बताया कि आरोपी लक्ष्मण रायचन्द्र सिंगाड एवं अन्य 02 निवासीगण मकोडिया ने शासकीय जमीन पर शमशान घाट बनाने की बात को लेकर अश्लील गालियां देकर मारपीट की व जान से मारने की धमकी दी। प्रकरण में थाना थांदला में अप0क्र0 282/15, धारा 294,323,506,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। वही लक्ष्मण पिता रायचन्द्र सिंगाड, उम्र 30 वर्ष, निवासी मकोडिया ने बताया कि आरोपी झीतरा पिता गजा सिंगाड,एवं अन्य 02 निवासीगण मकोडिया ने शासकीय जमीन पर शमशान घाट बनाने की बात को लेकर अश्लील गालियां देकर लकडी से मारपीट की व जान से मारने की धमकी दी। प्रकरण में थाना थांदला में अप0क्र0 283/15, धारा 294,323,506,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
तालाब किनारे मिला भ्रुण
झाबुआ--- अज्ञात महिला द्वारा नवजात शिशु जिसकी उम्र 5-6 माह करीबन मृत अवस्था में पैदा होने पर गुप्त ढंग से जानबुझकर छिपाने के लिये रामगढ तालाब के किनारे पानी में फेंक दिया। जिस पर मर्ग कायम कर जांच की गई। प्रकरण में थाना पेटलावद में अप0क्र0 372/15, धारा 318 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
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