बिहार विधानसभा चुनाव में समस्तीपुर जिले की रोसड़ा (सुरक्षित)सीट को पिछले चुनाव में पहली बार हथियाने वाली भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) इस पर कब्जा बरकरार रखने की जहां हरचंद कोशिश कर रही है वहीं भाजपा से यह सीट छीनने के लिए कांग्रेस आमादा दिख रही है । भाजपा इस सीट पर वर्ष 2010 के चुनाव में पहली बार कब्जा करने में कामयाब हुई थी।इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल कई बार इस क्षेत्र में अपना परचम लहराने में सफल रहा था। वर्ष 1980 तक रोसडा सीट पर कांग्रेस का कब्जा होता रहा लेकिन उसके बाद उसे यहां हार का ही स्वाद चखना पडा । महागठबंधन में शामिल हुई कांग्रेस को इस बार यह सीट मिली है और वह भाजपा को परास्त करने में जहां कोई कसर नहीं छोडना चाहती है वहीं भाजपा यहां अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए कडी मेहनत कर रही है। इस स्थिति में यहां मुकाबला बडा रोचक हो गया है।
प्रथम चरण में 12 अक्टूबर को होने वाले रोसड़ा :सु : विधानसभा क्षेत्र में कुल 10 प्रत्याशी मैदान में है । निवर्तमान विधायक और पूर्व सांसद राम सेवक हजारी की बहू मंजू हजारी भाजपा के टिकट से मैदान में है ।उनका मुकाबला कांग्रेस के डॉ अशोक कुमार से है जो पूर्व केन्द्रीय मंत्री बालेश्वर राम के पुत्र हैं। समस्तीपुर जिले की महत्वपूर्ण रोसड़ा सीट पर श्रीमती हजारी और श्री अशोक कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इनके अलावा इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी,समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी और कई अन्य उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमां रहे हैं। हालांकि इस सुरक्षित सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही माना जा रहा है।
वर्ष 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी मंजू हजारी ने राजद प्रत्याशी पीतांबर पासवान को हराया था। पिछले चुनाव में पहली बार भाजपा ने इस सीट पर अपना खाता खोला था। इससे पूर्व किसी चुनाव में भाजपा अपना विजयी पताका फहराने में नाकाम रही हैं। समस्तीपुर जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्रों की तरह ही इस क्षेत्र में भी जीत हार का निर्णय विकास के मुद्दे की बजाए जातीय समीकरणों के आधार तय माना जा रहा है । सभी पार्टियां विकास को मुद्दा तो बना रही हैं लेकिन अंदरखाने जातीय समीकरणों को दुरूस्त करने में लगी है।
महाकवि आरसी,उदयनाचार्य, पंडित सुरेंद्र झा सुमन जैसे दार्शनिकों और साहित्यकारों की धरती नेताओं के घोषणाओं का शिकार बनती रही हैं। रोसड़ा को जिला बनाने का वादा किया गया था लेकिन साल दर साल बीत जाने के बाजवूद इसे आजतक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। सोना और गल्ला व्यवसाय की दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण इस क्षेत्र को लंबे समय से जिला बनाने की मांग की जा रही है लेकिन नेता बदले , सरकार बदली लेकिन रोसड़ा क्षेत्र की किस्मत ने अब तक नहीं बदल पाई है।यहां अपेक्षित विकास अभी तक नहीं हो पाया है।
रोसड़ा के मतदाताओं का कहना है कि चुनाव के समय राजनेता बड़े-बड़े वादे करते हैं लेकिन एक बार सत्ता हासिल हो जाने के बाद वह सबकुछ भूल जाते हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 295500 है।
मतदान की तिथि नजदीक आने के साथ ही चुनाव प्रचार में सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव जहां महागठबंधन उम्मीदवार को जिताने की अपील कर रहे हैं वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस क्षेत्र में अपनी सभा कर चुके हैं। रोचक तथ्य यह है कि कांग्रेस का उम्मीदवार खड़ा होने के बावजूद अबतक कांग्रेस की ओर से कोई बड़ा नेता यहां नहीं आया है।

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