केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता पीयूष गोयल ने आज कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) जद.यू. के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार बिजली के क्षेत्र में बेहतर काम करने की बात कर लोगों को भ्रम में डाल रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि राज्य में पिछले ढाई वर्षों के दौरान बिजली का उत्पादन शून्य रहा। श्री गोयल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तीन दिन पूर्व एक स्वयंसेवी संस्था की ओर से देश के पूर्वी राज्यों में किये गये सर्वेक्षण की रिपोर्ट मिली है जिसमें बिहार ,झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बिजली की स्थिति दर्शायी गयी है। इस रिपोर्ट में बिहार में बिजली की स्थिति सबसे खराब बतायी गयी है। केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिहार के ग्रामीण इलाकों में बिजली की स्थिति बेहद खराब है। ग्रामीण क्षेत्र के मात्र 20 प्रतिशत घरों में ही बिजली है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ग्रामीण इलाकों 29 हजार से अधिक घरों में बिजली पहुंचाने का दावा किया था , लेकिन उनमें अभी तक नहीं पहुंचायी गयी है। ग्रामीण इलाकों में विद्युत खम्भे तो लगे हैं ,लेकिन इन पर तार नहीं लगाये गये हैं।
श्री गोयल ने कहा कि इसी तरह ग्रामीण इलाके में ट्रांसफरमर तो लगे हैं लेकिन उसमें विद्युत प्रवाहित नहीं की गयी है। जद.यू. सरकार की यह कल्पना थी कि 10 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों के घरों में बिजली पहुंचाकर लोगों के बीच इसकी डुगडुगी बजायी जाये । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद ग्रामीण विद्युतीकरण की योजना तैयार की गयी जिसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण और निरंतर बिजली देने की है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यह योजना तभी सफल मानी जायेगी जब ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे निर्बाध रुप से सही वोल्टेज की बिजली लोगों को मिल सके। जीरो वॉट का बल्व भी जगमग कर उठे । उन्होंने कहा कि बिहार के जिन ग्रामीण इलाकों में अभी बिजली पहुंच भी रही है तो वहां बल्व टिमटिमाते हैं । प्रधानमंत्री की यह योजना है कि 24 घंटे बिजली और खेतों को पानी मिले।
श्री गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार बिजली के क्षेत्र में सिर्फ बड़े- बड़े दावे करते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि पिछले ढाई वर्षों में बिजली का शून्य उत्पादन भी नहीं हुआ है। बिहार में जो भी बिजली मिल रही है वह केन्द्रीय उपक्रमों के माध्यम से ही उपलब्ध हो रही है। आजादी के 68 वर्षों के बाद भी पटना से लगे दियारा के इलाकों में अभी तक बिजली नहीं पहुंच सकी है। इन क्षेत्रों के लोग लालटेन युग में जीने को विवश हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार ने वर्ष 2012 में दावा किया था कि गांव-गांव तक बिजली नहीं मिली तो वह वोट मांगने नहीं आयेंगे लेकिन बिजली आपूर्ति की बदतर हालत के बावजूद वह लोगों से वोट मांग रहे हैं।

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