विचार : लोक आस्था का महापर्व छठ और राजनीति - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 16 नवंबर 2015

विचार : लोक आस्था का महापर्व छठ और राजनीति

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पटना। आज से चार दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान लोक आस्था का महापर्व छठ प्रारंभ हो गया। लोक आस्था के महापर्व छठ को सफलतापूर्वक अंजाम देने में भक्तजन लग जाते हैं। इस महान पर्व में मुस्लिम महिलाओं द्वारा निर्मित मिट्टी का चूल्हा और डोम महाराजाओं द्वारा निर्माण सूप, दौरा आदि का व्यवहार किया जाता है। जिन लोगों के द्वारा चूल्हा और सूप,दौरा आदि निर्माण किया जाता है। ऐसे लोग निर्माण करते समय पवित्रता और सफाई पर खास ध्यान देते हैं।   

रविवार को नहाय-खाय अनुष्ठान को पूरा किया गया।सोमवार को खरना है। मंगलवार को अस्ताचलगामी भगवान दिवाकर को अघ्र्य दिया जाएगा। बुधवार को उदयीमान भगवान भास्कर को अघ्र्य देने के साथ ही चार दिवसीय लोक आस्था का महान पर्व समाप्त हो जाएगा। 

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चुनावी प्रक्रियाओं से मुक्त होकर धार्मिक आयोजनों में नेतागण समय देने लगे हैं। सूबे के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भाभी गीता देवी के घर में छठ पूजा हो रही है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पीछे नहीं हैं। श्री यादव की धर्मपत्नी राबड़ी देवी की सरकारी आवास पर छठ पूजा हो रही है। वहीं बिहार प्रदेश काँग्रेस कमिटी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चैधरी के घर में भी छठ पूजा हो रही है। रविवार को नहाय-खाय के अवसर पर कद्दू, चना दाल और अरवा चावल का प्रसाद का भोग लगाया गया। आज कई लोगों ने छठ व्रतियों के बीच में कद्दू वितरण किया गया। कई लोग नारियल,सूप,अगरबत्र्ती आदि वितरण करेंगे। 

संपूर्ण बिहार में धार्मिकता का माहौल बन गया है। छठी मईया के ऊपर गीत पेश किया जा रहा है। पवित्र गंगा नदी के किनारे तैयारी जोरों से जारी है। आरक्षी बल को तैनात कर दिया गया है। आरक्षी बल में महिलाओं को शामिल किया गया है। नागरिक सुरक्षा कोर का भी सहयोग लिया जा रहा है। विभिन्न घाटों पर गोताखोरों को प्रतिनियुक्त कर दिया गया है। घाटों पर वाच टावर भी बनाया गया है। इसी तरह सिविल सिटीजन भी छठ के अवसर पर सहयोग करना शुरू कर दिए है। बिजली बल्बों से मार्ग को सजाया जा रहा है। व्रतियों को कष्ट न हो उसकी व्यवस्था की जा रही है। विभिन्न जगहों पर आकर्षक तोरण द्वार किया जा रहा है। मार्ग की सफाई की जा रही है। 

जिला प्रशासन ने 42 घाटों को खतरनाक घोषित कर दी है। दानापुर - गोला घाट,इमलीतर घाट, सप्लाई  डिपो घाट, मीनार घाट, स्कूल गली घाट, नहरलख घाट, रामजीचक नहर पर,रामजीचक जहाज घाट,राजापुर घाट, पहलवान घाट, बुद्ध घाट, सिपाही घाट, बधवा घाट,एल.सी.टी.घाट आदि घाट। पटना सिटी-सीता घाट, खाजेकला, राजा घाट, आदर्श घाट, टेढ़ी घाट, केशव घाट, मिरचाई घाट हिरानंद साह घाट, झाउगंज घाट, चिमनी घाट, नुरूद्दीन घाट आदि है। इसके आलोक में जिला प्रशासन ने विभिन्न तालाबों और पार्कों में अघ्र्य देने की व्यवस्था की है। गंगा नदी की दूरी अधिक है। फिर भी दूरी को बौना बनाने में श्रद्धालु पीछे नहीं रहेंगे। 

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