बिहार : ‘‘ असंगठित कामगारों के हक में श्रमिक आयोग का गठन हो ’’ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 27 दिसंबर 2015

बिहार : ‘‘ असंगठित कामगारों के हक में श्रमिक आयोग का गठन हो ’’

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27 दिसम्बर 2015, पटना असगंठित क्षेत्र कामागार संगठन, राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण साझा अभियान, बिहार लोक जीवन एवं एक्सन-एड एसोसियेषन के संयुक्त तत्वाधान में एक असंगठित क्षेत्र के कामगारें के हक में एवं मुक्त बंन्धुआ मजदुरों के पुर्नवपास मुद्वे पर अन्र्तराज्यीय अधिवेषन का आयोजन बिहार चेम्बर आॅफ काॅंमर्स पटना के सभागार में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के उद्वघाटन व अध्यक्षता माननीय दुलालचन्द गोस्वामी, पुर्व मंत्री श्रम संसाधन विभाग, बिहार सरकार ने दीप प्रवज्वलित कर किया। इस अवसर पर गजनफ्फर नवाब (महासचिव, एटक), आर0 एन0 ठाकुर (महासचिव, एकटू), नाथून जमादार (सिटू,), बिन्देष्वरी सिंह (अध्यक्ष जदयु श्रमिक प्रकोष्ठ), डाॅं0 हुलास माॅंझी (अघ्यक्ष महादलित आयोग), श्रीमति अनिता सिन्हा (उपाध्यक्ष बिहार बाल श्रमिक आयोग), माननीया निषा झा (अध्यक्ष बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग), विद्यानन्द विकल (अध्यक्ष राज्य अनुसूचित आयोग), मो0 साकेव नवीं (बंगला देष कन्ट्री डाइरेक्टर क्रिष्चिनएड), नरेन्द्र शर्मा (क्षेत्रीय प्रबंधक राजस्थान), विजय गोयल (सचिव राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण साझा अभियान), सौरव (कार्यक्रम प्रबधक एक्षनएड, पटना) आदि उपस्थित थे। 

इस कार्यक्रम में राजस्थान, उतरप्रदेष तथा बिहार के 22 जिलों से लगभग 200 से अधिक महिला-पुरूषो नें भाग लिया। इस कार्यक्रम का संचालन एक्षनएड से पंकज श्वेताभ नें किया। विजय गोयल एवं शत्रुध्न दास (सदस्य असंगठित क्षेत्र कामगार संगठन गया) नें 2014-15 में जयपुर, मिर्जापुर एवं लखनऊ से 800 से ज्यादा मुक्त हुए बन्धुआ मजदुरों कीं पुर्नवास स्थिति का रिर्पोट अधिवेषन सभा में प्रस्तुत करते हुए कहा कि सरकारी तंत्रो की उदासिनता की वजह स ेअब तक बन्धुआ मजदुर उन्मूलन पुर्नवास अधिनियम 1976 तथा सर्वोच्य न्यायालय के निर्देषो के अनुरूप कुछ भी कार्य नहीं किये गये हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जिला अधिकारी व अनुमंडल अधिकारी की अध्यक्षता में सर्तकता समिति तो गठित हुआ है, किन्तू बन्धुआ मजदुरों के पुर्नवास के कार्य एवं निगरानी संदेहास्पद है, जिसका मूल्यांकन होना जरूरी है। इस आलोक में पंकज श्वेताभ नें संगठनों की ओर से बन्धुआ मजदुरों के पुर्नवास हेतू 14 सूत्री माॅंग को प्रस्तावित किया, जिसका समर्थन विद्यानन्द विकल एवं अन्य उपस्थित अतिथियों नें किया। इसके बाद असंगठित कामगार संगइन के अध्यक्ष महेन्द्र रौषन एवं राज्य संयोजक विजयकान्त नें संयुक्त रूप से बिहार के 96 प्रतिषत असंगठित क्षेत्र के कामगारों के हक में नागरिक माॅंग पत्र के प्रमुख विन्दुओं को सदन में रखते हुए कहा कि असंगठित कामगारों के हक में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 सम्मानपुर्ण जीवन जीनें का अधिकार के तहत समग्र सामाजिक सुरक्षा अधिकार को मान्यता मिले, मनरेगा के अन्तर्गत सभी जाॅंब कार्डधारियों को बिना आवेदन किय  प्रत्येक वितिय वर्ष में 200 दिनों का रोजगार सुनिष्चित हो, गरीबी व बेरोजगारी दुर करनें के लिए गरीब समूदायों का सहकारिता समिति बनाकर कौषल प्रषिक्षण दिया जाय तथा उसके उपरान्त उन्हें स्वरोजगार करनें हेतू अनुदान सहित आर्थिक सहायता प्रदान की जाय। इस बात की समर्थन सदन में उपस्थित हुलेष माॅंझी व अन्ष् विषिष्ठ अतिथियों नें किया। 

इस क्रम में पंकज श्वेताभ नें असंगठित कामगारों की सामाजिक-आर्थिक सषक्तिकरण व विषम परिस्थिति में पलायन रोकनें हेतू राज्य स्तर श्रमिक आयोंग का गठन कर उसके माध्यम से राज्य में कामगारों की स्थिति का अध्यण व उनके लिए विषेष नीति का निर्माण को प्रस्तावित किया, जिसका समर्थन बिन्देष्वरी सिंह एवं अन्य विषिष्ठ अतिथितियों के द्वारा किया गया। माननीय दुलालचन्द गोस्वामी नें अपनें अध्यक्षीय भाषण में संगठन के द्वारा लिए गये पहल की सराहना करते हुए कहा कि संगठन के सभी प्रस्तावों को लेकर 2016 जनवरी में एक डेलिगेट जिसमें वे स्वयं शामिल रहेंगे चलकर बिहार के माननीय मुख्यमंत्री व श्रम संसाधन विभाग के मंत्री को प्रस्ताव सौंपेगे ताकि बन्धुआ मजदुरों का पुर्नवास कार्य में प्रगति हो तथा बिहार के असंगठित कामगारों का न्याय के साथ विकास हो सके। 

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