पटना, 28 दिसम्बर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रत्येक आपराधिक घटना को चुनौती के रुप में स्वीकार कर अपराधों पर हर हाल में रोक लगायें और अपराधियों को किसी हालत में न बख्शें,वे चाहे जितने भी रसूख वाले हों। श्री कुमार ने आज यहां मुख्यमंत्री सचिवालय में गृह विभाग की समीक्षा के दौरान पुलिस अधिकारियों से कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में कानून का राज कायम करने के लिए कृत संकल्प है।उन्होंने कहा कि संगठित अपराध को समूल नष्ट करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें और निर्भय होकर अपराधियों के सपनों को चकनाचूर करें। उन्होंने कहा कि सरकार संसाधनों की कमी नहीं होने देगी और पुलिस विभाग को अत्याधुनिक सुविधायें मुहैया करायी जायेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध नियंत्रण के लिये नगर निगम वाले सभी शहरों और अन्य संवेदनशील स्थलों के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरा लगाये जायें ताकि अपराध नियंत्रण में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी लायें तथा रिक्त पदों पर नियुक्ति नियमानुसार पारदर्शी तरीके से करें। बैठक में पुलिस कर्मियों की नियुक्ति के लिये एक अलग नियुक्ति आयोग बनाने का विभाग ने अनुरोध किया जिसके लिए मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव लाने का निर्देश दिया।
श्री कुमार ने दरभंगा में दो अभियंताओं की हत्या की घटना को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करने तथा इससे जुड़े अपराधियों के विरूद्ध तुरंत ठोस कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने ए0टी0एस0 को और अधिक सुदृढ़ बनाने, क्राइम एण्ड क्राइम ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम को लागू करने की आवश्यकता पर भी बल दिया । मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि विशेष शाखा को और अधिक सुदृढ़ करें जिसके लिए प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखें। मुख्यमंत्री ने महिला पुलिस कर्मियों के लिये आवास एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं के निर्माण में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी थानों में महिला कर्मियों के लिये शौचालय का निर्माण कराये जायें। उन्होंने निर्माण कार्य विकेन्द्रीकृत कराने का भी सुझाव दिया जिससे कम समय में सभी थानों में महिलाओं के लिये शौचालय का निर्माण हो सके। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार थानों में महिला कर्मियों के लिये बैरक निर्माण का कार्य कराया जाये जिसके लिये विभाग आवयश्क उपाय करे।
श्री कुमार ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण की प्रतिवेदित संवेदनशील स्थिति के मद्देनजर हूटर एवं अत्यधिक हार्न बजाने को नियंत्रित करना आवश्यक है। अतः फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, राज्यपाल एवं उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को छोड़कर किसी भी वाहन में हूटर नहीं बजेगा। अनावश्यक एवं अत्यधिक हार्न बजाने पर भी प्रभावकारी रोक की व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा कि अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति में तेजी लाई जाये जिससे आश्रितों को लाभ जल्द मिल सके। उन्होंने जेल के आंतरिक मॉनिटरिंग सिस्टम को और अधिक कारगर बनाने की आवश्यकता बताई तथा इसके लिये तकनीकी साधनों का प्रयोग करने का निर्देश दिया जिससे जेल के अंदर आने-जाने वाले व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी हो सके और उनके साथ जाने वाले सामानों पर भी नजर रखी जा सके। मुख्यमंत्री ने अग्निशमन विभाग की समीक्षा करते हुये कहा कि छोटे और संकीर्ण जगहों में भी अग्निशमन का काम सुचारू रूप से चल सके,इसके लिये अत्यानुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाये । बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह,प्रधान सचिव गृह आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक पी0के0 ठाकुर, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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