दरभंगा,26 दिसम्बर, बिहार में दरभंगा जिले के बहेड़ी थाना क्षेत्र के शिवराम गांव में आज दिनदहाड़े अपराधियों ने निजी कंपनी में कार्यरत दो अभियंताओं की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस अधीक्षक अजीत कुमार सत्यार्थी ने यहां बताया कि सड़क निर्माण कर रही बीएससीसी एंड सीजेवी कंपनी के परियोजना अभियंता मुकेश कुमार(32) और सहायक अभियंता ब्रजेश कुमार(39 वर्ष )शिवराम गांव के समीप सड़क निर्माण का काम करा रहे थे तभी मोटरसाइकिल सवार चार अपराधी वहां पहुंचे और उनपर कारबाइन से अंधाधुंध गोलीबारी की जिससे दोनों अभियंताओं की मौके पर ही मौत हो गयी। घटना को अंजाम देने के बाद सभी अपराधी मौके से फरार हो गये। शव पोस्टमार्टम के लिए दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिये गये हैं। करीब 755 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना के तहत समस्तीपुर के बरना पुल से दरभंगा के रसियारी घाट तक सड़क का निर्माण होना है।
श्री सत्यार्थी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से अज्ञात अपराधी कंपनी से लगातार रंगदारी की मांग कर रहे थे और संभवत: इसी को लेकर घटना को अंजाम दिया गया है। उन्होंने बताया कि रंगदारी को लेकर धमकी दिये जाने के बाद प्रबंधन के आग्रह पर कंपनी के आधार शिविर पर एक पुलिस अधिकारी समेत पांच पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। घटना में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए जिले की सीमा को सील कर संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। इस बीच,परियोजना के निदेशक देवेश राठौर का कहना है कि कंपनी की ओर से रंगदारी मांगे जाने की सूचना के बाद स्थानीय प्रशासन ने तीन दिन पूर्व आधार शिविर(बेस कैंप)पर कुछ पुलिसकर्मियों की तैनाती थी लेकिन शुक्रवार को सभी यह कहकर वापस चले गये कि उन्हें मुख्यालय में योगदान करने का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उनकी अनुरोध तो माना लेकिन अचानक सुरक्षाकर्मियों को वापस बुलाने का फैसला चौंकाने वाला है। उन्होंने साफ किया कि जब तक प्रशासन की ओर से पर्याप्त सुरक्षा मुहैय्या नहीं करायी जाती,सड़क निर्माण काम पूरी तरह बंद रहेगा।
श्री सत्यार्थी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से अज्ञात अपराधी कंपनी से लगातार रंगदारी की मांग कर रहे थे और संभवत: इसी को लेकर घटना को अंजाम दिया गया है। उन्होंने बताया कि रंगदारी को लेकर धमकी दिये जाने के बाद प्रबंधन के आग्रह पर कंपनी के आधार शिविर पर एक पुलिस अधिकारी समेत पांच पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। घटना में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए जिले की सीमा को सील कर संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। इस बीच,परियोजना के निदेशक देवेश राठौर का कहना है कि कंपनी की ओर से रंगदारी मांगे जाने की सूचना के बाद स्थानीय प्रशासन ने तीन दिन पूर्व आधार शिविर(बेस कैंप)पर कुछ पुलिसकर्मियों की तैनाती थी लेकिन शुक्रवार को सभी यह कहकर वापस चले गये कि उन्हें मुख्यालय में योगदान करने का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उनकी अनुरोध तो माना लेकिन अचानक सुरक्षाकर्मियों को वापस बुलाने का फैसला चौंकाने वाला है। उन्होंने साफ किया कि जब तक प्रशासन की ओर से पर्याप्त सुरक्षा मुहैय्या नहीं करायी जाती,सड़क निर्माण काम पूरी तरह बंद रहेगा।

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