आईएसआईएस के खौफ का जवाब है भारतीय संस्कृति: राजनाथ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 27 दिसंबर 2015

आईएसआईएस के खौफ का जवाब है भारतीय संस्कृति: राजनाथ

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लखनऊ 27 दिसम्बर, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि इन दिनों दुनिया में आईएसआईएस का खौफ है, लेकिन भारत पर इसका असर कभी नहीं पड़ेगा क्योंकि इस खौफ का जवाब देश की संस्कृति है । श्री सिंह ने कहा कि दुनिया में केवल हिंदुस्तान अकेला ऐसा देश है, जहां अगर किसी परिवार का लड़का गलत राह पर जाना चाहता है तो उसके मां-बाप ही उन्हें रोकते हैं। यदि हमने अपनी संस्कृति बचा कर रखी तो भारत से मजबूत और धनवान देश कोई और नहीं होगा। श्री सिंह यहां आयोजित तालीम की ताकत सम्मेलन में मुख्य अतिथि थे । उनहोंनें कहा कि भारत ने ही दुनिया को शून्य दिया है। तालीम ही हिंदुस्तान की ताकत है। बगैर तालीम के प्रगति संभव नहीं है। तालीम ऐसी होनी चाहिए जो मूल्यों को बढ़ाए तथा असहनशीलता को कम करे। जब तक अच्छी तालीम नहीं मिलेगी हम जैसा हिंदुस्तान बनाना चाहते हैं, नहीं बन सकता है। 

श्री सिंह ने कहा कि आतंकवाद, उग्रवाद हो या फिर माओवाद सभी समस्याओं का समाधान तालीम है ।तालीम के साथ हमें जीवन मूल्यों को भी सीखना चाहिए। हिंदुस्तान ही एक ऐसा देश है जहां इस्लाम के 72 फिरके पाए जाते हैं तो वहीं दुनिया के सबसे पुराने चर्चों में से एक देश के केरल में हैं । भारत ऐसा देश है जहां सदियों से सभी धर्मों के लोग प्यार मोहब्बत से रहते चले आ रहे हैं । इस कार्यक्रम के संयोजक थे ज़फर सरेशवाला जो मौलाना आजा़द राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के कुलपति हैं और प्रधानमंत्री मोदी के काफी करीबी भी माने जाते हैं । इसके साथ ही एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक जे एस राजपूत, एक्जिम बैंक के अध्यक्ष यादुवेंद्र माथुर, दारुलउलूम देवबंद के प्रबंध निदेशक मो. शाकिब कासमी के अलावा कई शिक्षाविदों ने अपने विचार रखे । 

श्री सरेशवाला ने कहा कि इस पहल के पीछे एकमात्र एजेंडा अलग अलग समुदायों खासकर मुस्लिमों को शिक्षा के माध्यम से ज्ञान और कौशल पाने के लिये प्रोत्साहित करना है ।वह चाहते हैं कि मुसलमान खासकर महिलायें सरकार के साथ जुडें ओर कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लें । उन्होंनें कहा कि शिक्षा पर इस श्रंखला के पहले संस्करण का आयोजन तीन अगस्त को महाराष्ट्र के मुम्बई में किया गया था जिसके मुख्य अतिथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस थे ।दूसरे संस्करण का आयोजन पटना में पांच सितम्बर को हुआ जिसमें मुख्य अतिथि केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद थे ।तीसरा संस्करण हैदराबाद में 20 सितम्बर को आयोजित हुआ जिसमें मुख्य अतिथि नजमा हेपतुल्ला थीं । 

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