नयी दिल्ली 29 दिसंबर, सरकार ने दस लाख रुपये से अधिक कर योग्य आय वाले उपभोक्ताओं को रसोई गैस की सब्सिडी के दायरे से बाहर करने का फैसला किया है। पेट्रोलियम मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार एक जनवरी से दस लाख रुपए से अधिक कर योग्य आय वाले उपभोक्ताओं को रसोई गैस पर सब्सिडी नहीं मिलेगी। मंत्रालय ने कहा है कि वर्तमान में 16.33 करोड़ रसोई गैस उपभोक्ता हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष लोगों से एलपीजी की सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी। प्रधानमंत्री की इस अपील का खासा असर रहा और अब तक 57.50 लाख उपभोक्ताओं ने स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ी है। सरकार ने सीधे उपभोक्ता के खाते में सब्सिडी हस्तांतरित करने की योजना “पहल” के नाम से शुरू की थी और इसके तहत बाजार मूल्य तथा सब्सिडी कीमत का जो अंतर होता था उसका भुगतान किया जाता था। योजना के तहत 14.78 करोड़ एलपीजी उपभोक्ताओं के खाते में सब्सिडी हस्तांतरित की जा रही है।
पिछले वित्त वर्ष में एलपीजी सब्सिडी पर 40551 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा था। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 11 वर्ष से अधिक के न्यूनतम स्तर तक गिर जाने से चालू वित्त वर्ष के दौरान सब्सिडी का बोझ काफी कम रह जाने की उम्मीद है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान एलपीजी सब्सिडी का बोझ 8814 करोड़ रुपये रहा। वर्तमान में रसोई गैस उपभोक्ता को एक वित्त वर्ष के दौरान 14.2 किलोग्राम के 12 सिलेंडर सब्सिडी पर दिए जाते हैं। दिल्ली में सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमत 419 रुपये 25 पैसे है जबकि गैर सब्सिडी वाले सिलेंडर का दाम 608 रुपये है। श्री मोदी ने इस वर्ष अप्रैल में “गिव इट अप” एलपीजी सब्सिडी अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान का मकसद ऐसे गरीब लोगों को लाभ पहुंचाना है जो भोजन पकाने के लिए लकड़ी, मिट्टी का तेल, कोयला, उपला जैसे परम्परागत ईंधन का इस्तेमाल करते हैं। सरकार इस अभियान के तहत इनके स्थान पर स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है जिससे कि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से निजात मिल सके।
वर्तमान में इसका कोई आंकड़ा नहीं है कि दस लाख रुपये या इससे अधिक सालाना कर योग्य वाले कितने उपभोक्ता हैं। सरकार का कहना है कि रसोई गैस के कई उपभोक्ता स्वेच्छा से सब्सिडी छोड रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार का मानना है कि उच्च आय वर्ग को बाजार कीमत पर रसोई गैस सिलेंडर लेना चाहिए। इसलिए फैसला किया गया है कि उन उपभोक्ताओं को रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी नहीं दी जाएगी जिनकी या जिनके पति पत्नी की कर योग्य अाय 10 लाख रुपए से अधिक है। यह गणना पिछले वित्त वर्ष की आय के आधार पर की जाएगी। फिलहाल यह व्यवस्था जनवरी 2016 से बुक कराए जाने वाले रसोई गैस सिलेंडरों पर उपभोक्ताओं द्वारा स्वत: की गयी घोषणा के आधार पर लागू हाेगी।

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