दलित छात्र की आत्महत्या के लिए बंडारू जिम्मेवार-शिवानंद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


मंगलवार, 19 जनवरी 2016

दलित छात्र की आत्महत्या के लिए बंडारू जिम्मेवार-शिवानंद

पटना 19 जनवरी बिहार के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के पूर्व सदस्य शिवानंद तिवारी ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोधरत दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के लिए केन्द्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय को जिम्मेवार ठहराते हुए उन्हें मंत्रिमंडल से निष्कासित करने की मांग की । श्री तिवारी ने आज यहां कहा कि छात्र रोहित वेमुला से जुड़ा घटनाक्रम साफ-साफ बता रहा है कि उसे 

आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया और इसकी जवाबदेही केंद्रीय मंत्री और सिकंदराबाद के सांसद बंडारू दत्तात्रेय पर बनती है। इसलिए श्री दत्तात्रेय को तुरंत मंत्रिमंडल से निष्कासित किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को लिखे गये श्री दत्तात्रेय के पत्र के बाद ही रोहित समेत पांच दलित छात्रों को विश्वविद्यालय से निकाल दिया गया था। जिसके बाद वह असहनीय मानसिक तनाव में जी रहा था। 

चुनावी राजनीति से सन्यास ले चुके श्री तिवारी ने कहा कि रोहित का कसूर बस इतना था कि वह अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन का सक्रिय कार्यकर्ता था । यह एसोसिएशन दलित, अल्पसंख्यक, महिला और समाज के 
कमज़ोर तबक़ों के विरूद्ध होनेवाले अन्याय के विरोध में बहुत जागरूक और सक्रिय था । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ :आरएसएस: से जुड़े विद्यार्थी परिषद ने एसोसिएशन के लोगों पर जातिवादी, उग्रवादी और राष्ट्रविरोधी होने का आरोप लगाया था । 

श्री तिवारी ने कहा कि पंद्रह दिनों से रोहित और उनके साथी सड़क पर ही दिन-रात धरना दे रहे थे । अंत में असहनीय तनाव में रोहित ने आत्महत्या कर ली । उन्होंने कहा कि रोहित वेमुला प्रकरण साबित करता है कि आज़ादी के इतने वर्षों बाद आज भी भारतीय समाज में दलित, महिला या मुसलमान होना अपराध जैसा है। 

कोई टिप्पणी नहीं: