डीआरएस से अभी भी संतुष्ट नहीं : धोनी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


बुधवार, 13 जनवरी 2016

डीआरएस से अभी भी संतुष्ट नहीं : धोनी

dhoni-not-happy-with-drs
पर्थ, 13 जनवरी, आस्ट्रेलिया के खिलाफ बड़े स्कोर के बावजूद हारी भारतीय टीम को अंपायर समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के सवालों से जूझना पड़ रहा है लेकिन टीम के एकदिवसीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर साफ किया है कि वह अब भी इस प्रणाली से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। सीरीज के पहले वनडे में पांच विकेट से पराजय झेलने वाली मेहमान टीम के कप्तान धोनी को मैच में कुछ निर्णय उनके हक में नहीं जाने पर डीआरएस प्रणाली के इस्तेमाल के सवालों से जूझना पड़ा। दरअसल आस्ट्रेलियाई शतकधारी जार्ल बैली को उनकी पहली ही गेंद पर जीवनदान मिला और उनके आउट होने की भारतीय खेमे की अपील को अंपायर रिचर्ड कैटलबोरो ने खारिज कर दिया। इसके बाद बैली ने 112 रन की पारी खेली। भारतीय टीम को इस निर्णय से खासा नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि 310 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही आस्ट्रेलियाई टीम एक समय 21 रन पर अपने दो विकेट गंवा चुकी थी। धोनी ने कहा“ डीआरएस के इस्तेमाल को देखना दिलचस्प होगा लेकिन हम एेसी टीम नहीं हैं जो इसके खिलाफ हैं।” 

धोनी ने डीआरएस के सवाल पर कहा कि क्या इस सवाल का मतलब यह है कि क्योंकि भारत डीआरएस का इस्तेमाल नहीं कर रहा है इसलिये मैच में अहम निर्णय उनके खिलाफ जा रहे हैं। कप्तान ने कहा“ संभव है कि बैली के खिलाफ यदि हमें अपने हक में निर्णय मिलता तो मैच का परिणाम अलग हो जाता लेकिन इसी के साथ हमें अंपायरों को भी सही निर्णय लेने के लिये प्रेरित करना होगा।” धोनी ने कहा“ कई बार 50-50 फीसदी निर्णय हमारे हक में नहीं जाते हैं और यह हमेशा होता है। लेकिन आपको इसे स्वीकार करना होगा। लेकिन मैं साफ कहूंगा कि हम डीआरएस को लेकर अब भी पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं।” हालांकि धोनी ने डीआरएस के इस्तेमाल नहीं करने से अंपायरों के निर्णय उनके हक में नहीं जाने की बात को भी स्वीकार किया। 

धोनी के अलावा भारतीय टीम के शेष खिलाड़ियों के डीआरएस के इस्तेमाल पर विचार को लेकर हालांकि कप्तान ने कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन उन्होंने इस प्रणाली को और बेहतर बनाने की वकालत की। उन्होंने कहा“ पहली बात तो यह कि डीअारएस को निर्णय लेने की एक आदर्श प्रणाली बनाना होगा। इस प्रणाली में कुछ विरोधाभास हैं और इसके निर्माणकर्ता भी इस बात को मानते हैं।” वनडे कप्तान ने कहा“ यदि आप देखें तो इस प्रणाली में अगर आप आउट हैं तो गेंद को स्टम्प्स को छूना जरूरी होगा। कम से कम गेंद को स्टम्प्स को आधा तो छूना होगा तभी आपको आउट दिया जाएगा। इसी बात से काफी विरोधाभास पैदा हो जाएगा। क्रिकेट में तो एक इंच भी मायने रखता है।” 

धोनी ने कहा“ डीआरएस को अंपायरों के निर्णय को सही ठहराने का माध्यम नहीं बनाना चाहिये। इससे सही निर्णय मिलने चाहिये जैसा कि टेनिस में होता है जहां गेंद को लाइन के अंदर छूना जरूरी है। इसे बिल्कुल आसान और सामान्य होना चाहिये। किसी निर्णय के लिये बहुत सारी उलझनें नहीं होनी चाहियें। डीआरएस में गेंद ने आधा स्टम्प्स को छूआ तो आप को आउट दिया ही जाएगा फिर चाहे अंपायर का कुछ भी निर्णय हो।” भारत पिछले लंबे समय से डीआरएस के विरोध के कारण आलोचनाओं का शिकार रहा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) ने भी इस प्रणाली के इस्तेमाल को लेकर लगातार सवाल उठाये हैं और इसमें सुधार की मांग की है जबकि दुनिया के कई बड़े क्रिकेट बोर्ड डीअारएस का समर्थन करते हैं। 

कोई टिप्पणी नहीं: