निम्र को फाँसी इस्लामी सिद्धांतों के ख़िलाफ़ : मौलाना सफ़दर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


रविवार, 3 जनवरी 2016

निम्र को फाँसी इस्लामी सिद्धांतों के ख़िलाफ़ : मौलाना सफ़दर

maulana-safdar-criticise-execution-in-audi
जौनपुर 03 जनवरी, शिया धर्म गुरूओ ने सऊदी अरब के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू अयातुल्लाह शैख़ बाक़िर निम्र को फांसी दिये जाने को इस्लामी सिद्धांतो के ख़िलाफ़ बताते हुए कड़ी आलोचना की है । प्रसिद्ध शिया धर्मगुरु मौलाना सफ़दर हुसैन जैदी ने आज यहां इस्लाम चौक पर स्वर्गीय ज़मीर हसन की मजलिस के बाद आयोजित एक जलसे को संबोधित करते हुए कहा कि वरिष्ठ शिया धर्मगुरू को फांसी देना इस्लाम के खिलाफ है । उन्होने कहा कि शहीद निम्र का खून बेकार नहीं जाएगा और पूरी दुनिया जल्द ही सऊदी सरकार के पतन को देखेगी। मौलाना जैदी ने सऊदी शासन द्वारा वरिष्ठ शिया धर्मगुरू निम्र और उनके तीन सहयोगियों को पिछले शुक्रवार को दी गई फांसी को इस्लामी सिद्धांतों के ख़िलाफ़ बताते हुए कहा कि अपने आप को इस्लामी देशों का ठेकेदार समझने वाले सऊदी अरब का असली रूप सबके सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब में अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार हो रहा है। अत्याचारी शासन के ख़िलाफ़ कोई आवाज़ भी नहीं उठा सकता और अगर कोई अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाता है तो उसको मौत की सज़ा दे दी जाती है। अल्पसंख्यकों की बेरहमी से हत्या की जा रही है । 

मौलाना जैदी ने कहा कि इस मामले में संयुक्त राष्ट्र तथा मानव अधिकारों की रक्षक संस्थाएं मूकदर्शक बने हुए हैं। इस मौके पर मौलाना नदीम असगर ने पूरे भारत के मुसलमानों से अपील की है कि वे सऊदी अरब की अत्याचारी सरकार के विरुद्ध उठ खड़े हों। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब की अत्याचारी सरकार का पतन शुरू होने वाला है क्योंकि कभी भी शहीदों का बलिदान बेकार नहीं जाता । जलसे की अध्यक्षता करते हुए चेहलुम कमिटी के संयोजक असगर हुसैन जैदी ने कहा की अनेक देशों के फांसी न दिये जाने के आग्रह के बावजूद सऊदी अरब सरकार द्वारा शैख़ निम्र को शहीद किया जाना पूरे संसार के मुसलमानों का अपमान है। उन्होंने कहा कि आयतुल्लाह शैख़ निम्र, न्याय.प्रेम व ईश्वरीय भय की मूर्ति थे। उन्होंने कहा कि वह एक परिवार की तानाशाही को रोकना चाहते थे और सऊदी अरब में न्याय की स्थापना ही उनकी केवल एक इच्छा थी। उन्होने कहा कि सऊदी शासक ने लोगों की इच्छाओं का सम्मान किए बिना उन्हे फासी दे दी । आयतुल्लाह शैख़ निम्र की शहादत ने एक बार फिर सऊदी हुकूमत के काले चेहरे को संसार के सामने बेनक़ाब कर दिया है। इस मौके पर कबीर जैदी , लाडले जैदी , अफसर अनमोल , अली कैसर, हैदर अब्बास आफताब , नजमुल हसन नजमी एमुफ़्ती दानिश, अलमदार जैदी , जफ्फु भाई आदि के साथ बडी संख्या में लोग मौजूद रहे । 

कोई टिप्पणी नहीं: