दरभंगा 31 जनवरी, बिहार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह ने इतिहास एवं धरोहरों की रक्षा के लिए आम लोगों से आगे आने की अपील करते हुये कहा कि सिर्फ सरकार के बूते ऐसा कर पाना संभव नहीं है। श्री सिंह ने स्थानीय चन्द्रधारी संग्रहालय के सभागार में ‘‘ मिथिला की कला एवं संस्कृति’’ विषय पर आज आयोजित संगोष्ठी का उदघाटन करते हुए कहा कि सरकार धरोहरों एवं संस्कृति की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रही है। मिथिला की कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संवद्धन के लिए आम लोगों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि अपने इतिहास एवं विरासत की रक्षा के लिए लोगों को आगे आने की जरूरत है। उन्होने कहा कि इतिहास को भूलने वालों का खुद इतिहास नहीं रहता।
प्रधान सचिव ने वास्तुकला, मिथिला पेंटिंग एवं पाण्डुलिपियों को बेहतर फलक पर लाये जाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि सरकारी स्तर पर कार्य हो रहा है। लेकिन आम लोगों खासकर नई पीढ़ी के लोगों को भी अपनी कला एवं संस्कृति के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। वहीं संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी बाला मुरूगन डी ने कहा कि मिथिला का क्षेत्र अपनी सांस्कृतिक विशिष्टताओं के लिए ही विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है। उन्होंने मिथिला की कला एवं संस्कृति को अद्वितीय बताते हुए कहा कि इसे अक्षुण्ण बनाये रखने की जरूरत है।
चन्द्रधारी संग्रहालय के दाता परिवार बाबू चन्द्रधरी सिंह के पौत्र डा0 श्रुतिधारी सिंह एवं वरिष्ठ इतिहासकार डा0 रत्नेश्वर मिश्र एवं रटगर्स यूनीवर्सिटी, न्यू जर्सी (अमेरिका) के प्रोफेसर एवं एथनिक आर्टस फाउण्डेशन अमेरिका के उपाध्यक्ष डा0 परमेश्वर झा ने भी संगोष्ठी को संबोधित किया।
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