नयी दिल्ली, 02 फरवरी, उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिकता मामले में दायर सभी संशोधन याचिकाओं को आज संविधान पीठ के सुपुर्द कर दिया। मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने गैर सरकारी संगठन नाज फाउंडेशन एवं अन्य के वकीलों की संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद कहा कि इन याचिकाओं को पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंपा जाता है।
याचिकाकर्ताओं ने 2014 के प्रारम्भ में ही संशोधन याचिकाएं दायर की थीं और शीर्ष अदालत से आग्रह किया था कि वह अपने आदेश में संशोधन करे। दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के तहत समलैंगिकता को अपराधमुक्त कर दिया था, लेकिन शीर्ष अदालत ने फैसला पलटते हुए धारा 377 बरकरार रखी थी। संशोधन याचिकाओं में उसके दिसंबर 2011 और जनवरी 2014 के फैसले को चुनौती दी गई है।

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