पटना,22 फरवरी, बिहार मानवाधिकार आयोग ने मानवाधिकारों के प्रति लोगों को निरन्तर जागरुक करने की जरुरत पर जोर देते हुए मीडिया से इस काम में और सहयोग की अपील की है। आयोग के अध्यक्ष बिलाल नजकी ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि राज्य के मानवाधिकार आयोग को शिकायतों के निष्पादन में देश में सर्वश्रेषठ घोषित किया गया है।उन्होंने बताया कि आयोग को यह उपलब्धि राज्य सरकार के सहयोग की वजह से मिली है।सरकार आयोग की 99 प्रतिशत सिफारिशें मान लेती है जिससे लोगों को राहत, मुआवजा आदि मिलने में सहूलियत होती है और आयोग का काम आसान हो जाता है।
न्यायमूर्ति नजकी ने बताया कि वर्ष 2015 में आयोग ने रिकार्ड 7658 मामलों का निष्पादन किया।उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा एक नयी पहल करते हुए पुलिस और असैनिक अधिकारियों को मानवाधिकारों के प्रति जागरुक और संवदेनशील बनाने के लिए जिला स्तरीय सेमिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं । इस काम में युवाओं का सहयोग लेने के लिए जिला मुख्यालय के सभी महाविद्यालयों में स्नातक स्तरीय विद्यार्थियों को प्रशिक्षित एवं प्रेरित किया जा रहा है। इसी के साथ ही हाल ही में मानवाधिकार नोडल अधिकारियों की बैठक का आयोजन किया गया था। लोगों को जागरुक करने के लिए एक डाक्यूमेन्टरी भी बनायी जा रही है।
आयोग के अध्यक्ष ने मीडिया से मानवाधिकारों के हनन के मामले उजागर करते रहने की अपील करते हुए कहा कि मात्र एक पोस्टकार्ड और एक फोन काल से भी शिकायत दर्ज करायी जा सकती है।आयोग की कार्रवाई की मीडिया को नियमित जानकारी देने के लिए दो अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गयी है।उन्होंने बताया कि आयोग के नाम पर कुछ लोगों द्वारा संगठन या कार्यालय चलाने की जानकारी मिली है जिस पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पटना के अलावा आयोग का प्रदेश में कहीं कोई कार्यालय नहीं है।उन्होंने बताया कि मानवाधिकार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी,पत्रकार या कार्यकर्ता को सम्मानित करने का फैसला किया गया है।

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