इंदौर, 22 फरवरी, मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के अर्चना कार्यालय पर आज मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने राष्ट्र ध्वज तिरंगा फहराया। संघ पदाधिकारियों ने तिरंगा फहराने पहुंचे कांग्रेस नेताओं, कार्यकताओं का स्वागत रेड कार्पेट बिछाकर किया । प्रदेश कांग्रेस ने आज संघ कार्यालयों पर तिरंगा फहराने की घोषणा की थी। इसे देखते हुए आज सुबह से ही किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए जिला और पुलिस प्रशासन अतिरिक्त बल के साथ पूरे शहर में मुस्तैद था। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजवाड़ा पर एकत्र होकर माँ अहिल्या की मूर्ति पर माल्यार्पण कर रामबाग स्थित संघ कार्यालय की ओर पैदल कूच किया। पुलिस प्रशासन ने लगभग 15 कांग्रेस नेताओं को संघ कार्यालय में प्रवेश की अनुमति दी। संघ स्वयं सेवकों ने कांग्रेस नेताओं का रेड कार्पेट बिछाकर स्वागत किया। उन्हें तिलक लगाए गए, इसके बाद कांग्रेस ने अरुण यादव के प्रतिनिधित्व में वहां ध्वजारोहण किया। कांग्रेस और संघ नेताओं ने दावा किया कि भारतीय इतिहास में पहली बार कांग्रेस नेताओं ने संघ कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने यूनीवार्ता से चर्चा करते हुए बताया कि प्रदेश कांग्रेस ने संघ मुक्ति दिवस मनाने की घोषणा की थी। जिसके तहत आज आरएसएस के कार्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया गया। श्री यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि संघ देश को तोड़ने का कार्य कर रहा है। इस मुहीम के तहत संघ को देशभक्ति का पाठ पढ़ाया गया। श्री यादव ने संघ कार्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज न फहराते हुए भगवा फहराये जाने को राष्ट्र ध्वज का अपमान बताया । श्री यादव ने कांग्रेसजनों का संघ द्वारा रेडकार्पेट बिछाकर, तिलक लगाकर और ध्वजारोहण के दौरान पूर्ण गणवेश में रहकर उनकी मुहीम का स्वागत किये जाने की बात स्वीकार की । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रचारक सागर चौकसे ने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। जिस वजह से वह इस तरह की मुहीम चला रही है। उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले समस्त धार्मिक, सामाजिक संगठन अपने अपने ध्वज प्रतीकों को फहराने के लिए स्वतन्त्र हैं। राष्ट्र ध्वज के अपमान का आरोप बेबुनियाद है। श्री चौकसे ने कहा कि हमने कांग्रेसजन की संघ कार्यालय पर तिरंगा फहराने की मंशा का स्वागत करते हुए, सभी का सम्मान किया है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस देश से विलुप्ति की कगार पर है। यही कारण है कि उन्हें अचानक स्वयं को देशभक्त ठहराने की आवश्यकता महसूस हो रही है।

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