वेमुला को न्याय दिलाने और देशद्रोह का मुकदमा पर माले विधायकों ने किया प्रदर्शन. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 25 फ़रवरी 2016

वेमुला को न्याय दिलाने और देशद्रोह का मुकदमा पर माले विधायकों ने किया प्रदर्शन.

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पटना 25 फरवरी 2016, बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन आज राज्यपाल के अभिभाषण के पूर्व माले विधायकों ने बिहार विधानसभा के पोर्टिको में रोहित वेमुला को न्याय दिलाने और जेएनयू के छात्र नेताओं पर से देशद्रोह का मुकदमा वापस लेने के सवाल पर प्रदर्शन किया. विधायक दल के नेता काॅ. महबूब आलम और तरारी से पार्टी विधायक सत्यदेव राम ने अपनी मांगों से संबंधित तख्तियों के जरिए प्रदर्शन किया. विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि मौजूदा सत्र में भाजपा व संघ परिवार द्वारा जेएनयू प्रकरण की आड़ में देश में अंधराष्ट्रवाद पैदा करने कोशिशों और नफरत का माहौल पैदा करने की कोशिशों के खिलाफ विधानसभा से निंदा प्रस्ताव लेने की पहल की जाएगी. साथ ही हैदराबाद के दलित स्काॅलर रोहित वेमुला की संस्थानिक हत्या के सवाल पर भी प्रस्ताव लेने की पहल होगी.

महबूब आलम ने कहा कि जेएनयू पर निशाना साधकर केंद्र सरकार व संघ परिवार अभिव्यक्ति की आजादी, लोकतंत्र व संविधान पर हमला कर रही है. हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोध छात्रा रोहित वेमुला के न्याय के सवाल पर चले देशव्यापी आंदोलन का केंद्र जेएनयू रहा है. इसलिए इस सरकार ने वहां के छात्रों को, पूरे जेएनयू को और वामपंथ को बदनाम कर देश में अंधराष्ट्रवाद पैदा करने की कोशिश की है. यह देश के लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है. यही वजह है कि केंद्र व संघ परिवार के झूठ व प्रपंच के खिलाफ आज पूरा देश एकताद्ध होकर लड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि इन मुद्दों के अलावा दरौली से माले विधायक सत्यदेव राम, इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत कुशवाहा, माले के युवा नेता मनोज मंजिल सहित अन्य आंदोलनकारियों की रिहाई की मांग भी उठायी जाएगी, इन नेताओं पर आंदोलन के दौरान फर्जी मुकदमे थोप दिये गये हैं. वहीं तरारी विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा है कि धान खरीद के सवाल पर सरकार की बेरूखी पर भी विधानसभा में आवाज उठायी जाएगी. राज्यपाल के अभिभाषण में कृषि में सुधार की बात कही गयी है, लेकिन बिहार की कृषि आज ऋणात्मक विकास में है. किसानों का धान नहीं खरीदा जा रहा है, सब्सिडी काट दी गयी है, बटाईदार किसानों को अधिकार नहीं मिल रहे हैं. इन सारे प्रश्नों पर सरकार को जवाब देना होगा.

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