झारखंड : भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांंग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 25 फ़रवरी 2016

झारखंड : भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांंग

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रांची 24 फरवरी, झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के सातवें दिन आज सदन में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) योजनाओं में गड़बड़ी के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों ने सरकार को घेरने का प्रयास किया और अारोपी अधिकारियों तथा इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामूमो) के दीपक बिरुआ के ध्यानाकर्षण सूचना के जवाब में कहा कि राज्य में मनरेगा योजना के क्रियान्वयन में वित्तीय अनियमितता की शिकायतें मिली है और इसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के साथ ही वर्ष 2012 से ही जांच चल रही है। उन्होंने बताया कि चतरा जिले में मनरेगा योजनाओं के लिए अग्रिम दी गयी छह करोड़ रुपये के खिलाफ 1.2 करोड़ वापस लिये गये है, वहीं 1.47 करोड़ का कार्य हुआ है और शेष 2.38 करोड़ रुपये की वसूली के लिए पीडीआर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। 
इसी मामले में अग्रिम देने के दोषी उपायुक्त, उपविकास आयुक्त और निदेशक पर विभागीय कार्यवाही संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस दौरान हस्तक्षेप करते हुए कहा कि राज्य सरकार घोटालेबाजों से कोई समझौता नहीं करेगी और इस मामले में उपायुक्त समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है। उन्होंन कहा कि जल्द से जल्द मामले को उजागर कर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

श्री मुंडा कहा कि चतरा जिले के अन्य मामले में तीन अभियंताओं के खिलाफ सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी और पीडीआर एक्ट के तहत केस दर्ज करने के साथ ही संलिप्त अभियंताओं का निलंबन भी हुआ और उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारंभ की गयी है। ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि गोड्डा जिले में करीब 35 लाख रुपये के गबन के मामले में उपायुक्त व उपविकास आयुक्त के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही संचालित है। साथ ही कार्यपालक अभियंता की पेंशन राशि से 25 प्रतिशत की राशि कटौती कर दंड लगाया गया है। इसके अलावा जिले के चार सहायक अभियंताओं के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति दी गयी है। उन्होंने कहा कि रांची जिले के 14 चेक डैम निर्माण में भी 64 लाख रुपये बंदरबांट करने के आरोप में संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही संचालित कर दंड लगाया गया है। वहीं बुंडू प्रखंड के मनरेगा अंतर्गत 78.69 लाख रुपये की सरकारी राशि के क्षति का आंकलन किया गया और इस मामले में तदेन प्रखंड विकास पदाधिकारी के विरुद्ध प्रपत्र क में आरोप गठित कर कार्मिक विभाग को भेज दिया गया है। श्री मुंडा ने कहा कि खूंटी जिले में अग्रिम के रुप में दिये जाने के सिलसिले में बरती गयी अनियमितता के आलोक में तत्कालीन उपायुक्त के विरुद्ध गठित प्रपत्र क व विभाग का मंतव्य अंकित कर आवश्यक कार्रवई के लिए कार्मिक विभाग को भेज दिया गया है।

श्री मुंडा ने कहा कि गुमला जिले में असमायोजित राशि 10 करोड़ 10 लाख की वसूली नीलाम पत्र वाद दायर किया गया और संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। इसी मामले में तत्कालीन उपविकास आयुक्त एवं तत्कालीन निदेशक के विरुद्ध प्रपत्र क आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग को भेज दिया गया है। ग्रामीण विकास मंत्री ने चाईबासा जिले में मनरेगा घोटाले से संबंधित अधिकांश योजनाएं एनआरईपी चाईबासा से संबंधित है, जो वर्ष 2006-10 तक अवधि का है इस संबंध में 8 जनवरी 2016 को विभागीय प्रतिवेदन प्राप्त हुआ हैए जिससे स्पष्ट होता है कि मनरेगा योजना के लिए दी गयी 29 लाख 60 हजार रुपये अग्रिम दी गयी और इस राशि के विरुद्ध 5 करोड़ 8 हजार रुपये की राशि असमायोजित है।श्री मुंडा ने कहा कि इसी संदर्भ में कनीय अभियंता जतरु टोप्पो व पशुपति कुमार द्वारा 24 लाख 17 हजार तथा 5 लाख 25 हजार रुपये अर्थात कुल 28लाख 42 हजार रुपये वापस किया गया। गबन के आरोपी अभियंताओं के विरुद्ध दर्ज थाना कांडों को निगरानी आयुक्त को जांच के लिए 15 फरवरी 2012 को भेजा जा चुका है। इस गबन एवं अनियमितता को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा वित्त विभाग से विशेष अंकेक्षण कराने का अनुरोध किया गया है। 

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