इस्लामाबाद, 25 फरवरी , महिलाओं के अधिकार के दमन के मामले में दुनिया भर की आलोचनायें झेलने वाले पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में पहली बार महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक नया कानून बनाया गया है।
हिंसा के खिलाफ महिलाओं की सुरक्षा के विधेयक का विरोध एसेंबली में भी उतनी ही तीव्रता से किया जा रहा था लेकिन पंजाब एसेंबली ने कल आखिरकार यह विधेयक पारित कर दिया। नये कानून के जरिये कई तरह के अपराधों जैसे घरेलू, भावनात्मक, मानसिक और आर्थिक शोषण तथा हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। पंजाब की कैबिनेट ने इसे मई 2015 में ही पारित कर दिया था लेकिन एसेंबली में इसके विरोध के कारण इसे पारित नहीं कराया जा सका था।
अब घरेलू हिंसा से पीड़ित महिला को घर में ही रहने का अधिकार प्रदान किया गया है और अगर वह खुद घर में न रहना चाहे तो बचाव पक्ष को उसके रहने के लिए दूसरी जगह की व्यवस्था करनी होगी। किसी बाहरी व्यक्ति से प्रताड़ित महिला प्रोटेक्शन मांग सकती है जिससे कि आरोपी को महिला से दूर रहने का आदेश दिया जा सकता है और उसके पीड़िता के साथ किसी भी तरह से संपर्क साधने पर पाबंदी लगा दी जाएगी। इसके अलावा पीडिता आरोपी से आर्थिक राहत की मांग भी कर सकती है।
पाकिस्तान में हालांकि पहले से ही घरेलू हिंसा के खिलाफ कानून बना हुआ है लेकिन महिलाओं को प्राथमिकी दर्ज कराने में ही पापड़ बेलने पड़ते हैं। इस नये कानून केे जरिये प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रक्रिया काफी सरल कर दी गयी है और घटना के 24 घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज करने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत एक ही छत के नीचे अब पीडिता को प्राथमिक उपचार, पुलिस में शिकायत करने, प्राथमिकी दर्ज कराने ,मेडिकल जांच , फाेरेंसिक जांच और घटना के बाद मानसिक उपचार की व्यवस्था करने का भी प्रावधान है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें