पटना 25 फरवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रेल बजट को लोगों के लिये निराशाजनक बताया और कहा कि इससे क्षेत्रीय असंतुलन दूर नहीं होगा । श्री कुमार ने आज यहां अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस रेल बजट में ऐसा कुछ नही है जिसमें आशा की किरण दिखाई दें । रेल की स्थिति बहुत ही खराब है । उन्होंने कहा कि माल ढुलाई का लक्ष्य काफी पीछे रह गया है । मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रेनों के सही समय पर नही चलने से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । इस पर भी ध्यान नहीं दिया गया है । उन्होंने कहा कि इसी तरह स्टेशनों की साफ-सफाई भी अब प्राथमिकता की सूची में नहीं है । श्री कुमार ने कहा कि जनसाधारण को आगे बढाने के बजाये उसका नया नाम दिया गया है और इससे पता चलता है कि .. कॉस्मेटिक एक्सरसाईज .. की गयी है । रेलवे की अर्थ व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में भी पहल नही की गयी है । उन्होंने कहा कि नयी परियोजनाओं के लिये भी रेलवे के पास कोई ठोस योजना नहीं है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे न पैसा खर्च कर पा रहा है और न ही पैसा जुटा पा रहा है । रेलवे के संदर्भ में केन्द्र सरकार का जो दायित्व है उसे पूरा करना चाहिए । उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की बातों से वह पूरी तरह से अवगत हैं । प्रधानमंत्री मन की बात करते तथा उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी कुछ और बातें करते है । श्री कुमार ने सवालिया लहजे में कहा कि एक सेक्सन में हाई स्पीड ट्रेन चलाना दिखावें के लिये ठीक है लेकिन इसका फायदा आम लोगों को क्या होगा जबकि इस पर एक बड़ी राशि भी खर्च होगी । उन्होंने कहा कि दो साल का बच्चा यदि कुछ काम करता है तो उसकी प्रशंसा होती है लेकिन आज के इस बजट से साफ है कि अगले साल भी इस बजट से कोई फायदा नही होगा । मुख्यमंत्री ने कहा कि इस रेल बजट में भाड़ा बढने का तो सवाल ही नही था और रेल भाड़ा को घटाना चाहिए था । तेल के दामों में गिरावट आयी है । उन्होंने कहा कि रेल बजट को पेश करने की परम्परा को सिर्फ पूरा किया गया है । उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों में सुर्खियां बटोरने के लिये रेल भाड़ा नही बढाया गया । श्री कुमार ने कहा कि जो देश से प्रेम करता हो उसको रेलवे को निजी क्षेत्र में नही ढकेलना चाहिए । केन्द्र सरकार को देश से कोई लेना-देना नही और जो पिछड़ा क्षेत्र है जहां रेलवे की जरूरत है इस पर कोई ध्यान नही दिया गया । उन्होंने कहा कि रेलवे के लिये सरकार को खजाना खोलना चाहिए और जनता के हित में अधिक से अधिक पैसा लगाना चाहिए ।

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