पटना 24 फरवरी (वार्ता) केन्द्र की महत्वकांक्षी ‘स्मार्ट सिटी’ परियोजना में बिहार के किसी शहर को शामिल नहीं किये जाने के बाद राज्य के प्रत्येक गांव को ‘स्मार्ट’ बनाने के संकल्प के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज राजधानी पटना में राज्य के पहले बहुस्तरीय पार्किग समेत कई योजनाओं का शुभारंभ किया। श्री कुमार ने यहां मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद कक्ष में नगर विकास एवं आवास विभाग के बहुस्तरीय पार्किंग (बुद्धा स्मृति पार्क), लोहानीपुर और खाजेकलां पेयजल आपूर्ति योजनायें, पटना शहर में इलेक्ट्रॉनिक ट्रैफिक लाइट सिस्टम, शेखपुरा एवं जहानाबाद बस टर्मिनस, हाजी इलियास पार्क हाजीपुर का लोकार्पण, ई- नगरपालिका परियोजना का शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वह बात करने में स्मार्ट नहीं हैं बल्कि काम करने में स्मार्ट हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के प्रत्येक गांव को स्मार्ट बनाने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है , इसलिए उन्हें स्मार्ट सिटी की चिन्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि एक स्मार्ट सिटी को केन्द्र सरकार पांच साल में प्रतिवर्ष सौ करोड़ रूपये के हिसाब से पांच सौ करोड़ रूपये देगी। इस राशि से स्मार्ट सिटी जैसे बड़ी परियोजना का क्या होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र की स्मार्ट सिटी परियोजना में 100 शहरों का चयन ‘स्मार्ट सिटी’ के लिये किया जाना था लेकिन केवल बीस शहरों का चयन किया गया । कई राज्यों की राजधानी भी छूट गयी। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि 100 करोड़ रूपये से एक साल में एक शहर कितना स्मार्ट होगा। उन्होंने कहा कि पंचम आयोग की अनुशंसा को वह लागू कर रहे हैं, इसके तहत आठ हजार करोड़ रूपये दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि शहरी निकाय मजबूत होंगे तो लोगों की संतुष्टि का स्तर मजबूत होगा। नगर विकास विभाग, बुडको एवं जल पर्षद के अतिरिक्त शहरी अभियंत्रण संगठन बना रहा है, जो नगर निकाय के लिये अभियंत्रण क्षेत्र में काफी लाभप्रद होगा।
मुख्यमंत्री ने राजधानी पटना में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि धूल-कण की मात्रा में वृद्धि और ध्वनि प्रदूषण इसके मुख्य कारण हैं। प्रदूषण को रोकने के लिये कुछ समय पूर्व नगर विकास विभाग एवं परिवहन विभाग की बैठक में ठोस निर्णय लिये गये थे। शहर में बालू को ढ़ोने पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि बिहार ही एक ऐसा प्रदेश है, जहां लोग हॉर्न के सहारे ड्राइविंग करते हैं, अनावश्यक हार्न बजाते रहते हैं। इस पर रोक लगाने की जरूरत है। श्री कुमार ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण की बढ़ती समस्या के मद्देनजर ही मुख्यमंत्री के काफिले में बजने वाले सायरन को बंद कर दिया गया।महामहिम राज्यपाल एवं मुख्य न्यायाधीश के काफिले में ही सायरन बजेगा। इसके अलावा केवल एम्बुलेंस को ही सायरन बजाने से छूट दी गयी है। उन्होंने कहा कि आज हूटर स्टेट्स सिम्बल हो गया है। तमाम कोशिशों के बावजूद जगह-जगह ट्रैफिक जाम हो रहा है। फ्लाई ओवर के बनने के बाद भी जाम का मुख्य कारण वाहनों की संख्या में लगातार वृद्धि है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण शहर में कार्बन एमिशन भी बढ़ रहा है। प्रदूषण को कम करने के लिए निजी वाहनों का परिचालन कम करने की आवश्यकता है। इसके लिये सार्वजनिक बसों का परिचालन शुरू किया गया है। राज्य के परिवहन विभाग के द्वारा लंबी दूरी के बसों का भी परिचालन होगा। बिहार से दिल्ली, कोलकाता एवं रांची तक बसों का परिचालन होगा। दरभंगा से रायपुर के बीच भी बस का परिचालन होगा।
श्री कुमार ने कहा कि ई-म्यूनिसपेलिटी का शुभारंभ किया गया है, जिसके प्रथम चरण में राज्य के ग्यारह नगर निगमों के तहत रहने वाले लोगो को अब ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र एवं मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने की सुविधा होगी। इन शहरों के लोग अब संपत्ति कर भी ऑनलाइन जमा कर सकेंगे और भवन निर्माण की अनुमति ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि द्वितीय चरण में दुकान के लाइसेंस, विज्ञापन एवं होर्डिंग लगाने की अनुमति, दुकानों का किराया, पार्किंग इत्यादि की सेवायें भी ऑनलाइन उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री ने राजधानी पटना में फैली गंदगी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जब कोई अति महत्वपूर्ण व्यक्ति मुझसे मिलता है और पटना शहर की गंदगी पर ध्यान दिलाता है तो मुझे लगता है कि सारे विकास कार्य पर पानी फिर गया है, यह बहुत दुखद है। सरकार अपने अंतिम अधिकार का प्रयोग भी कर सकती है। उन्होंने पटना नगर निगम के मेयर अफजल इमाम को कहा कि आपके और अधिकारियों के झगड़े प्रतिदिन समाचार पत्रों में पढ़कर तंग आ चुका हॅूं । झगड़े में उलझने की बजाए सफाई की ध्यान दिये जाने की जरूरत है। इस मौके पर परिवहन मंत्री चन्द्रिका राय, नगर विकास मंत्री महेश्वर हजारी ने भी सभा को संबोधित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ई-म्यूनिसपेलिटी पत्रिका का लोकार्पण किया तथा बुद्धा समृति पार्क से संबंधित वृत्तचित्र देखा। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने बिहार राज्य पथ परिवहन निगम का संवाद भवन से 140 बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन बसों में से दो बसें ‘महिला स्पेशल’ बस भी शामिल है ।

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