रेलवे के कायाकल्प का ‘विज़न 2030’ आयेगा रेल बजट में - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 24 फ़रवरी 2016

रेलवे के कायाकल्प का ‘विज़न 2030’ आयेगा रेल बजट में

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नयी दिल्ली 24 फरवरी, मोदी सरकार के अपने तीसरे रेल बजट में सुधारों को संस्थागत जामा पहनाते हुए देश में आगामी 15 साल में रेलवे के विकास का एक दृष्टिपत्र ‘विज़न 2030’ पेश किये जाने की संभावना है जिसमें रेलवे के कायाकल्प का पूरा रोडमैप होगा। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल बजट 2016-17 को आज अंतिम रूप दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि रेल बजट देश हित और रेल हित में होगा। श्री प्रभु कल दोपहर 12 बजे लोकसभा में रेल बजट पेश करेंगे। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन की वजह से 32 हजार करोड़ रुपए के भार और भारतीय जीवन बीमा निगम तथा जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाइका) द्वारा दिए जा रहे रिण के कारण लगभग दस हजार करोड़ रुपये के भुगतान के दबाव को संतुलित करने के लिए बजट में राजस्व अर्जन के नये मॉडल पेश किए जाने की संभावना है । बजट में यात्रियों की सुविधा का ख्याल रखते हुए सुधारों की पटरी पर ही आगे बढ़ाने तथा यात्री किरायों में वृद्धि से बचते हुए मालवहन, पार्सल, विज्ञापन और खानपान व्यवस्था की नयी नीतियों के माध्यम से राजस्व बढाने पर ध्यान दिये जाने की संभावना है। रेलवे के सूत्रों के अनुसार इस बार के रेल बजट में दोहरीकरण, तिहरीकरण, विद्युतीकरण, सिंगनल एवं संचार आधुनिकीकरण जैसी क्षमता वृद्धि की नयी योजनाओं की घोषाणाओं के साथ मोबाइल के जरिये संपूर्ण भारत के अनारक्षित टिकट की सुविधा एवं अन्य आईटी सेवाओं का विस्तार किये जाने की संभावना है। रेलवे परिचालन के पूर्ण कंप्यूटरीकरण का अगले चरण में विस्तार करते हुए मालगाड़ियों को मुख्य मार्गो की बजाय वैकल्पिक मार्ग से भेजे जाने की नयी प्रणाली की घोषित किये जाने की उम्मीद है। प्रमुख रेल मार्गों पर तकनीकी उन्नयन करके उस पर गाड़ियों की रफ्तार में दस किलोमीटर प्रति घंटा तक की वृद्धि की जा सकती है।

सूत्रों ने बताया कि रेलवे की महत्वाकांक्षी क्षमता विस्तार योजनाओं के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम के डेढ़ लाख करोड़ रूपये के निवेश की तर्ज पर विश्व बैंक एवं कुछ अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से निवेश के प्रस्ताव का उल्लेख भी बजट में किया जा सकता है।  अगले वित्त वर्ष में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन से पड़ने वाले वित्तीय भार के बावजूद यात्री किराया बढ़ाने जाने की संभावना नहीं है। हाल ही में रेलवे में रद्दीकरण नियमों एवं शुल्कों में बदलाव, बच्चों के लिए पूरी बर्थ का पूरा शुल्क लेने जैसे कई कदमों से राजस्व बढ़ाने के प्रबंध किये हैं। सूत्रों के अनुसार इस बजट में वातानुकूलित प्रथम श्रेणी में तकरीबन सभी रियायतें समाप्त की जा सकती हैं। इसके अलावा विभिन्न रियायतों को तर्कसंगत बनाने, उनमें कमी लाने तथा उनके दुरूपयोग को रोकने के उपायों की घोषणा हो सकती है। बाजार में इस्पात लौह अयस्क, सीमेंट, कोयला, आॅटोमोबाइल्स एवं कई अन्य सेक्टरों को मालवहन से जोड़ने की नई नीति आ सकती है। इसके अलावा पार्सल बुकिंग की भी नयी नीति लगभग तैयार है। रेलवे परिसरों, ट्रेनों की दीवारों पर विज्ञापनों के जरिए राजस्व कमाने, तथा बेस किचन के माध्यम से कैटरिंग की नयी नीति लाये जाने की संभावना है। सूत्रों के मुताबकि बेस किचन में भोजन पकाने का काम निजी ठेकेदारों को देने तथा सीसीटीवी कैमरों एवं पारंपरिक ढंग दोनों से गुणवत्ता की निगरानी करने की योजना है। रेल बजट में भोपाल के कोच रिहैबिलिटेशन सेंटर से बनकर आने वाले कोचों से नयी महामना एक्सप्रेस गाड़ियाँ चलाने के एलान हो सकता है। मोबाइल एप्प के माध्यम से देशभर में अनारक्षित टिकट बुकिंग की सुविधा लाने, ट्रेनों में टीटीई को हैंड हेल्ड सेट दिये जाने जैसे कदमों की घोषणा हो सकती है। राज्य के साथ संयुक्त उपक्रम के माध्यम से रेलवे परियोजनाओं के क्रियान्वयन के नये मॉडल का भी बजट में उल्लेख किये जाने की भी पूरी उम्मीद है। प्रमुख रेलमार्गो में ट्रैक उन्नयन का काम तेजी से चल रहा है। इसके मुद्देनजर कुछ मार्गो पर गाड़ियों की गति 10 किलोमीटर प्रतिघंटा तक बढ़ाने की घोषणा की जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि इस बार का रेल बजट सुधारों की दिशा में ही चलेगा और यात्रियों पर सीधा भार डालने से बचने का पूरा प्रयास किया जाएगा। 

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