नयी दिल्ली 25 फरवरी, संसद में आज पेश रेल बजट से निराश निवेशकों ने रेल तथा इससे जुड़े क्षेत्रों की कंपनियों में बिकवाली की जिससे इनके शेयरों में नौ फीसदी तक की गिरावट देखी गई। वहीं उद्योग संगठनों ने इसे दूरगामी करार देते हुये कहा कि यह रेलवे को उपभोक्ता हितैषी एवं अर्थव्यवस्था का इंजन बनाने में मददगार होगा। रेल क्षेत्र में इंजीनियरिंग, खरीद एवं निर्माण करने वाली प्रमुख कंपनी कालिंदी रेल निर्माण (इंजीनियर्स) लिमिटेड के शेयर में 9.26 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। रेल क्षेत्र की विनिर्माण कंपनी टेक्समाको रेल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड के शेयर 8.78 फीसदी लुढ़क गये। रेलगाड़ी के डिब्बों की आपूर्ति करने वाली कंपनी टीटागढ़ वैगंस लिमिटेड को 8.40 प्रतिशत का नुकसान हुआ। रेलवे के लिए ऊर्जा उपकरण बनाने एवं डिजायन करने वाली कंपनी हिंद रेक्टीफायर्स के शेयर भी 7.69 प्रतिशत गिरे।
लोकोमोटिव ब्रेक सिस्टम बनाने वाली अग्रणी कंपनी स्टोन इंडिया लिमिटेड के शेयरों में 5.74 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी। रेलगाड़ियों एवं उनके परिचालन से संबंधित सुरक्षा उपकरण बनाने वाली कंपनी केर्नेक्स माइक्रोसिस्टम्स (इंडिया) लिमिटेड को भी 4.89 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा। ट्रेनों के कोच बनाने वाली सार्वजनिक कंपनी बीईएमएल के शेयर 4.06 फीसदी लुढ़के। हालाँकि, रेल बजट में ढुलाई के लिए अलग गालियारा विकसित किये जाने, हाईस्पीड मालगाड़ियों का प्रावधान करने, बंदरगाहों तक रेलवे संपर्क बढ़ाने, पूर्वाेत्तर भारत में ढुलाई पर ध्यान देने समेत कई अन्य प्रावधान किये जाने के कारण कंटेनर बनाने वाली एवं अन्य लॉजिस्टिक सेवाओं से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में लिवाली हुई।
प्रमुख उद्योग संगठनों ने रेल बजट का स्वागत किया है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष सुमित मजूमदार ने रेल बजट को निवेश बढ़ाने वाला बताया। उन्हाेंने कहा “रेल बजट में निवेश, रोजगार सृजन, सुरक्षा तथा यात्री सुरक्षा पर फोकस है जो सरकार की दूरदृष्टि को रेखांकित करता है। इससे देश की विकास दर उसकी पूर्ण क्षमता के करीब तक ले जाने में मदद मिलेगी।” उन्होंने कहा कि बजट में उद्योगों की अपेक्षाओं के साथ आम आदमी की उम्मीदों का भी ध्यान रखा गया है तथा उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा देने का लक्ष्य रखा गया है। श्री मजूमदार ने कहा कि रेल बजट में निवेश बढ़ाने पर जोर दिया गया है, विषेशकर इंफ्रास्ट्रक्चर में। उन्होंने तीन नये माल ढुलाई गलियारों के विकास तथा निजी सार्वजनिक भागीदारी के जरिये लॉजिस्टिक पार्कों और वेयरहाउसों के निर्माण की घोषणा का भी स्वागत किया।

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