भरतपुर , 23 फरवरी, राजस्थान के भरतपुर में जाट आरक्षण की मांग को लेकर किया जा रहा आंदोलन सरकार से बातचीत के बाद आज शाम समाप्त हो गया। भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति एवं सरकार के बीच समझौता वार्ता के बाद आंदालन समाप्त करने की घोषणा कर दी गई। समिति के अगुआ एवं विधायक विश्वेन्द्र सिंह तथा सरकार के प्रतिनिधि एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी के बीच हुई वार्ता में जाट समुदाय की मांगों को बिना शर्त मान लिया गया। इसके बाद श्री सिंह एवं श्री चतुर्वेदी ने संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि राज्य सरकार विधानसभा सत्र से पहले ही अन्य पिछडा वर्ग आयोग (ओबीसी) को भरतपुर भेजेगा, जाटों का आरक्षण विधेयक पारित कर सरकार केंद्र एवं राज्य में जाटों को आरक्षण की पहल करेगी तथा आंदोलन के दौरान हुई तोड़फोड़ तथा हिंसा के लिए किसी के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की जायेगी। इससे पूर्व श्री सिंह के समझौता वार्ता का बहिष्कार कर वार्ता स्थल से चले जाने से वार्ता बेनतीजा रही ।
जाट आंदोलन को लेकर सरकारी की तरफ से बातचीत करने के लिए श्री चतुर्वेदी कल ही भरतपुर आ गए और आंदोलन समाप्त करने का प्रयास शुरु कर दिया गया था। आंदोलन के समाप्त करने की घोषणा से अस्तव्यस्त जनजीवन के फिर से पटरी पर लौटने से लोगों एवं पुलिस एवं प्रशासन ने राहत की सांस ली। उल्लेखनीय है कि गत 21 फरवरी को सरकार ने भरतपुर में आरक्षण पर जाट समुदाय को आश्वस्त करने के बाद श्री सिंह ने आगे आंदोलन जारी नहीं रखने का ऐलान किया था लेकिन जाटों ने बिना किसी ठोस आश्वासन के आंदोलन समाप्त नहीं किया और सायं दिल्ली - मुम्बई रेल मार्ग पर पटरियां उखाड कर मार्ग अवरुद्ध कर दिया था। इसके बाद आंदोलन के हिंसक होने पर जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई तथा कैबिल एवं इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई थी। इसके बाद आंदोलनकारियों ने हेलक रेलवे स्टेशन पर खडी मालगाडी के इंजन में आग लगा दी तथा पपरेरा रेलवे स्टेशन एवं डीग बस स्टेण्ड पर भी आगजनी की घटनाएं हुई।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें