नयी दिल्ली, 01 फरवरी, वेतन नहीं मिलने से नाराज दिल्ली के निगमों के करीब डेढ़ लाख कर्मचारियों की हड़ताल आज छठे दिन भी जारी रही, हड़ताल में अध्यापक और डाक्टर भी शामिल हो गये जिससे स्कूल से बच्चों को वापस जाना पड़ा और अस्पताल में मरीजों का बुरा हाल है। सफाई कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने की बजह से राजधानी में जगह-जगह कूडे के ढेर लगे हुए है। दिल्ली सरकार ने लोक निर्माण विभाग के जरिये कूड़ा उठवाने का दावा किया है लेकिन इसका बहुत असर नजर नहीं आ रहा है। उपराज्यपाल नजीब जंग ने दोपहर आपात बैठक बुलायी । श्री जंग ने सफाई कर्मचारियों को भरोसा दिया कि उनकी समस्या का समाधान जल्दी कराया जायेगा लेकिन इसके बावजूद कर्मचारी हड़ताल पर है। उधर सफाई कर्मचारियों ने दिल्ली सरकार के मंत्रियों और विधायकों के घर पर कूड़ा फेंकर अपना गुस्सा निकाला। त्रिलोकपुरी के विधायक राजू झियांग के घर कूड़ा फेंका गया ।
कर्मचारियों की प्रदर्शन की बजह से मयूर बिहार के त्रिलोकपुरी और कई अन्य जगहों पर यातयात जाम हुआ। सफाई कर्मचारियों ने पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा के घर के बाहर भी कूड़ा फेंका । दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग द्वारा कूड़ा उठवाने के दावे पर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने आज सवाल खड़े किये और इसे नौटंकी करार देने के साथ ही इसके जरिय भारी घोटाले का आरोप लगाया । दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने उत्तरी निगम के महापौर रवीन्द्र गुप्ता, पूर्वी हर्ष मल्होत्रा और दक्षिण निगम में सदन के नेता आशीष सूद के साथ संवाददाता सम्मेलन कर दिल्ली सरकार के कूड़ा उठाने के दावे को जनता को मूर्ख बनाने वाला बताया। श्री उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली सरकार का दावा है कि लोक निर्माण विभाग के 91 ट्रक कूड़ा उठा रहे हैं लेकिन पिछले दो दिन के दौरान केवल 19 चक्कर अर्थात 93 टन कूड़ा गाजीपुर स्थित सेन्ट्री लैंड फिल्ड पर गया। बाकी ट्रकों ने कूड़ा कहां उठाया और कहां फेंका । उनका दावा था कि हड़ताल के बावजूद पूर्वी दिल्ली निगम के 222 चक्कर केजरिये 934 टन कूड़ा उठाया गया। उत्तरी दिल्ली निगम ने 314 चक्कर से 2100 मीट्रिक टन और दक्षिण दिल्ली ने 330 चक्कर लगाकर 1839 टन कूड़ा सेन्ट्री लैंड फिल्ड पर कूड़ा भेजा। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी(आप) के सरकार घोटालों और भ्रष्टाचार के पर्याय बन गयी और अब कूड़ा उठाने के नाम पर घोटाला कर लिया।
दिल्ली सरकार के निगमों को वेतन के मद में पूरा पैसा देने के दावे को भी झूठा करार देते हुये श्री उपाध्याय ने कहा कि पूर्वी दिल्ली को 1104 करोड़ के मुकाबले 465 करोड़ रूपया दिया गया । उत्तरी दिल्ली निगम को 2700 करोड़ में से 890 करोड़ और दक्षिणी दिल्ल को 1796 करोड़ में से 690 करोड़ रूपया दिया गया । तीसरे वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर तीनों निगमों का सरकार पर 3000 करोड़ रूपया बकाया है। श्री उपाध्याय ने कहा कि सरकार बराबर झूठ बाल रही है और नैतिकता के आधार पर उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। प्राथमिक स्कूलों के अध्यापकों के हड़ताल में शामिल हो जाने से निगम के विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब 12 लाख बच्चों के लिये दिक्कतें पैदा हो गयी हैं। निगमों के सातों अस्पतालों में हड़ताल के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पर बुरा असर पड़ा है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने सरकार पर अपने बकाये को लेकर उच्च न्यायालय में गुहार लगायी है। न्यायालय में दायर हलफनामे में निगम ने कहा है कि 2012 से अब तक 627 करोड़ रूपया सरकार ने नहीं दिया है । तीसरे वित्त आयोग सिफारिशों के आधार पर चालू वित्त वर्ष के 101 करोड़ रूपये नहीं दिये गये हैं। इस मामले पर न्यायालय में कल सुनवाई होगी।

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